Holi 2023: राज्य की सीमाओं के साथ ही बदल जाता है त्योहार का नाम, जानें देशभर के अलग-अलग होली ट्रेडिशंस के बारे में
भारत के ज्यादातर राज्यों के अंदर अलग-अलग ट्रेडिशंस के साथ होली का त्योहार मनाया जाता है।;
Different Traditions Of Holi Celebration In India: होली रंगों और खुशियों का त्योहार है। साल 2023 में होली 8 मार्च को खेली जाएगी, भारत के हर हिस्से में होली का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। आमतौर पर इस दिन सभी लोग अपने परिजनों और दोस्तों को रंग लगाकर होली की बधाइयां देते हैं। लेकिन देश में कुछ ऐसी जगहें भी हैं, जहां होली को अलग अंदाज में मनाया जाता है। इन जगहों पर कई देशी और विदेशी टूरिस्ट होली का आनंद लेने के लिए आते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको भारत के कुछ ऐसे ही राज्यों के बारे में बताएंगे, जहां होली का त्योहार अलग-अलग ट्रेडिशन से मनाया जाता है।
Hampi Holi Celebration
South India में होली बहुत ही उत्साह और उमंग के साथ नहीं मनाई जाती है। लेकिन, कर्नाटक का हंपी एक ऐसा शहर है जहां होली मनाने का अंदाज बिल्कुल ही अलग है। इस शहर में होली का त्यौहार दो दिन तक चलता है। ऐसा कहा जाता है कि होली का दिन रंगों के साथ शुरू होता है और सभी लोग तुंगभद्रा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। साथ में ढोल-नगाड़ों के साथ गली-गली घूमते हैं और एक दूसरे को रंग लगाते हैं।
Punjab Holi Celebration
पंजाब में होली के त्योहार को अलग ट्रेडिशन के साथ मनाया जाता है, साथ ही इसका नाम भी बिल्कुल ही अलग होता है। ऐसा कहा जाता है कि पंजाब में होली को होला मोहल्ला कहते हैं। पंजाब के आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला का आयोजन किया जाता है। यहां रंगों के साथ तलवार बाजी, घुड़ सवारी आदि चीजों का आयोजन किया जाता है। यहां होली का त्योहार 6 दिनों तक मनाया जाता है।
Goa Holi Celebration
गोवा में होली के त्योहार बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। गोवा में होली को शिमगो उत्सव के कहते हैं। इस दिन गोवा में रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इस उत्सव में गोवा में मौजूद सभी बीचों को रंगों से सजाया जाता है, जहां देश के साथ ही विदेशी टूरिस्ट भी होली खेलने के लिए आते हैं।
Manipur Holi Celebration
North-East में भी होली का एक अलग ही रूप देखने को मिलता है। मणिपुर में होली को योशांग फेस्टिवल कहते हैं। यह उत्सव पांच दिन चलता है, इन पांच दिनों में कई सारे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यहां के स्थानीय लोग और बच्चे घर-घर जाकर पैसा इकट्टा करते हैं और होली के दिन इन पैसों से बैंड-बाजा बुलाया जाता है।