Good News: कोरोना वायरस वैक्सीन mRNA-1273 का इंसानी ट्रायल हुआ सफल

Good News:कोरोना वायरस (Coronavirus)को लेकर दुनिया के कई देश तरह तरह की रिसर्च कर रहा है(Corona Research)। वहीं कई देश इसके इलाज के लिए वैक्सीन(Vaccine) बनाने में लगे हुए हैं। जहां पिछले कुछ महीनों से लगातार सिर्फ बुरी खबरें ही सुनने और देखने को मिल रही हैं। वहीं इसी बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। कोरोना को रोकने के लिए वैक्सीन का इंसानी ट्रायल सफल हो गया है(First US Covid-19 Vaccine Trial Successful)।;

Update: 2020-05-19 04:37 GMT

Good News:कोरोनावायरस(Coronavirus) ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। यह खतरनाक वायरस लाखों लोगों की जान ले चुका है(Coronavirus Update)हर देश इससे निपटने के लिए तमाम कोशिश कर रहा है। कोरोना वायरस को लेकर दुनिया के कई देश तरह तरह की रिसर्च कर रहा है(Corona Research)। वहीं कई देश इसके इलाज के लिए वैक्सीन(Vaccine) बनाने में लगे हुए हैं। जहां पिछले कुछ महीनों से लगातार सिर्फ बुरी खबरें ही सुनने और देखने को मिल रही हैं। वहीं इसी बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। कोरोना को रोकने के लिए वैक्सीन का इंसानी ट्रायल सफल हो गया है(First US Covid-19 Vaccine Trial Successful)।

अमेरिका में पहला इंसानी ट्रायल सफल

यह अच्छी खबर अमेरिका से आई है। वहीं इस वैक्सीन को बनाने वाली बायोटेक कंपनी मॉर्डना ने बताया कि जिन प्रतिभागियों पर उसके mRNA वैक्सीन का ट्रायल किया गया था। उनके शरीर में काफी अच्छी इम्यूनिटी बढ़ी है और साइड इफेक्ट्स भी न के बराबर देखने को मिले हैं।

 वैक्सीन का नाम mRNA-1273

सफल हुए वैक्सीन का नाम mRNA-1273 है। mRNA-1273 वैक्सीन जिस शख्स को दिया गया था। उसकी बॉडी में मामूली से साइट इफेक्ट देखे गए हैं। इस वैक्सीन का असर सुरक्षित और सहनीय पाया गया है।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस पर वैक्सीन का टेस्ट किया गया, उसका इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने में कोविड-19 से रिकवर हो चुके मरीजों से अच्छा पाया गया है।

42 दिनों में वैक्सीन का ट्रायल पूरा करने वाली मॉर्डना पहली कंपनी 

मॉर्डना पहली ऐसी कंपनी है। जिसने वैक्सीन के लिए जरूरी कोड पाने से लेकर इंसानो पर उसका ट्रायल करने का सफर मात्र 42 दिनों में कंप्लीट कर लिया है। आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जानरों से पहले ट्रायल इंसानों पर शुरू कर दिया गया था।

43 वर्षीय महिला पर ट्रायल किया गया

सबसे पहले यह वैक्सीन 16 मार्च को सिएटल की काइजर परमानेंट रिसर्च फैसिलिटी में दो बच्चों की मां जेनिफर नाम ( 43 वर्षीय )की महिला को लगाया गया था। पहले ट्रायल में 18 से 55 वर्ष की उम्र के 45 स्वस्थ प्रतिभागी शामिल किए गए थे।

उम्मीद से अच्छे आए नतीजे

मॉडर्ना के मुख्य चिकित्सा अधिकारी टाल जकस ने कहा कि रिजल्ट से सामने आया कि वैक्सीन की बहुत थोड़ी मात्रा देने पर भी कुदरती संक्रमण से मुकाबले के लिए इम्यून सिस्टम ने अच्छा रिस्पॉन्स दिया है। इन नतीजों और चूहों पर की गई स्टडी के बाद मिले डेटा के आधार पर कम्पनी अब आगे के ट्रायल कम डोज देने की योजना बना रही है।

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 mRNA-1273 में कोविड -19 को रोकने की क्षमता है

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि शुरुआती चरण में ऐसे साइड-इफेक्ट्स थे, जो कई वैक्सीन के लिए आम होते हैं, जैसे - कुछ लोग इंजेक्शन की जगह पर लालिमा और ठंडेपन का अनुभव करते हैं। वहीं इन आंकड़ों ने हमारे विश्वास को पुष्ट किया कि mRNA-1273 में कोविड -19 को रोकने की क्षमता है।

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