Health Tips: लंबे स्ट्रेस के कारण रहने लगी है बेचैनी, इन टिप्स के जरिए अपने Nervous System को कीजिए ठीक

जब तंत्रिका तंत्र यानी नर्वस सिस्टम अव्यवस्थित महसूस करता है, तो यह रहस्यमय रोगों, क्रोनिक बीमारियों और मानसिक बीमारियों को भी जन्म देता है। लंबे समय से चले आ रहे स्ट्रेस के कारण बेचैनी और बढ़ जाती है, और इसका असर हमारे नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। यहां हम आपको आपके नर्वस सिस्टम को हील करने के तरीकों के बारे में बताएंगे...;

Update: 2022-05-30 05:48 GMT

Health Tips: जब हम लंबे समय तक तनाव और चिंता (Stress and Anxiety) से गुजरते हैं, तो शरीर का नर्वस सिस्टम (Nervous System) कसाव और डरा हुआ महसूस करता है। इससे बेचैनी और बढ़ (Restlessness Increases) जाती है। जब हम लंबे समय से कठिन भावनाओं से गुजर रहे होते हैं, तो हमारा शरीर सर्वाइवल मोड (Survival Mode) में आ जाता है। यह आगे हर समय थकावट महसूस करता है। जब तंत्रिका तंत्र यानी नर्वस सिस्टम अव्यवस्थित महसूस करता है, तो यह रहस्यमय रोगों, क्रोनिक बीमारियों और मानसिक बीमारियों को भी जन्म देता है। लेकिन हम इसे कैसे नियंत्रित करते हैं? हम तंत्रिका तंत्र के लिए उपचार प्रक्रिया कैसे शुरू करते हैं? यहां हम आपको आपके नर्वस सिस्टम को हील करने के तरीकों के बारे में बताएंगे...

विटामिन बी लेवल

विटामिन बी 1, बी 6 और बी 12 न्यूरोट्रांसमीटर जैसे एसिटाइलकोलाइन, सेरोटोनिन और नॉरपेनेफ्रिन के संश्लेषण में मदद करते हैं। ये न्यूरोट्रांसमीटर तंत्रिका तंत्र और उसके उचित कामकाज को विनियमित करने में एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं।

कोल्ड एक्सपोजर

शरीर की सहनशीलता की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए। इसके लिए आप कोल्ड एक्सपोजर ट्राइ कर सकते हैं। इसके लिए एक बर्फ के पानी से भरी कटोरी लीजिए और उसमें अपना हाथ रखिए। जैसे ही हम इसमें आराम की स्थिती में आते हैं, हमें अपनी बॉडी को सेंसेशन फील करने देना चाहिए। ये हमारे शरीर की सहनशीलता को बढ़ावा देता है।

सुबह की धूप

सुबह की धूप का एक्सपोजर सर्कैडियन रिदम को पुनर्संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह रात को अच्छी नींद लेने में भी मदद करता है। नींद तंत्रिका तंत्र की मरम्मत और उपचार में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए नर्वस सिस्टम को ठीक करने के लिए सुबह की धूप अवश्य लें।

सीमाएं

आपका नर्वस सिस्टम हेल्दी रहे इसके लिए जरूरी है कि आप सीमाओं में रहें। नर्वस सिस्टम को नियंत्रित करने के मामले में कुछ सीमाएं हमेशा होनी चाहिए। अपने शब्दों और परिस्थितियों के लिए भी सीमाओं का होना अति आवश्यक है।

स्किन टू स्किन

जब आप सुरक्षित महसूस करते हैं और किसी से जुड़ते हैं, तो स्वाभाविक रूप से निकट संपर्क आपको एक पैरासिम्पेथेटिक अवस्था में लाता है। इसलिए खुद को हील करने के लिए जरूरी है कि आप परिवार और दोस्तों के बीच रहें।

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