Family Day 2022: न्यूट्रिशस बैलेंस्ड डाइट के साथ रखें पूरी फैमिली का ख्याल, एक्सपर्ट्स से जानें Healthy Diet के टिप्स

हर परिवार में बच्चे, वयस्क और बुजुर्ग सदस्य शामिल होते हैं। उन सभी को हेल्दी रखने के लिए उनकी डाइट बैलेंस होने के साथ न्यूट्रिशस भी होनी चाहिए। इसके लिए सभी को अलग-अलग न्यूट्रिएंट्स से भरपूर डाइट का सेवन करना जरूरी है। फैमिली के सभी मेंबर्स के लिए कैसी हो डाइट, जानिए।;

Update: 2022-05-12 10:25 GMT

Family Day 2022: डॉक्टर्स कहते हैं कि संतुलित आहार (Balanced Diet) ही स्वस्थ जीवन (Healthy Life) का आधार है। यानी सभी के लिए नियमित रूप से संतुलित और पोषक आहार लेना जरूरी है। लेकिन उम्र, लिंग और शारीरिक गतिविधि के अनुसार इसकी मात्रा बदलती रहती है। अमूमन एक वयस्क व्यक्ति को रोजाना 1200-1400 कैलोरी की आवश्यकता होती है। शारीरिक विकास (Physical Development) के लिए 10 साल से कम उम्र के बच्चों और बॉडी सेल्स की रिपेयरिंग और मांसपेशियों की मजबूती के लिए 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को प्रोटीन रिच डाइट की जरूरत होती है। इसी तरह शरीर में ब्लड की जरूरी मात्रा को बनाए रखने और मजबूत हड्डियों के लिए महिलाओं और बच्चों को आयरन-कैल्शियम रिच डाइट लेना जरूरी है। यहां हम आपके लिए लेकर आएं हैं दिल्ली की आहार विशेषज्ञ डॉ. सोनिया नारंग (Dr. Soniya Narang) से आपकी और आपकी फैमिली की डाइट के लिए कुछ टिप्स...

बच्चों की डाइट

वैज्ञानिकों का मानना है कि जीवन के शुरुआती पांच साल में अगर बच्चे को हेल्दी डाइट दी जाए तो निश्चय ही वह भविष्य में भी पौष्टिक-संतुलित आहार लेना ही पसंद करेगा, जिससे वह हमेशा स्वस्थ रहेगा। इसके साथ ही डॉक्टर्स कहते हैं कि पोषण के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण समय हर बच्चे के लिए पहले 1000 दिन होते हैं, जो मां के गर्भ से शुरू होकर बच्चे के 2 साल का होने तक की अवधि होती है। इस उम्र में बच्चे को पोषक तत्वों से भरपूर भोजन के साथ वसा भी समुचित मात्रा में देना चाहिए। अगर बच्चे का पोषण ठीक नहीं होगा तो उसका असर उसके शारीरिक-मानसिक विकास और व्यवहार पर भी पड़ेगा। कई रिसर्च से साबित हुआ है कि अगर इस अवधि में बच्चे को पूर्ण पोषण नहीं मिलता है तो आगे जाकर उनमें मोटापे और उससे जुड़ी बीमारियों का शिकार होने की संभावना रहती है। खासकर इस उम्र की बच्चियों का न्यूट्रीशन स्टेटस अगर अच्छा रहेगा, तो आगे जाकर जब वो मां बनेंगी, तो उनका और होने वाले बच्चे का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।

वयस्क सदस्यों की डाइट

परिवार के वयस्क सदस्यों को हेल्दी रहने के लिए अपनी डाइट प्लेट को चार हिस्सों में बांटना चाहिए। एक-चौथाई हिस्से में कार्बोहाइड्रेट से भरपूर अनाज, दूसरे हिस्से में मौसमी सब्जियां हों, तीसरे में प्रोटीन फूड्स हों और चौथे हिस्से में सलाद के तौर पर खाई जाने वाली सब्जियां, मौसमी फल और दूध से बनी चीजें होनी चाहिए। हेल्दी डाइट का यह फंडा ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर में जरूर लागू किया जाना चाहिए।

