किडनी पेशेंट्स के लिए घातक है कोरोना
कोराना का संक्रमण आम लोगों के लिए तो खतरनाक है ही, किडनी पेशेंट्स के लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है। ऐसे में इसकी वजहें जानना और उससे बचने के उपायों पर अमल करना बहुत जरूरी है।;
सारे विश्व में कोरोना संक्रमण का खौफ है। फेफड़ों के मरीजों के साथ्ज्ञ ही यह गुर्दे की बीमारी के शिकार लोगों के लिए भी काफी घातक सिद्ध हो रहा है। कोरोना बीमारी के बारे में लेसेंट पत्रिका ने खुलासा किया है कि विश्व में ऐसे मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जिन्हें इस संक्रमण के कारण गुर्दे से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
क्या कहती हैं स्टडीज
इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी की रिपोर्ट में भी गुर्दे से संबंधित समस्याएं आने का जिक्र किया गया है। आईएसएन के अनुसार, गुर्दे से संबंधित बीमारी में एक्यूट किडनी इंजरी और किडनी फेल्योर सबसे प्रमुख हैं। कोविड-19 से संक्रमित करीब 15 प्रतिशत मरीजों में एक्यूट किडनी इंजरी का विकास देखा गया, जिससे यह प्रकट होता है कि कोरोना वायरस गुर्दों पर तेजी से अटैक करता है।
कोरोना वायरस प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से गुर्दे को प्रभावित करता है। कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका में कोरोना बीमारी का गुर्दे पर असर का अध्ययन किया जा रहा है और इसमें भी यह बात सामने आ रही है कि कोरोना का फेफड़े के बाद सबसे ज्यादा असर गुर्दे पर पड़ रहा है। अमेरिकन जर्नल ऑफ किडनी डिजीज के अनुसार, कोरोना के संक्रमण की चपेट में आए ऐसे मरीज, जो कि आईसीयू में भर्ती थे, उनमें से करीब 27 प्रतिशत मरीज किडनी फेल्योर की चपेट में आए।
क्या है वजह
कोराना वायरस के संक्रमण के कारण सबसे पहले फेफड़े प्रभावित होते हैं। वायरस के संक्रमण के कारण फेफड़ों में तरल पदार्थ भर जाने से फेफड़ों में सूजन आने लगती है, जिससे मरीज निमोनिया या एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस की चपेट में आ जाता है। ऐसी स्थिति में मरीज को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है और उसे सांस लेने के लिए वेंटीलेटर की जरूरत पड़ती है। मरीज के शरीर में मौजूद रक्त कणिकाएं शरीर के सभी अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पातीं, जिससे शरीर के अंग कमजोर पड़ने लगते हैं। फेफड़े के बाद सबसे ज्यादा असर गुर्दे पर पड़ता है।
बचाव के लिए क्या करें
कोरोना बीमारी से बचने का सबसे बेहतर उपाय है, शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम को बेहतर बनाए रखना। प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए भोजन में विटामिन-सी से भरपूर चीजों का नियमित सेवन करें। नीबू, संतरा, मौसंबी के अलावा गाजर, पालक और पत्तागोभी को आहार का हिस्सा बनाएं। इनके सेवन से इम्यूनिटी मजबूत होती है। सब्जियों को प्रयोग में लाने से पहले पानी से अच्छी तरीके से साफ करें, जिससे उनमें मौजूद बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश न करने पाएं। हाथों को साबुन, पानी और सेनेटाइजर से साफ करते रहें। संक्रमण से बचने के लिए नाक, मुंह को फेस मास्क से ढंकें। सांस फूलने, खांसी-बुखार होने, कमजोरी व थकान महसूस होने पर सावधानी बरतते हुए चिकित्सक से संपर्क करें और जांच कराएं। इस मामले में जरा भी लापरवाही मरीज के लिए घातक हो सकती है। अपनी प्रॉब्लम को छिपाएं नहीं।मद