हड्डियों के दर्द से रहते हैं परेशान तो तुरंत करें इस तेल की मालिश, जल्द मिलेगा आराम
कलौंजी का तेल गठिया, उच्च रक्तचाप और अस्थमा सहित कई बीमारियों की रोकथाम करता है। अगर इसका नियमित प्रयोग किया जाए तो कई बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सकता है। कलौंजी का तेल, इसे ब्लैक सीड ऑयल भी कहा जाता है। यह औषधीय गुणों से समृद्ध होते हैं। कलौंजी के तेल के प्रमुख घटकों में से एक थाइमोक्विनोन है, जो एंटीऑक्सिडेंट गुणों के साथ एक यौगिक है।;
कलौंजी के तेल के फायदे बहुत होते हैं, कलौंजी के तेल को गठिया का दर्द का रामबाण इलाज माना गया है। कलौंजी का तेल गठिया, उच्च रक्तचाप और अस्थमा सहित कई बीमारियों की रोकथाम करता है। अगर इसका नियमित प्रयोग किया जाए तो कई बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सकता है। कलौंजी का तेल, इसे ब्लैक सीड ऑयल भी कहा जाता है। यह औषधीय गुणों से समृद्ध होते हैं। कलौंजी के तेल के प्रमुख घटकों में से एक थाइमोक्विनोन है, जो एंटीऑक्सिडेंट गुणों के साथ एक यौगिक है। ये शरीर के अंदर और त्वचा पर सूजन को दूर करने में मदद कर सकते हैं। मार्केट में कलौंजी के तेल के कैप्सूल भी आते हैं, जिसे चिकित्सक रोगों को समझकर मरीजों को सेवन करने की सलाह देते हैं।
अस्थमा
अस्थमा की शिकायत होने पर छाती और पीठ पर कलौंजी के तेल की मालिश करें या पानी में तेल डालकर उस पानी से स्टीम लें। अगर आप भी हमेशा स्वस्थ और तंदरुस्त रहना चाहते हैं तो रोजाना कलौंजी का तेल इस्तेमाल कीजिए।
हड्डियों के दर्द में लाभदायक
कलौंजी के तेल को छोटे चम्मच से 1-1 चम्मच लेने से हर प्रकार की अर्थराइटिस ठीक हो जाती है। जोड़ों का दर्द, सूजन और पैरों के दर्द को दूर करने के लिए आप कलौंजी का तेल नियमित रूप से ले सकते हैं। इसे पीने से पहले एक बार किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
सिरदर्द-माइग्रेन से दिलाता है छुटकारा
कलौंजी का तेल सिरदर्द के उपचार में भी मदद करता है। सिरदर्द को कम करने के लिए माथे पर कलौंजी तेल का मसाज करना चाहिए। सिरदर्द को कम करने के लिए कलौंजी के तेल की (आधा चम्मच) दिन में दो बार पीना लाभकारी होगा। नियमित रूप से कलौंजी का तेल लेने से माइग्रेन का इलाज के इलाज में भी मदद मिलती है।
हाई ब्लड प्रैशर
ब्लैक सीड के अर्क को दो महीने तक लेने से उन लोगों में उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए दिखाया गया है, जिनका रक्तचाप हल्का बढ़ा हुआ है। उनके लिए यह अच्छी औषधि है। इसके उपयोग से पहले एक बार किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
डायबिटीज कंट्रोल करने में सहायक
डायबिटीज के रोगियों को एक कप कलौंजी के बीज, एक कप राई, आधा कप अनार के छिलके को पीस कर चूर्ण बना लेना चाहिए। आधे चम्मच कलौंजी के तेल के साथ इस चूर्ण को रोजाना ब्रेकअप से पहले लेना चाहिए। इस उपाय को लगातार एक महीने तक करने से आपको फर्क महसूस होने लगेगा।