न्यूट्रिशन पिरामिड को करें फॉलो 

न्यूट्रिशन साइंटिस्ट्स ने बैलेंस्ड न्यूट्रिशन के लिए न्यूट्रीशन पिरामिड का कॉन्सेप्ट दिया है, जिसके हिसाब से हर वयस्क व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए अपनी डाइट लेनी चाहिए। इसमें सबसे ज्यादा भाग फल-सब्जियां और साबुत अनाज का होता है, जो पिरामिड के सबसे निचले भाग को प्रेजेंट करता है। इसके बाद पिरामिड के ऊपरी भाग में दालें, बींस, सोया की मात्रा रखी गई है। इसके बाद नट्स, सीड्स, मछली, चिकन, अंडे को फिर कम वसा वाला दूध और दूध से बने पदार्थ और पिरामिड के सबसे ऊपरी भाग में रखे गए रिफाइंड ऑयल और रिफाइंड अनाज कम से कम मात्रा में लेना चाहिए।

लें कई मिनी मील्स 

परिवार के सभी वयस्क सदस्यों को हेल्दी रहने के लिए सबसे जरूरी है-नियमित रूप से पोषक तत्वों से भरपूर बैलेंस डाइट का सेवन। हेल्दी रहने के लिए हर सदस्य को दिन में दो-तीन बार हैवी मील लेने के बजाय फिक्स गैप में 5-6 मिनी मील लेने चाहिए, यानी ब्रंच टाइम (ब्रेकफास्ट-लंच और लंच-डिनर के बीच)। इसमें हेल्दी फूड्स जैसे फ्रूट्स, स्प्राउट्स, चना-मुरमुरे, मुट्ठी भर ड्राई फ्रूट्स ले सकते हैं। किसी भी सूरत में ब्रेकफास्ट स्किप ना करें। डिनर सोने से करीब तीन घंटे पहले कर लेना चाहिए। ब्रेकफास्ट में साबुत अनाज, भरवां परांठा, ओट्स, दालें, फल, लो-फैट दूध और अंडे से बनी डिशेज लेनी चाहिए।

परिवार के हर सदस्य को दिन में 4-5 सर्विंग मौसमी फल-सब्जियों की भी लेनी चाहिए। इससे शरीर के लिए जरूरी विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं और इम्यूनिटी मजबूत होती है। फाइबर्स, विटामिंस और एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल हमारे शरीर में मौजूद टॉक्सिंस को बाहर निकालकर हमें हेल्दी रखते हैं।

इन बातों का भी ध्यान रखें

  • पैकेज्ड, प्रोसेस्ड फूड्स और हाई फैटी, हाई सॉल्टेड और हाई शुगर वाले स्नैक्स आइटम्स को जहां तक हो सके अवॉयड करना चाहिए। खासकर बच्चों में इनकी हैबिट ना लगे, इसका ध्यान रखें। इनके बजाय घर में बने हेल्दी स्नैक्स खाना चाहिए।
  • कार्बोहाइड्रेट और फैट रिच डाइट ज्यादा मात्रा में लेने से ओबेसिटी, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, पीसीओडी, कार्डियोवेस्कुलर जैसी बीमारियां होने का खतरा बढ़ता है। इसलिए इनकी मात्रा संतुलित लेनी चाहिए।
  • जहां तक हो सके परिवार के सभी सदस्यों को चीनी और नमक का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। ये शरीर के लिए वाइट पॉयजन की तरह होते हैं। इनके अनियंत्रित सेवन से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मोटापा, हाइपरटेंशन, हार्ट डिजीज होने का खतरा बढ़ता है।
  • बच्चों को शुरू से ही चॉकलेट, कैंडी, पेस्ट्री, आइसक्रीम जैसी चीजों के बजाय फल या उससे बने व्यंजन खाने की आदत डालनी चाहिए। घर में बनी कम चीनी वाली मिठाइयों का सेवन उपयुक्त होता है।
  • बच्चों की अच्छी ग्रोथ के लिए उनकी डेली डाइट में विटामिन ए, बी और डी सोर्स वाले फ्रूट्स और वेजिटेबल्स जरूर शामिल करने चाहिए। ऐसा न करने पर उनकी ग्रोथ प्रभावित होती है, उनकी बोंस वीक हो सकती हैं, उनमें ब्लड की कमी हो सकती है, उनकी नजर कमजोर हो सकती है।

प्रस्तुति : रजनी अरोड़ा (Rajni Arora)

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