गंगा नदी में तैरती नजर आई लाशें, पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से मांगा जवाब
बिहार के बक्सर जिले में बीते दिनों गंगा नदी के घाटों पर विभिन्न लाशें तैरती हुई नजर आई थीं। वहीं अब इस मामले ने तुल पकड़ लिया है। बुधवार को कोरोना मामले की सुनवाई के दौरान पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल दिया।;
बिहार (Bihar) के बक्सर जिले (Buxar District) के चौसा शहर (Chausa City) में गंगा नदी के किनारे पर सोमवार को करीब 40- 45 लाशें (Ganges river corpses) तैरती हुई दिखाई दी। इसके बाद बक्सर में गंगा नदी के घाटों पर इसी तरह अन्य लाशें भी देखी गई। इस मामले को लेकर कोरोना (Corona) संकट के दौर में पूरे बिहार में भय का माहौल उत्पन्न है। वहीं अब बक्सर जिले में गंगा नदी के घाटों पर लाशें मिलने के मामले ने तुल पकड़ लिया है।
बुधवार को कोरोना मामलों की सुनवाई के दौरान पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने बक्सर गंगा नदी लाशों मामले पर हस्तक्षेप किया है। पटना हाईकोर्ट ने बक्सर में गंगा नदी में पाई गई लाशों के मामले पर राज्य की नीतीश सरकार (Nitish Government) से कल तक जवाब देने को कहा है। पटना हाईकोर्ट में बुधवार को राज्य में जारी कोरोना महामारी के मामलों को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए बक्सर के पास गंगा नदी में मिले शवों के संबंध में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि कि उसने एक 12 सदस्यीय दक्ष कमेटी का गठन किया है। ये कमेटी राज्य में कोरोना प्रबंधन को लेकर राज्य सरकार को विशेष राय और परामर्श देगी।
पटना एम्स के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने उच्च न्यायालय को बताया कि राज्य पीएचसी और रेफरल अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था करना जरूरी है। ऑक्सीजन की कमी के चलते कोरोना मरीज पटना और प्रदेश के अन्य शहरों की ओर भाग रहे हैं। राज्य सरकार की तरफ से एक विस्तृत रिपोर्ट उच्च न्यायालय में पेश की गई। बिहार सरकार ने कोरोना नियंत्रण के लिए और मरीजों के इलाज के लिए हो रही कार्रवाई का ब्यौरा भी अदालत में दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से राज्य को और भी ज्यादा ऑक्सीजन उपलब्ध कराए जाने का भरोसा दिया गया। पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी के मामलों को लेकर गुरुवार भी सुनवाई होगी।