दुमका से लेह-लद्दाख के लिए पहली श्रमिक ट्रेन हुई रवाना, BRO के लिए भेज गए 1600 मजदूर

शनिवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए 1600 मजदूरों (Migrant Labor) को लेह-लद्दाख भेजा गया है, जो बीआरओ के लिए काम करेंगे।;

Update: 2020-06-14 09:25 GMT

झारखंड में शनिवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए संथाल परगना प्रमंडल के 1600 मजदूरों को दुमका से लेह-लद्दाख भेजा गया। यह सभी मजदूर सीमा सड़क संगठन (BRO) के लिए काम करेंगे। हेमंत सरकार ने शनिवार को ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

साथ ही उनका यह भी कहना है कि यहां लौट कर आए सभी मजदूरों को काम दिया जाएगा। इसके अलावा अन्य राज्यों के मजदूर,जो यहां काम कर रहें हैं. उन सभी लोगों को भी काम दिया जाएगा। अब किसी भी तरह से मजदूरों के साथ उत्पीड़न नहीं होगा।

मजदूरों की सुरक्षा के तहत रोजगार दिया जाएगा। इसके लिए योजना की तैयारी की जा रही है, जिसके तहत सभी प्रवासी को रोजगार दिया जाएगा। कामगाराें की नियुक्ति से लेकर उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण का पूरा ख्याल रखा जाएगा। 

बता दें कि सीमा सड़क संगठन (BRO) ने हेमंत सरकार से करीब 11,000 से ज्यादा मजदूरों की डिमांड की थी। इस पर सरकार ने कहा कि हम अपने मजदूरों को राष्ट्र की सेवा करने के लिए भेज रहे हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि हम उनके सम्मान, कल्याण अधिकार, लाभ और गरिमा के साथ किसी तरह के समझौते करें।

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राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और साथ ही हमने इसे भी प्राथमिकता दी है कि राष्ट्र की सेवा करते वक्त हमारे श्रमिकों का सम्मान, गरिमा और अधिकार संरक्षित रहें। इस माैके पर बीआरओ के एडीजे अनिल कुमार ने कहा कि लद्दाख जैसे दुर्गम इलाकों में सामान्य मजदूर काम नहीं पा रहे हैं।

झारखंड के मजदूर काफी मेहनती और लगनशील होते हैं। इनका श्रमदान देश हित में होता है। इन खूबियाें काे देखकर ही बीआरओ काफी सालों से झारखंड के मजदूराें काे काम के लिए ले जाता है। बताया जा रहा है कि सीमावर्ती क्षेत्राें में सड़क निर्माण के लिए झारखंड से सात स्पेशल ट्रेनाें में मजदूराें काे ले जाएगा।

पहली ट्रेन शनिवार को रवाना हुई। अब 16, 20, 24, 28 जून और 4 जुलाई को ट्रेनें रवाना होंगी।

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