भारत विश्व गुरु था और आगे भी बन सकता है
prize distribution in gandhi jayanti/ more possibility of india make world leader;
भोपाल। आज गांधी के आदर्शोंं को समझने की आवश्यकता ज्यादा है। समाज में कई ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने इन आदर्शों को जिया है। गांधी के आदर्श हमें अपनी जड़ों की ओर ले जाते हैं। यह कहना है इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य - सचिव और सुविख्यात रंग निदेशक सच्चिदानंद जोशी का। वे गांधी जयंती पर सप्रे संग्रहालय में महात्मा गांधी अलंकरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। गांधी जयंती के अवसर पर समारोह का आयोजन माधवराव सप्रे संग्रहालय द्वारा किया गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी कर रहे थे। इस अवसर पर साहित्य,पत्रकारिता,विज्ञान, शिक्षा आदि क्षेत्रों की पांच विभूतियों को सम्मानित किया गया। संग्रहालय द्वारा दिया जाने वाला महात्मा गांधी सम्मान से शिक्षाविद् प्रो. गिरीश्वर मिश्र को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही हाल ही में संघलोक सेवा आयोग की परीक्षा में दूसरा और महिला वर्ग में प्रथम आने वाली शहर की बेटी जागृति अवस्थी को 'गौरव युवा प्रेरक सम्मानझ् प्रदान किया गया।
भारत कभी विश्व गुरु था और आगे भी बन सकता है
अपने उद्बोधन में मुख्यअतिथि जोशी ने आगे कहा कि भारत कभी विश्व गुरु था और आगे भी बन सकता है लेकिन इसके लिए पहले हमें अपनी अल्पज्ञता और न्यूनता के बोध से बाहर निकलना होगा। उन्होंने सप्रे संग्रहालय को बौद्धिक तीर्थ बतलाते हुए कहा कि डिजिटल युग भी इस संस्थान ने संग्रहालय की महत्ता को बनाए रखा है।
भारतीय जन संचार संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी भी दी
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संजय द्विवेदी ने गांधी और शास्त्री दोनों को याद करते हुए कहा कि दोनों की स्मृतियां ही भारत को बड़ा बनाती हैं। दोनों ही सादगी की प्रतिमूर्ति थे। इस दौरान उन्होंने भारतीय जन संचार संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी भी दी। कार्यक्रम में ज्ञान तीर्थ सप्रे संग्रहालय संदर्भिका, पुरुषार्थी हरिकृष्ण दत्त स्मारिका और इंद्र बहादुर खरे की पुस्तक भारत वैभव का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम में समय-निष्ठा का संकल्प भी लिया गया।
इनका हुआ सम्मान
इस अवसर विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियों को सम्मानित किया गया। इनमें वरेण्य शिक्षाविद और मनोविज्ञान के ख्यातिलब्ध विद्वान
प्रो. गिरीश्वर मिश्र को महात्मा गांधी सम्मान से विभूषित किया गया। प्रिंट और डिजिटल मीडिया में समान अधिकार रखने वाले डा. प्रकाश हिंदुस्तानी को माधवराव सप्रे पुरुस्कार मेहरागांव की बेटी और अमेरिका में शोधरत युवा वैज्ञानिक माया विश्वकर्मा की महेश गुप्ता सृजन सम्मान, शैक्षिक नवाचार के लिए प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा को डा. हरिकृष्ण दत्त शिक्षा सम्मान और महाकौशल के प्रमुख पत्रकार मनीष गुप्ता को कमलेश सिजारीया पुरस्कार प्रदान किया गया। सम्मानित विभूतियों को प्रशस्ति पत्र,शाल,श्रीफल तथा पुस्तकें भेंट की गईं।