पिछले वर्ष बाढ़ में हो गया था लापता, अब मिला नरकंकाल, ग्रामीणों ने ऐसे की युवक की पहचान
बिहार के छपरा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक नरकंकाल गांव वालों को मिला है। जिसकी पहचान ग्रामीणों ने एक गांव निवासी युवक के रूप में की है। इस युवक की मौत बीते साल बाढ़ में डूबने से हो गई थी।;
बिहार (Bihar) में बाढ़ (Flood) आना कोई नई बात नहीं है। करीब-करीब हर वर्ष बिहार के उत्तरी क्षेत्रों में, विशेष तौर पर कोसी, सोन, गंडक नदी के पास बसे इलाकों के लोगों को बाढ़-कटाव का दंश झेलना ही पड़ता है। यहां पर उफनाई हुई नदियां लोगों की जमापूंजी अपने साथ बहाकर ले जाती हैं। कई बार तो तबाही के मंजर काफी भयावह होता है और कई लोग भी इस बाढ़ के पानी में बहकर अपनी जान गंवा देते हैं। फिलहाल एक ऐसी ही हैरान कर देने वाली घटना छपरा (Chhapra) जिले से सामने आई है। यहीं से वर्ष 2020 में आई बाढ़ के दौरान लापता हुआ युवक इस साल लोगों को मिला है, लेकिन वो मिला ऐसी हालत में है कि देखने वाले भी खौफजदा हो गए।
जानकारी के अनुसार छपरा 'सारण' 'Saran' जिले के तरैया थाना इलाके के टिकमपुर गांव स्थित कमलेश सिंह की फलवारी से एक नरकंकाल (hellfire) बरामद हुआ है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि लोगों ने अपने स्तर पर इस नरकंकाल (skeleton) की पहचान भी कर ली। ग्रामीणों के अनुसार यह नरकंकाल आकुचक गांव के रहने वाले अवधकिशोर सिंह के 19 वर्षीय बेटे शनि कुमार का है। ग्रामीणों के बताए अनुसार शनि एक वर्ष पहले बाढ़ में डूबकर मर गया था। नरकंकाल की पहचान उसके पास मिट्टी में गड़े टी-शर्ट के आधार पर किया गया है। टिकमपुर के रहने वाले कमलेश सिंह ने बताया कि वह अपने फुलवारी में घोंघा चुनने के लिए गए थे। तभी पेड़ के पास एक नरकंकाल दिखाई दिया। जिसकी सूचना उसने अन्य गांव वालों को दी। सूचना मिलने पर आकुचक के रहने वाले अवधकिशोर सिंह भी मौके पर पहुंचे। जहां पर उन्होंने देखा कि जिस रंग का टी-शर्ट नरकंकाल के पास मिला है, एक वर्ष पहले यही कपड़ा पहने हुए उनका बेटा बाढ़ में डूब गया था। इससे गांव वालों को भरोसा हो गया कि यह नरकंकाल मृतक युवक शनि कुमार का ही है।
गांव वालों ने पूरे मामले की सूचना स्थानीय पुलिस (Police) को दी। जिसपर तरैया थाना अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। जहां से उन्होंने नरकंकाल को अपने कब्जे में लिया और आगे की जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेज दिया है। याद रहे 29 जुलाई 2020 को बाढ़ आई थी। उसी दौरान बाजार जाने के क्रम में युवक शनि कुमार का पैर आकुचक-फरीदपुरा पुल के पास फिसल गया था। जिससे वह पानी में डूब गया था। उस वक्त उसकी काफी खोजबीन की गई, लेकिन शव बरामद नहीं हो सका था। ग्रामीणों के मुताबिक शव मिट्टी व झाड़ी में दब गया था। इस समय लगातर हो रही बारिश की वजह से ऊपर की काफी मिट्टी की परत बह गई, जिससे नरकंकाल दिखाई दे गया। जानकारी के अनुसार अब नर कंकाल व मृतक के पिता का डीएनए (DNA) जांच की जाएगी। जिससे स्पष्ट हो सके कि नरकंकाल उसी युवक का है या किसी अन्य शख्स का है।