अब नाक या मुंह ही नहीं यूरिन के सैंपल से भी लगाया जा सकेगा कोरोना का पता

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमण की जांच रिपोर्ट के लिए यूरिन पर भी चल रहा शोध। चौंकाने वाले रिजल्ट आ सकते हैं सामने।;

Update: 2020-10-29 15:55 GMT

कोरोना वायरस ने देश और दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसकी जांच नाक और मुंह से सैंपल लेकर की जाती है। यही वजह है कि कुछ लोग कोरोना टेस्ट कराने भी घबराते हैं। वहीं बहुत से लोग इस घातक बीमारी का टेस्ट कराने के लिए अस्पताल जाने की जहमत तक नहीं उठाते। इसी को देखते हुए अब दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के लिए दवाई से लेकर इसकी सटिक जांच के लिए नये नये रिसर्च चल रहे हैं। इन्हीं में से एक प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए एक शोध चल रहा है। जिसमें यूरिन से भी कोरोना संक्रमण पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। रिसर्च में यूरिन यानि पेशाब की जांच कर कोरोना संक्रमण के पता लगाने की संभावना तलाशी जा रही है। दावा किया जा रहा है कि जल्द ही चौंकाने वाला रिजल्ट आ सकता है।

दरअसल, प्रयागराज स्थित मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलोजी विभाग में कोरोना संक्रमित मरीज के यूरिन को रिसर्च की प्रक्रिया में रखा गया है। इसके लिए करीब 50 संक्रमितों के यूरिन सैंपल को लिए गए हैं। जिस पर रिसर्च कर कोरोना संक्रमण और उसके लक्ष्णों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। यही वजह है कि इसके लिए कोरोना संक्रमित मरीजों को यूरिन एकत्र कर रिसर्च के लिए रखा गया है। हालांकि यूरिन से कोरोना का पता चलेगा या नहीं, अभी इस विषय में स्पष्ट रूप से कहना मुश्किल है। उम्मीद जताई जा रही है कि सकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं।

मुंह और नाक से सैंपल लेकर की जाती है कोरोना की जांच

अभी देश और दुनियाभर में कोरोना की जांच नाक और मुंह से सैंपल लेकर की जाती है। इसके आधार पर ही रिपोर्ट में कोरोना नेगेटिव और पॉजिटिव बताया जाता है, लेकिन कई बार देखने में आया कि नाक से होने वाले कोरोना टेस्ट से कुछ लोग अपना बचाव करते हैं। वह नाक से सैंपल नहीं कराना चाहते हैं। इसी को देखते हुए प्रयागराज में अब यूरिन पर रिसर्च कर कोरोना संक्रमण का पता लगाये जाने का प्रयास भी किये जा रहे हैं। अगर इस रिसर्च में सफलता मिली तो संभावना है कि नाक और मुंह से सैंपल के साथ ही कोरोना लक्षण दिखने पर मरीज को अस्पताल लाने की जगह उसके यूरिन से ही इसकी जांच की जा सकेगी।

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