ऑनलाइन स्टडी से तिरछी हो सकती हैं बच्चों की आंखें, रिसर्च में सामने आई चौंकाने वाली वजह
संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ के नेत्र रोग विभाग की प्रमुख डॉ. कुमुदिनी शर्मा के नेतृत्व में संस्थान की ओपीडी में आने वाले 50 से अधिक बच्चों पर किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई है।;
कोरोना संक्रमण की वजह से देश में पिछले दो सालों से स्कूल और कॉलेज बंद चल रहे हैं। स्कूली बच्चों की क्लास ऑनलाइन मोबाइल और लैपटॉप पर चल रही है। ऐसे में ऑनलाइन क्लास के कारण मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन पर कई घंटे तक लगातार देखने की वजह से कुछ बच्चों की आंखें तिरछी हो रही हैं। इसके अलावा आंखों में जलन,सूजन, धुंधला दिखने के साथ दूर की रोशनी भी कम हो रही है।
ऑनलाइन अध्ययन की वजह से तेजी से बच्चों को चश्मा लग रहा है या चश्मे का नंबर बढ़ गया है। संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ के नेत्र रोग विभाग की प्रमुख डॉ. कुमुदिनी शर्मा के नेतृत्व में संस्थान की ओपीडी में आने वाले 50 से अधिक बच्चों पर किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई है। इस बारे में किए गए अध्ययन में 6 से अधिक बच्चों की आंखों में तिरछापन पाया गया। अध्ययन में पाया गया कि जो बच्चे अधिक देर तक ऑनलाइन अध्ययन करते रहे हैं। उनमें यह समस्या सबसे ज्यादा है। ऐसा लगातार लैपटॉप और मोबाइल की स्क्रीन पर लगातार आंख गढ़ाए रहने के कारण हो रहा है। इससे बचने के लिए डॉ. कुमुदिनी सलाह देती हैं कि बच्चों की आंख से स्क्रीन कम से कम 30 सेटीमीटर दूर होनी चाहिए।
मोबाइल या कंप्यूटर की स्क्रीन आंखों के लेवल से नीचे रहे, स्क्रीन का रंग नीला रखें और स्क्रीन पर चमक और रोशनी कम रखें। इसके अलावा पढ़ते वक्त बच्चे स्क्रीन पर टकटकी लगाकर न देखें, पलकें लगातार झपकनी चाहिए, हर क्लास के बाद कम से कम 20 मिनट रेस्ट लें। आंख में जलन या सूखापन महसूस करने पर आंखों को पानी से धो लें। ऐसा करने से आंखों के तिरछे होने की संभावना काफी कम हो जाएगी।