Jharkhand Mining Lease Case: चुनाव आयोग आज सुनेगा सीएम हेमंत सोरेन का पक्ष, मुश्किल में हैं मुख्यमंत्री
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मांग है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चुनाव कानूनों के तहत विधायक के रूप में अयोग्य करार दिया जाए।;
झारखंड के माइनिंग लीज केस (Jharkhand Mining Lease Case) में आज चुनाव आयोग (Election Commission) राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) के वकील की दलीलें सुनेगा। इस केस में भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग में शिकायत की है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मांग है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चुनाव कानूनों के तहत विधायक के रूप में अयोग्य करार दिया जाए। यह मामला झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में भी विचाराधीन है।
चुनाव आयोग (EC) ने पिछले महीने 28 जून को जब सुनवाई शुरू की थी तब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एडवोकेट ने जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 9 ए के तहत सीएम हेमंत सोरेन को विधायकी के अयोग्य करार देने की मांग की थी। यह धारा सरकारी ठेके आदि लेने पर जनप्रतिनिधि को अयोग्य करार (disqualification) दिए जाने से संबंधित है।
सीएम हेमंत सोरेन को कानून के तहत नोटिस जारी किया
जानकारी के लिए आपको बता दें कि झारखंड के राज्यपाल ने इस मामले को चुनाव आयोग को भेजने के बाद चुनाव आयोग ने मई में सीएम हेमंत सोरेन को कानून के तहत नोटिस जारी किया था। हालांकि, शुरुआती सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री के वकीलों की टीम ने कहा था, जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 9A इस मामले में लागू नहीं होती है। इस दावे के समर्थन में उन्होंने उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय को भी चुनाव आयोग के समक्ष संदर्भ के तौर पर पेश किया था। खबरों से मिली जानकारी के मुाबिक, इस तरह के मामलों की सुनवाई चुनाव आयोग के अर्द्ध न्यायिक निकाय के रूप में करता है। इसी मामले में झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका विचाराधीन है।