Coronavirus: दिल के मरीजों पर कोरोना का कहर, खून के माध्यम से बॉडी के किसी भी पार्ट पर हमला कर सकता है वायरस

Coronavirus: कोरोना वायरस की चपेट में आने वालों की संख्या कम होने के बजाए लगातार बढ़ती ही जा रही है। वहीं कई देश कोरोना पर तरह तरह ही रिसर्च कर रहे हैं। वहीं हाल ही में स्विटजरलैंड की ज्यूरिख यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने पता लगाया है कि कोरोना वायरस बॉडी के पार्ट में खून पहुंचाने वाली रक्तवाहिनियों पर हमला कर रहा है।;

Update: 2020-04-23 11:56 GMT

Coronavirus: कोरोना का खतरा लगातार बढ़ते ही जा रहा है। वहीं इसके चपेट में आने वालों की संख्या कम होने के बजाए लगातार बढ़ती ही जा रही है। वहीं कई देश कोरोना पर तरह तरह ही रिसर्च कर रहे हैं। वहीं हाल ही में स्विटजरलैंड की ज्यूरिख यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने पता लगाया है कि कोरोना वायरस बॉडी के पार्ट में खून पहुंचाने वाली रक्तवाहिनियों पर हमला कर रहा है।

वायरस फेफड़ो पर ही नहीं बल्कि बॉडी के किसी भी पार्ट पर हमला कर सकता है

रिसर्चर्स का कहना है कि रक्तवाहिनी की ऊपरी सतह को एंडोथीलियम कहते हैं। यह वायरस एंडोथीलियम पर हमला करता है। इस कारण शरीर में खून का प्रवाह घटता है और शरीर के किसी एक हिस्से में खून जमने लगता है। यह खतरनाक वायरस फेफड़ो पर ही नहीं बल्कि बॉडी के किसी भी पार्ट पर हमला कर सकता है। 

कोरोना दिल, किडनी, आंतो और फेफड़ों पर हमला करता है

इसके साथ ही रिसर्चर्स का कहना है कि यही वजह है कि बाकी लोगों के मूकाबले हाई ब्लड प्रेशर और दिल के मरीज को कोरोना होने का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में इन मरीजों को एहतियात बरतने की खास जरूरत है। वहीं अभी तक देखा गया है कि कोरोना दिल, किडनी, आंतो और फेफड़ों पर हमला करता है। 

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 एंजाइम को जकड़ने के बाद संक्रमण फैलाता है

वहीं रिसर्चर्स ने कोरोना के इंफेक्शन की तरीका समझने के लिए कोरोना पीड़ितों की रक्तवाहिनियों को इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप से देखा तो ये क्षतिग्रस्त दिखीं। इसकी वजह ACE2 रिसेप्टर एंजाइम को बताया गया है। यह एंजाइम शरीर के कई अंगों जैसे फेफड़े, धमनी, किडनी और हृदय की कोशिकाओं में पाया जाता है। वायरस इस एंजाइम को जकड़ने के बाद संक्रमण फैलाता है।

कॉमन प्वाइंट कोमोबिडिटीज देखने को मिला

इसके साथ ही एक्सपर्ट का कहना है कि अभी तक पूरी दुनिया में कोरोना के कारण जितनी भी मौतें हुईं है। उससे दो बातें सामने निकल कर आई है। पहली बात कि इस वायरस की चपेट में ज्यादा उम्र वाले लोग आए हैं। दूसरी यह कि जितनी भी मौते हुईं उनमें कॉमन प्वाइंट कोमोबिडिटीज देखने को मिला। ज्यादा उम्र के लोगों में शारीरिक क्षमता कम होती है।

ज्यादा उम्र के लोग कोरोना वायरस को ज्यादा शिकार हो रहे हैं

वहीं एक्सपर्ट ने बताया कि ज्यादा उम्र के लोगों में शारीरिक क्षमता कम होती है। जिस वजह से इन लोगों के संक्रमित होने के ज्यादा चांस होते हैं। इस कारण ज्यादा उम्र के लोग कोरोना वायरस को ज्यादा शिकार हो रहे हैं।

कोमोबिडिटीज क्या है?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोमोबिडिटीज का मतलब होता है कि जो लोग डायबिटीज, कमजोर और खराब फेफड़े, हाई ब्लड प्रेशर, टीबी और एचआईवी और कमजोर इम्यून सिस्टम जैसी बीमारियों का पहले से ही शिकार होते हैं। ऐसे लोगों के लिए स्वस्थ शख्स लोगों के मुकाबले कोरोना वायरस ज्यादा खतरनाक है। यह लोग कोरोना का शिकार आसानी से हो सकते हैं। ऐसे में इन बीमारियों से जूझ रहे इंसान को अपना खास ध्यान रखने की सख्त जरूरत होती है।

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