तब बच्चों को नहीं होगा एग्जाम फीयर
एग्जाम टाइम में कुछ बच्चे बहुत स्ट्रेस में रहते हैं। वे एग्जाम फीयर का शिकार हो जाते हैं। लेकिन पैरेंट्स बच्चों को इस सिचुएशन से आसानी से दूर रख सकते हैं। इसके लिए उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।;
आभा की बेटी स्नेहा के जैसे ही एग्जाम करीब आते हैं, तैयारी शुरू करती है, उसे बीच-बीच में सिरदर्द होने लगता है। कभी-कभी वह अपने दिल की धड़कनें तेज होती महसूस करती है। लेकिन जैसे ही स्नेहा के एग्जाम खत्म होते हैं, उसकी यह प्रॉब्लम खत्म हो जाती है। असल में यह एग्जाम फोबिया या फीयर के लक्षण हैं। कई बच्चों को इस तरह की समस्या होती है। दरअसल, वे एग्जाम का स्ट्रेस बहुत ज्यादा ले लेते हैं। ऐसे में जरूरी है, पैरेंट्स अपने बच्चों को एग्जाम फीयर से दूर रखें। इसके लिए कुछ बातों को अमल में लाएं, जो जरूरी हैं।
प्रेशर क्रिएट न करें
बच्चों में पढ़ाई को लेकर प्रेशर, स्ट्रेस पहले से ही होता है। वे अपने दोस्तों के बीच, क्लास में खुद को कमतर साबित नहीं होने देना चाहते। इसलिए पढ़ाई में अच्छा परफॉर्म करने की हर मुमकिन कोशिश करते हैं। ऐसे में अगर पैरेंट्स भी उन पर बहुत अच्छा परफॉर्म करने, अच्छे नंबर लाने का प्रेशर डालते हैं तो वह स्ट्रेस फील करते हैं। एग्जाम टाइम पर तो पैरेंट्स को बार-बार अच्छे नंबर लाने वाली बात को दोहराना नहीं चाहिए। इसके बजाय बच्चे को प्यार से समझाएं कि वह अच्छे से पढ़ाई करे, टॉप आने का स्ट्रेस न ले। ऐसा होने पर बच्चा स्ट्रेस फ्री होकर पढ़ेगा और एग्जाम अच्छे से देगा। नंबर भी उसके अच्छे आएंगे।
हर मुमकिन मदद दें
आजकल पैरेंट्स बहुत बिजी रहते हैं। इन दिनों तो कई पैरेंट्स वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। ऐसे में वे बच्चों की पढ़ाई पर पूरी तरह ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। जबकि एग्जाम टाइम पर बच्चों की पढ़ाई में हर मुमकिन मदद पैरेंट्स को करनी चाहिए। इससे बच्चे की प्रॉब्लम सॉल्व होती है, वह टेंशन से दूर रहता है। अगर पैरेंट्स समय नहीं दे पा रहे हैं तो पढ़ाई के लिए घर के दूसरे मेंबर्स को बच्चों की हेल्प करने के लिए कहें। इससे बच्चे को सपोर्ट मिलने की फीलिंग होगी, वह अच्छे से एग्जाम की तैयारी कर पाएगा।
रेस्ट लेने को कहें
कुछ पैरेंट्स एग्जाम टाइम में बच्चों को लगातार या दिन-रात पढ़ने के लिए कहते रहते हैं। इससे बच्चे थक जाते हैं, चाहकर भी उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता है। पैरेंट्स को चाहिए कि बच्चों को टाइम-टेबल के हिसाब से पढ़ने के लिए कहें। समय-समय पर रेस्ट लेने को भी कहें। रेस्ट लेने से बच्चे को मेंटली, फिजिकली एनर्जी वापस मिलती है। फिर वह दोबारा जोश के साथ पढ़ पाता है।
ग्रुप स्टडी का अरेंजमेंट
बच्चे अकेले पढ़ते हैं तो स्ट्रेस फील करते हैं, उन्हें लगता है कि कोर्स रिवाइस नहीं कर पाएंगे। ऐसे में करीबी दोस्त काम आते हैं। पैरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चे को ग्रुप स्टडी करने को कहें। बच्चा अपने दोस्त को घर पर बुलाए या वह अपने दोस्त के घर चला जाए, दोनों मिलकर पढ़ें। ग्रुप स्टडी में बच्चे ज्यादा अच्छे से पढ़ते हैं, क्योंकि वे एक-दूसरे की प्रॉब्लम को आसानी से सॉल्व कर देते हैं।
एंटरटेनमेंट भी जरूरी
दिन भर अगर बच्चा पढ़ाई करेगा तो बोर हो जाएगा, उसे स्ट्रेस भी फील होगा। अगर वह थोड़ा टाइम अपने एंटरटेनमेंट के लिए भी निकाल लेगा तो फ्रेश फील करेगा। ऐसे में पैरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों को मनपसंद टीवी शो देखने दें। साथ ही पार्क में टहलने या खेलने के लिए कहें। इससे बच्चों को एग्जाम का स्ट्रेस फील नहीं होगा। उन्हें एग्जाम के दिन भी आम दिनों जैसे लगेंगे।
इन सभी बातों को फॉलो करके, बच्चों को आसानी से एग्जाम फीयर से दूर रखा जा सकता है। ऐसा होने पर ही वे अच्छा रिजल्ट भी लेकर आते हैं।