लालू यादव ने अन्य आरोपियों के साथ चारा घोटाले से सबंधित मामले की सुनवाई को लेकर लगाई ये गुहार

चारा घोटाले में बीते कुछ दिनों पहले बेल पर जेल से बाहर आए राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नई चाल चल दी है। लालू यादव ने अन्य आरोपियों के मिलकर निवेदन किया है कि फिजिकल अदालत शुरू होने तक वर्चुअल सुनवाई को टाल दें।;

Update: 2021-08-10 05:34 GMT

बिहार (Bihar) के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (RJD chief Lalu Prasad Yadav) पिछले कुछ दिनों पहले ही चारा घोटाले (fodder scam) में जमानत पर जेल से बाहर आया है। वहीं अब लालू यादव (Lalu Yadav) ने एक नया दांव चल दिया है। लालू यादव ने चारा घोटाले मामले के सबसे बड़े केस को 77 अन्‍य आरोपियों के साथ मिलकर निवेदन किया है कि वर्चुअल सुनवाई (virtual hearing) को फिजिकल अदालत (physical court) शुरू होने तक स्थगित कर दें। आपको बता दें बचाव पक्ष की ओर से डोरंडा कोषागार (Doranda Treasury) से जुड़े 139 करोड़ 35 लाख रुपये की अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाले के सबसे बड़े केस में बहस शुरू की जानी है। वहीं अब बचाव पक्ष की ओर से फिजिकल कोर्ट में बहस शुरू करने की गुहार लगाई गई है।

जानकारी के अनुसार सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि के कोर्ट में सोमवार को चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 47ए/96 में केस का सामना कर रहे लालू प्रसाद यादव समेत कुल 78 आरोपियों की ओर से उनके पैरवीकार अधिवक्ताओं द्वारा ये अर्जी डाल गई। अर्जी में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, डॉ. आरके राणा, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, पशुपालन विभाग के तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक डॉ. केएन झा, सहायक निदेशक डॉ. केएम प्रसाद और 72 अन्य आरोपी शामिल हैं।

सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह की ओर से कहा गया है कि बचाव पक्ष की तरफ से अर्जी में मांग उठाई गई है कि फिजिकल अदालत शुरू होने पर मामले में बहस शुरू करें। यह भी मांग रखी है कि उस वक्त तक मामले की सुनवाई को टाल दिया जाए। बचाव पक्ष का कहना है कि वर्चुअल कोर्ट में बहस शुरू करने में दिक्कत सामने आएगी। वहीं कोर्ट ने बचाव पक्ष की अर्जी पर अभियोजन को जवाब दायर करने का निर्देश दिया है। वहीं कोर्ट ने मुकदमे की अगली सुनवाई की तारीख 11 अगस्त तय की है। आपको बता दें कि 7 अगस्त को कोर्ट में अभियोजन पक्ष की जारी बहस पूरी हो गई है। इसके बाद मुकदमे में बचाव पक्ष की बहस शुरू होनी है।

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