मौसम की जानकारी : अधिकांश नदियां लाल निशान के पार बह रही, बिहार में बाढ़ का खतरा मंडराया

नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र के साथ-साथ उत्तर बिहार में भी दो दिनों से भारी बारिश हो रही है। जिसके के बाद बाढ़-कटाव की स्थिति विकराल होती जा रही है। सूबे की अधिकांश नदियां लाल निशान को पार कर गईं है।;

Update: 2020-07-12 03:49 GMT

चंपारण, मिथिलांचल, कोसी, सीमांचल व पूर्वी बिहार के जिलों की नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। कोसी, बागमती, कमला और गंडक के साथ-साथ लालबकेया, अधवारा आदि कुछ छोटी नदियों में भी उफान से विभिन्न जिलों के लगभग 50 से अधिक गांव-टोले शनिवार को पानी में घिर गये हैं। मधुबनी के झंझारपुर में पुनर्दाहा के पास कमला बलान तटबंध में हेवी रेन कट के बाद उसकी सुरक्षा में जल संसाधन विभाग की टीम जुट गई है।

मुजफ्फरपुर के औराई-कटरा में तटबंध पर बागमती के बढ़े जलस्तर का भारी दबाव आ गया है। चंपारण, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी व शिवहर के निचले इलाकों में स्थिति विकट होती जा रही है। पानी से घिरे गांव के लोग बांध व एनएच जैसे ऊंचे स्थानों पर तंबू गाड़ शरण लेने लगे हैं। ऊपर से लगातार हो रही बारिश में बाढ़ पीड़ित दोहरी मुसीबत झेल रहे हैं। मोतिहारी-शिवहर मार्ग और घनश्यामपुर-बाऊर सड़क पर चार से पांच फीट तक बाढ़ का पानी बह रहा है।

सुपौल में पिछले दो दिनों से कोसी में ढाई लाख क्यूसेक पानी के डिस्चार्ज के बाद नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। तटबंध के अंदर बसे लगभग तीन दर्जन गांव में बाढ़ का पानी फैल गया है। इधर, चंपारण में वाल्मीकिनगर बराज से 2.51 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंडक का दबाव पीपरा-पिपरासी टतबंध पर बढ़ गया है। वाल्मीकिनगर के झंडाहवा टोला एसएसबी सीमा चौकी में बाढ़ का पानी घुस गया है।

वाल्मीकिनगर बराज से लगातार पानी छोड़े जाने से स्थिति गंभीर होती जा रही है। बाढ़ का पानी गोपालगंज सदर व बैकुंठपुर के बारह गांवों में घुस गया है। गंडक खतरे के निशान से पतहरा में 35, डुमरिया घाट में 15 व मटियारी में 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। सदर प्रखंड के जगीरी टोला, खाप मकसूदपुर, रामनगर, मलाही टोला, केरवनिया टोला, मंझरिया, टोला कीनूराम, पकड़िया व बैकुंठपुर के पकहा,शीतलपुर,महरानी व खोम्हारीपुर गांवों के खेत-खलिहानों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से ग्रामीणों में हाय तौबा मची हुई है।  

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