खुद को रखना है खुश तो आजमाएं ये अनोखी थेरीपीज
अपना और अपनों का मूड आप हमेशा अच्छा, खुश रखना चाहते हैं तो कुछ कारगर थेरेपीज को आजमाकर देखिए। इनसे आपको टेंशनफ्री होने की फीलिंग होती है। जानिए, तरह-तरह की स्ट्रेस रिलीफ थेरेपीज के बारे में।;
इन दिनों कोरोना का बढ़ता प्रकोप और अकसर घर में रहने की मजबूरी ने लोगों का मूड ऑफ कर रखा है। तरह-तरह की आशंकाओं ने सबके मन-मिजाज को उदास, परेशान कर दिया है। ऐसे में मन को शांत करने और सुकून देने वाली कुछ थेरेपीज अपनाना फायदेमंद हो सकता है।
म्यूजिक थेरेपी
संगीत और सुकून का गहरा नाता है। संगीत मन को शांत करने में बहुत असरदार साबित हुआ है। विदेशों में कुछ चिकित्सकों ने ऑपरेशन के दौरान मरीजों को बेहोश करने के लिए एनेस्थीसिया देने की बजाय संगीत सुनाया। इससे मरीज को दर्द महसूस ही नहीं हुआ। प्राचीन काल से आज के युग तक संगीत के सकारात्मक असर को हर किसी ने स्वीकारा है। सेहत विज्ञानियों ने पाया है कि मेडिटेटिव, स्प्रिचुएल संगीत, मीठे रोमांटिक गाने, गजलें सुनने से ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट कंट्रोल में रहता है। संगीत सुनने से ऑक्सीटोसिन नाम का बॉन्डिंग हार्मोन भी रिलीज होता है।
राइटिंग थेरेपी
जब मन परेशान हो, चिंताग्रस्त हो तो आप एक कॉपी या डायरी लेकर बैठें और कुछ लिखें। लिखने की बात आते ही कुछ लोग सोचते हैं कि हमें तो कविता, कहानी लिखनी नहीं आती, भला हम क्या लिखें? राइटिंग थेरेपी के लिए आपको लेख, कहानी, कविता लिखना आए, यह जरूरी नहीं, आप अपने मन में आ रहे हर तरह के सकारात्मक और नकारात्मक विचारों को लिखें। आज दिन भर में क्या हुआ? आप किस से मिले? कौन-सी अच्छी बातें हुईं? इन्हें लिखें। कुछ भी समझ में ना आए, तो अगले दिन क्या काम करने हैं? कौन-सी चीजें बाजार से खरीदनी हैं? कौन से काम कई दिनों से बाकी चल रहे हैं? उन्हें लिखें। ऐसा करने से आपका दिमाग चिंता छोड़कर दूसरी चीजों में व्यस्त हो जाएगा।
डूडल थेरेपी
कई बार आप किसी से फोन पर बात करते हुए या मीटिंग में सामने पड़े कागज या डायरी के कोने पर कोई गोला, फूल, चेहरे की आकृति, कोई डिजाइन बना देते होंगे, इन्हें डूडल कहते हैं। मनोविज्ञानी रोबर्ट बार्न्स ने अपने शोध में पाया कि यह आर्ट थेरेपी का एक फॉर्म है। ऐसे डृडल हमारे अवचेतन मन का प्रतिबिंब होते हैं। इनसे हमारी चिंताएं, अवसाद, विचार प्रकट हो जाते हैं। पुरुष आमतौर पर गोला, आयत, वर्ग बनाते हैं, जबकि महिलाएं फेस या फूल बनाती हैं। एक अध्ययन के मुताबिक किसी से बात करते हुए डूडल बनाना बताता है कि आप उसकी बात गौर से सुन रहे हैं। एंग्जाइटी से पीड़ित लोगों को भी इससे राहत मिलती है क्योंकि उनका अवचेतन मन कुछ करने में व्यस्त हो जाता है तो वह रिलैक्स फील करते हैं।
स्टार थेरेपी
सितारों के साए में सुकून मिलना, एक स्वाभाविक सी बात है। विशाल गगन में चमचमाते छोटे-छोटे सितारों को निहारना वाकई सुख देने वाला होता है। किसी नजदीकी पार्क, फार्म हाउस या घर की छत पर बैठकर आसमान की खूबसूरती, चांद की चांदनी देखते हुए आप किसी दूसरी दुनिया में खो जाएंगे। ऐसे में आपको चिंताओं का पता ही नहीं चलेगा। हो सकता है कि समस्त चिंताओं से मुक्त होने पर आपको गहरी नींद भी आ जाए। इसे स्टार बाथिंग भी कहते हैं।
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फूड थेरेपी
अनुभवी मनोविज्ञानी स्ट्रेस रिलीफ और मूड अच्छा करने के लिए कुछ खास फूड खाने की सलाह भी देते हैं। जैसे एवोकाडो और केले (जिनमें पोटैशियम होता है) जो बीपी कंट्रोल करते हैं। गाजर पोषक तत्वों से भरी होती है और इसे भी मूड दुरुस्त करने वाला माना जाता है। रात को सोते समय गुनगुना दूध पीने से नींद अच्छी आती है। दही का प्याला तमाम पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ मूड भी खुश करता है। बादाम, पिस्ता, अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट विटामिन और जिंक से भरपूर होते हैं, ये इम्यून सिस्टम को इंप्रूव करते हैं और मूड भी अच्छा करते हैं। डॉर्क चॉकलेट को कई रिसर्च में मूड इंप्रूव करने वाला माना जा चुका है। इसके सेवन से स्ट्रेस हार्मोन का लेवल कम होता है, साथ ही मूड अच्छा करने वाले सेरोटोनिन का लेवल बढ़ता है।