Coronavirus: WHO एक्सपर्ट ने देश में लॉकडाउन हटने पर कही ये बड़ी बात

भारत के विभिन्न हिस्सों में महामारी का असर अलग-अलग है और शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के बीच इसमें अंतराल है (Coronavirus In India)। दक्षिण एशिया में, न केवल भारत में बल्कि बांग्लादेश और पाकिस्तान में, घनी आबादी वाले दूसरे देशों में महामारी का रूप विस्फोटक नहीं हुआ है (Corona Outbreak)।;

Update: 2020-06-06 15:38 GMT

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) के एक प्रमुख एक्सपर्ट ने हाल ही में कहा कि भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी को लेकर स्थिति अभी 'विस्फोटक' नहीं है, लेकिन देश में मार्च में लागू लॉकडाउन (Lockdown) हटाने की तरफ बढ़ने के साथ इस तरह का जोखिम बना हुआ है। WHO के स्वास्थ्य आपात स्थिति कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक मिशेल रियान ने बताया कि भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या दोगुने होने का समय इस स्तर पर करीब तीन सप्ताह है (Coronavirus In India)।

भारत के विभिन्न हिस्सों में महामारी का असर अलग-अलग है 

वहीं उन्होंने जिनेवा में कहा कि इसलिए महामारी की दिशा कई गुना बढ़ने वाली नहीं है लेकिन यह अब भी बढ़ रही है। भारत के विभिन्न हिस्सों में महामारी का असर अलग-अलग है और शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के बीच इसमें अंतराल है। दक्षिण एशिया में, न केवल भारत में बल्कि बांग्लादेश और पाकिस्तान में, घनी आबादी वाले दूसरे देशों में महामारी का रूप विस्फोटक नहीं हुआ है। लेकिन ऐसा होने का खतरा हमेशा बना हुआ है।

लॉकडाउन जैसे कदमों ने संक्रमण को फैलने की रफ्तार कम रखी 

रियान ने आगे कहा कि जब महामारी पनपती है और समुदायों के बीच पैठ बना लेती है तो यह किसी भी समय अपना प्रकोप दिखा सकती है जैसा कई स्थानों पर देखा गया। उन्होंने कहा कि भारत में देशव्यापी लॉकडाउन जैसे कदमों ने संक्रमण को फैलने की रफ्तार कम रखी है लेकिन देश में गतिविधियां शुरु होने के साथ मामले बढ़ने का खतरा बना हुआ है।वहीं भारत में उठाये गये कदमों का निश्चित रूप से संक्रमण फैलने की रफ्तार कम करने की दिशा में असर हुआ और अन्य बड़े देशों की तरह भारत में भी गतिविधियां शुरू होने, लोगों की आवाजाही फिर से आरंभ होने के बाद महामारी के प्रकोप दिखाने का जोखिम हमेशा बना हुआ है।

भारत छठा सबसे बुरी तरह प्रभावित देश बन गया 

भारत में बड़े स्तर पर पलायन, शहरों में घनी आबादी तथा श्रमिकों के पास रोजाना काम पर जाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होने जैसे विशिष्ट मुद्दे भी हैं। भारत कोविड-19 महामारी के मामले में इटली को पीछे छोड़कर दुनिया का छठा सबसे बुरी तरह प्रभावित देश बन गया है।

देश में कोरोना वायरस के दो लाख से अधिक मामले

 देश में अब तक संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 2,36,657 हो गयी है तथा मरने वालों का आंकड़ा 6,642 पर पहुंच गया है। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि 130 करोड़ से अधिक की आबादी वाले देश में कोरोना वायरस के दो लाख से अधिक मामले ज्यादा लगते हैं, लेकिन इतने बड़े देश के लिए यह संख्या अब भी बहुत अधिक नहीं है।

कोविड-19 को नियंत्रित करने में चुनौतियां सामने आ रही हैं

भारत एक विशाल देश है जहां बहुत घनी आबादी वाले शहर हैं, वहीं कुछ ग्रामीण इलाकों में कम सघन बसावट है और इसके अतिरिक्त विभिन्न राज्यों में स्वास्थ्य प्रणालियों में भी विविधता है तथा इन सबकी वजह से कोविड-19 को नियंत्रित करने में चुनौतियां सामने आ रही हैं।

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लोग सभी तरह की सावधानियां बरतें

स्वामीनाथन ने आगे कहा कि लॉकडाउन और पाबंदियां उठने के साथ ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लोग सभी तरह की सावधानियां बरतें। उन्होंने कहा कि हम बार-बार इस बात को दोहरा रहे हैं कि अगर आप बड़े स्तर पर व्यवहार में बदलाव चाहते हैं तो लोगों को इस बात के महत्व को समझना होगा कि उनसे मास्क पहनने जैसी कुछ बातों को अपनाने के लिए लगातार क्यों कहा जा रहा है।

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