Health: क्या है पेल्विक टीबी जिससे हो सकती है इंफर्टिलिटी, जानें इसके लक्षण और बचाव

Health: टीबी (TB) यानी ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis) एक संक्रामक रोग है जो सीधा फेफड़ों (Lungs) पर असर करती है। पहले के समय में जहां टीबी को सिर्फ फेफड़ों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब ये शरीर के दूसरे अंगों में भी असर डालती है। शरीर के अन्य अंगों में होने वाली टीबी को एक्सट्रा- पल्मोनरी टीबी (Extra-Pulmonary TB) कहते हैं।;

Update: 2022-02-24 07:19 GMT

Health: टीबी (TB) यानी ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis) एक संक्रामक रोग है जो सीधा फेफड़ों (Lungs) पर असर करती है। टीबी यानी क्षय रोग ट्यूबरकल बेसिलस (Tubercle Bacillus) के कारण होता है। पहले के समय में जहां टीबी को सिर्फ फेफड़ों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब ये शरीर के दूसरे अंगों में भी असर डालती है। शरीर के अन्य अंगों में होने वाली टीबी को एक्सट्रा- पल्मोनरी टीबी (Extra-Pulmonary TB) कहते हैं। हालांकि ये फेफड़ों की टीबी की तरह संक्रामक नहीं होती है।

पेल्विक टीबी (Pelvic TB)

एक्सट्रा-पल्मोनरी टीबी नॉर्मल टीबी की तरह ही बेसिलस के कारण होती है। इसमें बेसिलस खून के जरिए फेफड़ों से होकर के शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंच जाता है। जब बेसिलस आपके पेल्विक एरिया में एंटर कर जाता है, तो इसे पेल्विक टीबी कहते हैं। पेल्विक टीबी पुरुषों और महिलाओं दोनों में इंफर्टिलिटी का एक आम कारण है। ये भारत में स्त्री रोग विशेषज्ञों के पास आए 1-2 प्रतिशत मामलों में सामने आयी है।

कैसे बनती है इंफर्टिलिटी का कारण

जैसे ही टीबी का बैक्टीरिया बेसिलस खून के माध्यम से पेल्विक एरिया में घुसता है, ये पेल्विक टीबी का कारण बन जाता है। इंफेक्शन पहले फैलोपियन ट्यूब को प्रभावित करता है और उसके बाद अन्य प्रजनन अंगों जैसे गर्भाशय, अंडाशय, गर्भाशय ग्रीवा और वैजाइना को प्रभावित करता है। फैलोपियन ट्यूब के टीबी इंफेक्शन के मामलों में, इंफेक्शन फर्टिलाइज्ड अंडे के ट्यूब में प्रवेश को रोकता है और गर्भाशय तक पहुंचता है। इससे गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है। यदि बैक्टीरिया एंडोमेट्रियम की लाइनिंग को नष्ट कर देते हैं, तो फर्टिलाइज्ड अंडा गर्भाशय की दीवार पर खुद को इंप्लान्ट नहीं कर पाता है, जिससे गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है। यदि अंडाशय बैक्टीरिया से संक्रमित होते हैं, तो यह ओवम की गुणवत्ता को प्रभावित करेगा जिससे ये फर्टिलाइज नहीं हो पाता। इसी तरह, गर्भाशय ग्रीवा, वैजाइना में टीबी का संक्रमण गर्भावस्था की संभावना को खत्म कर सकता है।

यह पाया गया है कि लगभग सभी मामलों में फैलोपियन ट्यूब प्रभावित होते हैं, इसके बाद 50% में एंडोमेट्रियम (गर्भाशय की परत), 20% अंडाशय, 5% गर्भाशय ग्रीवा और योनि और योनी में 1% से कम संक्रमित महिलाएं पल्मोनरी टीबी से प्रभावित होती हैं।

पुरुषों में भी, बैक्टीरिया टेस्टीकुलर तक पहुंच सकते हैं और एपिडीडिमो-ऑर्काइटिस का कारण बन सकते हैं। यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह सीमन में स्पर्म को जोड़ना बंद कर सकता है, जिससे इंफर्टिलिटी हो सकती है।

क्या है इसके लक्षण

वैसे तो ये पेल्विक टीबी एक साइलेंट बीमारी है, जिसका पता इंफर्टिलटी के इलाज के दौरान पता चलता है। लेकिन कई बार पेट दर्द, असहनीय पीठ दर्द और अनियमित पीरियड्स जैसे इसके लक्षण सामने आते हैं।

बचाव

अपने प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई पर ध्यान दें, टीबी की वैक्सीन लगवाएं। किसी लक्षण के पाए जाने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाए। हर बीमारी मे सबसे बड़ा रोल इम्यून सिस्टम का होता है, इसलिए इसे मजबूत करने वाली चीजों का सेवन करें। टीबी एक संक्रामक बीमारी है, इसलिए इसके मरीजों से मिलते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और सावधानी बरतें।   

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