भाजपा नेता का शराब पीते हुए वीडियो वायरल, विपक्ष ने उठाई सख्त कार्रवाई की मांग
बिहार में जहरीली शराब से मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि मधुबनी में एक भाजपा नेता का शराब पीते हुए एक वीडियो वायरल हुआ है। जिस पर विपक्ष ने काईवाई की मांग उठाई है।;
बिहार (Bihar) में पूर्ण रूप से शराबबंदी (prohibition) लागू है। बावजूद इसके राज्य में आए दिन शराब को लेकर नए-नए मामले सामने आते रहते हैं। अब मधुबनी (Madhubani) जिले के झंझारपुर से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (alcohol video viral) हुआ है। जिसमें कथित तौर पर झंझारपुर भाजपा जिला अध्यक्ष सियाराम साहु (BJP leader siyaram sahu) शराब पीते दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि हरिभूमि नहीं करता है। वीडियो वायरल होने पर विरोधी पार्टियों ने सियाराम साहु के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है।
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार झंझारपुर जिला अध्यक्ष सियाराम साहु ने वायरल वीडियो को फेक बताया है। कहा जा रहा है कि जिस जगह वह शराब पी रहे हैं। वह पार्टी ऑफिस का एक रूम है। वीडियो में उस वक्त सिगरेट भी दिख रही है। मेज पर शराब की खुली बोतल और कुछ खाने की चीजें भी दिख रही हैं।
विपक्षी नेताओं ने कही ये बात
मामले पर कांग्रेस पार्टी के जिला महासचिव आनंद कुमार झा ने कहा कि झंझारपुर भाजपा जिला अध्यक्ष का सामने आया यह वीडियो निंदनीय है। इस वायरल वीडियो की उच्च स्तरीय जांच हो। साथ ही उनके खिलाफ उचित एक्शन लिया जाए।
मामले पर राजद अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अधिवक्ता हरेराम राय ने कहा कि सामने आए वीडियो से साफ पता चल रहा है कि सत्ताधारी पार्टी के लोग ही बिहार में शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वहीं जदयू सांसद प्रतिनिधि दिलीप भंडारी का कहना है कि वायरल वीडियो की सत्यता की जांच होनी चाहिए।
सियाराम साहु ने करार दी साजिश
मामले पर झंझारपुर भाजपा जिला अध्यक्ष सियाराम साहु ने कहा कि हम लोग शराब नहीं पीते हैं। हमें साजिश के तहत फंसाने के लिए फेक वीडियो वायरल किया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ऑफिस में शराब पीने की बात निराधार है। पार्टी ऑफिस करीब दो महीने से बंद है।
मधुबनी भाजपा जिलाध्यक्ष शंकर झा ने बताया कि वायरल वीडियो हमारी नजर में भी आया है। जिसमें झंझारपुर भाजपा जिला अध्यक्ष शराब के साथ दिखाई दे रहे हैं। इस पर जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया है कि उक्त वायरल तस्वीरें करीब 10 साल पुरानी हैं।
मामले पर झंझारपुर एसडीपीओ आशीष आनंद का कहना है कि वायरल वीडियो की सत्यता की जांच कराई जाएगी। यदि आरोप सही मिले तो उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई होगी।