Mysore Dussehra: दशहरे के दिन निकाली जाती है मां चामुंडेश्वरी की झांकी, जानें मैसूर की भव्यता

Mysore Dussehra: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से करीब 150 किलोमीटर दूर स्थित मैसूर अपने अंदर प्राचीन गौरव और इतिहास को समेटे हुए है। अगर आप दशहरे के जीवन को जीना चाहते हैं, तो कल्चर कैपिटल यानी मैसूर जरूर घूमें।;

Update: 2023-10-23 09:24 GMT

Mysore Dussehra Story: महलों, विशाल बगीचे की भव्यता और पुराने जमाने का अहसास लिए जीवित शहर मैसूर लोगों के दिलों में राज करता है, लेकिन क्या आपको इस शहर के नाम की वजह पता है। आपको बता दें कि महिषासुर के नाम से बने महिषुरु को आज हम मैसूरु या मैसूर के नाम से जानते हैं। यह शहर भारत के प्रमुख शहरों की लिस्ट में शामिल है।

कल्चर कैपिटल कहलाने वाला ये शहर अपने अंदर कई सारी खूबियों और खासियतों को समेटे हुए है। मैसूर शहर में कला और संस्कृति का अद्भुत, अकल्पनीय और अविश्वसनीय संगम देखने को मिलता है। यह शहर सिल्क, मैसूर पाक, मैसूर चंदन, मैसूर पेंटिंग, मैसूर दशहरा और मैसूर डोसा के लिए भी दुनिया के कोने-कोने में सैर कर रहा है।

विशेष महत्व रखता है मैसूर दशहरा

खानपान, पर्यटन स्थलों, हस्तशिल्प के अलावा मैसूर में होने वाला दशहरा भी एक अलग पहचान बनाए हुए दुनियाभर में लोकप्रिय है। इस दशहरे को देखने के लिए कोने-कोने से पर्यटक यहां पहुंचते हैं।16वीं शताब्दी में वादियार राजाओं ने दशहरा पर्व की शुरुआत की थी। दशमी यानी दशहरे के दिन सजे-धजे हाथी के ऊपर सवार होकर मां चामुंडेश्वरी की झांकी निकाली जाती है। झांकी के पीछे लोग ढोल-नगाड़े की धुन पर नाचते-गाते चलते हैं। अगर आप दशहरा वीकेंड में कहीं घूमने जाने का प्लान कर रहे हैं, तो मैसूर घूमने जरूर जाएं।

मैसूर में घूमने वाली प्रमुख जगह

मैसूर पैलेस

मैसूर पैलेस का वास्तविक नाम अम्बा विलास पैलेस है। इस पैलेस को 1912 में बनाकर तैयार किया गया था। यह भव्य महल पर्यटकों की सूची में पहले स्थान पर विराजमान है।

ललिता महल पैलेस

चामुंडी हिल्स के पास स्थित ललिता पैलेस को श्वेत पैलेस के नाम भी जाना जाता है। इसे पैलेस को 1912 में बनाया गया था। इस महल को कई फिल्मों में भी फिल्माया गया है।

जगनमोहन पैलेस

जगनमोहन पैलेस सन् 1861 में बना था। यहां की दीवारों पर मैसूर शैली में आकर्षक कला की गई है। इस महल को अब कला संग्रहालय के रूप में बदल दिया गया है।

मैसूर सैंड स्कल्चचर म्यूजियम

मैसूर सैंड स्कल्चचर म्यूजियम भारत का पहला म्यूजियम है, जहां बालू से बनी करीब डेढ़ सौ कलाकृतियां आज भी मौजूद हैं।

वृंदावन गार्डन

वृंदावन गार्डन, कृष्णराज बांध के पास बना यह विशाल उद्यान अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है।

करंजी लेक

अगर आप नेचर लवर हैं और अपना समय प्रकृति की शांति में बिताना चाहते हैं, तो आप पहाड़ियों की गोद में मौजूद करंजी झील जा सकते हैं।

रंगथिट्टू बर्ड सैंक्चुअरी

अगर आप बर्ड लवर हैं और अपना समय पक्षियों के बीच गुजरना चाहते हैं, तो श्री रंगपट्टनम के पास बने इस अभ्यारण्य की सैर जरूर करें।

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