Janmashtami 2021 : जन्माष्टमी पर जानें भगवान कृष्ण के जन्म की पूरी कहानी, ऐसे लिया था अवतार
जन्माष्टी का त्यौहार 30 अगस्त में देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण ने अंधेरी रात में रोहिणी नक्षत्र में मथुरा की जेल में जन्म लिया था। आइए तस्वीरें के माध्यम से जानते हैं, उनकी जन्म कथा के बारे में।;
Janmashtami 2021 : जन्माष्टमी का त्यौहार 30 अगस्त में देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण ने अंधेरी रात में रोहिणी नक्षत्र में मथुरा की जेल में जन्म लिया था। आइए तस्वीरें के माध्यम से जानते हैं, उनकी जन्म कथा के बारे में।
दरअसल, कृष्ण की मां देवकी का एक भाई थी, जिसका नाम कंस था। कंज उस समय का बहुत ही दुर्व्यसनी राजा था, उसके पाप धरती पर बढ़ता जा रहा था, यही नहीं वह अपने पिता राजा उग्रसेन को कारागार में बंद कर खुद गद्दी पर बैठ गया था, लेकिन वह अपनी बहन से बहुत प्यार करता था।
कंस की बहन देवकी का विवाह वसुदेव नामक यदुवंशी सरदार से हुआ था। जब एक बार कंस अपनी बहन को सुसराल जा रहा था तो रास्ते में एक आकाशवाणी हुई 'हे कंस, जिस बहन को तू बड़े प्यार से ले जा रहा है, एक दिन उसका ही आठवीं संतान तेरे वध करेगी।'
इसके बाद कंस इतना डर गया कि उसने वासुदेव को मारने के लिए तलवार उठा ली। मगर देवकी ने अपनी पति की जान बचाने के लिए कंस से कहा कि उसे जब भी कोई बच्चा होगा, वह उसे दे देगी। कंस ने देवकी की बात मान ली और उन्हें मथुरा की जेल में डाल दिया।
देवकी को सात बच्चे हुई और कंस ने सबको एक-एक कर मार डाला अब बारी आठवें बच्चे की थी और कंस को अपनी मौत का डर सता रहा था। उसने कारागार के पास पहरा और कड़ा कर दिया।
लेकिन जब कृष्णा का जन्म हुआ तो सारे पहरेदार सो गए और कारागार के दरवाजे अपने आप खुल गए। ऐसा संयोग बना की यशोदा मां ने भी एक कन्या को जन्म दिया, लेकिन वह कन्या नहीं बल्कि एक माया था, जिसका मकसद कंस को बेवकूफ बनाना था।
अब इधर वासुदेव का कृष्ण को बचाना था, वह उन्हें सूप में रखकर चल दिए आसमान से बिजली कड़क रही थी, बारिश हो रही थी, वासुदेव यमुन नदी को पार करते हुए नंदनी के घर पहुंचे
कान्हा को मैया यशोदा के पास सुला दिया और कन्या को मथुरा लेकर चले गए। इसके बाद फिर सबकुछ पहले जैसा हो गया।
जब कंस का पता चला कि देवकी को आठवीं संतान हो गए है तो वह कारागार में पहुंचा और देवकी के हाथ से कन्या को छिन लिया, लेकिन जैसे की कंस कन्या को जमीन पर पटकने की कोशिश करता है, तो वह कन्या आकाश में उड़ जाती है और कहती है, मूर्ख तुझे मारने वाला तो पैदा हो गया है। इसके बाद भगवान कृष्ण कंस को उनसे पांपों का दंड़ देते है।