Coronavirus: कोरोना की दवा नहीं है तो मरीज कैसे हो रहे हैं ठीक, जानिए सब कुछ

Coronavirus: कोरोना वायरस ने दुनिया के ज्यादातर देशों में तबाही मचा रखी है। वहीं पूरी दुनिया में इसकी चपेट में आने वालों की गिनती तकरीबन 14 लाख है। जिसमें से लगभग 3 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि जब कोरोना के इलाज के लिए कोई दवाई नहीं है, तो लोग ठीक कैसे हो रहे हैं। इसी बीच आपकी मदद के लिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे हो होती है कोरोना वायरस से पूरी रिकवरी।;

Update: 2020-04-09 03:06 GMT

Coronavirus: कोरोना का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। चीन से शुरू हुआ यह खतरनाक वायरस अब थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस वायरस ने दुनिया के ज्यादातर देशों में तबाही मचा रखी है। वहीं पूरी दुनिया में इसकी चपेट में आने वालों की गिनती तकरीबन 14 लाख है। जिसमें से लगभग 3 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं अगर भारत की बात करें तो अबतक  5916 संक्रमित हो चुके हैं। जिनमें से 565 ठीक होकर घर जा चुके हैं। शुरू से ही सुनते आ रहे हैं कि अभी तक कोरोना के लिए इलाज के लिए कोई भी दवाई नहीं मिली है। जिसे लेकर कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि जब कोरोना के इलाज के लिए कोई दवाई नहीं है, तो लोग ठीक कैसे हो रहे हैं। इसी बीच आपकी मदद के लिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे हो होती है कोरोना वायरस से पूरी रिकवरी।

- जब कोरोना के मरीज का अस्पताल में इलाज शुरू किया जाता है, तो पहले उसके लक्षणों को रोकने की कोशिश की जाती है। उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है। उसके बाद उसे सर्दी, जुकाम, बुखार को रोकने की कोशिश की जाती है।

- जिन लोगों को इम्यूनिटी सिस्टम अच्छो होता है। वो लोग आइसोलेशन टाइम में ही ठीक हो जाते हैं और कोरोना वायरस को हराने में कामयाब हो जाते हैं। जिस वजह से लोगों से कहा जा रहा है कि वो लोग इम्यूनिटी सिस्टम को स्ट्रांग करने वाली चीजों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें।

- कोरोना से ठीक होने के लिए दवाई नहीं बल्कि लोगों को इम्यून सिस्टम उन्हें ठीक कर रहा है।

क्या है एंटीबॉडीज?

कोई भी वायरस हो वो एक खास तत्व छोड़ता है जिसे एंटीजेन कहा जाता है। बॉडी में कोरोना वायरस के पहुंचने के बाद इंफेक्शन से लड़ने के लिए मरीज का शरीर खास प्रोटीन बनाने लगता है। जिसे एंटीबॉडीज कहा जाता है। यह एंटीबॉडी वायरस को अपनी गिरफ्त में ले लेता है। जिससे वो अपनी गिनती न बढ़ा सके। जिस वजह े शरीर में इंफेक्शन दिखने वाले लक्षण कम होने शुरू हो जाते हैं। जब वायरस को एंटीबॉडीज पूरी तरह से खत्म कर देता है, तो टेस्ट में वायरस नेगेटिव आता है। जिसके बाद मरीज को पूरी तरह ठीक मान लिया जाता है।


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