पीएम मोदी ने मन की बात में की ये खास अपील और सुर्खियों में छा गया मधुबनी का यह गांव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात में बिहार के मधुबनी जिले के सुखैत मॉडल का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि मधुबनी का सुखैत मॉडल काफी लोकप्रिय है। पीएम मोदी ने इसकी सराहना करते हुए तमाम पंचायतों से इस मॉडल को अपनाने की भी अपील की।;

Update: 2021-08-29 13:47 GMT

बिहार (Bihar) के मधुबनी (Madhubani) जिले में स्थित सुखैत गांव (sukhet Village) देशभर में सुर्खियों में छा गया है। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम (Mann Ki Baat Program) के दौरान सुखैत गांव में जारी कचरा प्रबंधन की काफी सराहना की। जानकारी के अनुसार मधुबनी जिले में यह गांव जिले के झंझारपुर अनुमंडल में पड़ता है। यहां के निवासी कचरे से कमाई का सुखैत मॉडल (Sukhet Model) अपना कर बेकार की चीजों से धन कमा रहे हैं। पीएम मोदी ने रविवार को अपने मन की बात के दौरान देशभर की पंचायतों में मधुबनी जैसा सुखैत मॉडल अपनाए जाने की अपील (PM Narendra Modi appeal) की। पीएम मोदी ने बताया कि सुखैत गांव के लोग इस मॉडल को अमल में लाकर चार तरह से फायदा प्राप्त कर रहे हैं। सुखैत मॉडल से स्वच्छ भारत अभियान में गांव के निवासियों की भागीदारी सुनिश्चित हो रही है। साथ ही गांव को गंदगी से निजात मिल रही है। ग्रामीण महिलाओं को घरेलू गैस सिलेंडर के लिए पैसे मिल रहे हैं। वहीं किसानों के लिए वर्मी कम्पोस्ट मिल रहा है।

सुखैत मॉडल के बारे में जानें

आपको बता दें बीते फरवरी माह में डॉ राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा और कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से मधुबनी जिले स्थित सुखैत गांव में कचरा प्रबंधन से जुड़ी एक योजना की शुरुआत की गई। इसको 'कचरे से कमाई' नाम दिया गया था। विवि के कुलपति डॉ रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने योजना को शुरू किया था। जिसके तहत विवि की ओर से गांव के लोगों को अपने घर का गीला व सूखा कचरा रखने के लिए अलग-अलग दो डस्टबिन हरा और नारंगी रंग का दिया गया। इसके बाद विवि की ओर से घर घर पहुंचकर जमा कचरे को वहां से उठाया जाता है। जिसके बाद इन कचरों से वर्मी कम्पोस्ट तैयार होती है। इसके बाद तैयार वर्मी कम्पोस्ट बाजार में उतारी जाती है। जिससे होने वाले फायदा में से गांव के लोगों को भी दिया जाता है। किसान कृषि विश्वविद्यालय से वर्मी कम्पोस्ट लेते हैं। किसान इस वर्मी कम्पोस्ट से खेतों में अच्छी उपज ले रहे हैं। डॉ राजेन्द्र प्रसाद कृषि विवि ने इस मॉडल को गांव के नाम पर सुखैत मॉडल नाम दिया है।

योजना से 15 ग्रामीणों को मिलता है रोजगार

योजना में 15 ग्रामीणों को रोजगार भी मिला है। साथ ही योजना से जुड़े परिवारों को प्रति दो महीने पर एक गैस सिलेंडर दिया जाता है। इसमें खास बात ये भी है कि इस सिलेंडर की खरीद में हासिल सब्सिडी के पैसे भी लाभूकों को ही मिलते हैं।

अपने मन की बात कार्यक्रम के दौरान आज पीएम नरेंद्र मोदी ने इसकी खूब सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि सुखैत मॉडल आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन का मॉडल है। इसके कई लाभ भी हैं। गांव के गंदगी मुक्त रहने से ग्रामीणों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। साथ गृहणियों फ्री घरेलू गैस सिलेंडर भी मिलेगा। वहीं किसानों को उत्तम खेती हेतु जैविक खाद मिलेगा। इस वजह से देशभर की प्रत्येक पंचायत में इस सुखैत मॉडल को अपनाया जाना चाहिए। 

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