भयानक हो सकता है कोरोना में बेवजह स्टेरॉयड लेना, एक्सपर्ट ने किया आगाह
मेयो क्लीनिक (Mayo clinic) के एमडी विंसेंट राजकुमार (MD Vincent Rajkumar) ने इलाज में इस्तेमाल हो रहे स्टेरॉयड (Steroid) को लेकर आगाह किया है। वह अपने ट्विटर हैंडल पर लगातार स्टेरॉयड के इस्तेमाल पर जानकारी दे रहे हैं।;
हेल्थ। देश कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की दूसरी लहर (2nd Phase) से जूझ रहा है। भले ही कई राज्यों के रिकवरी रेट (Recovery rate) में पहले से सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी रोजाना हजारों लोग मर रहे हैं। इस बीच मेयो क्लीनिक (Mayo clinic) के एमडी विंसेंट राजकुमार (MD Vincent Rajkumar) ने इलाज में इस्तेमाल हो रहे स्टेरॉयड (Steroid) को लेकर आगाह किया है। वह अपने ट्विटर हैंडल पर लगातार स्टेरॉयड के इस्तेमाल पर जानकारी दे रहे हैं।
दरअसल विंसेंट राजकुमार ने अपने एक पोस्ट में लिखा, 'भारत में कई ऐसे संक्रमित युवाओं की भी मौत हो रही है जिन्हें आसानी से रिकवर हो जाना चाहिए। मैं भारतीय डॉक्टर्स से ये आग्रह करता हूं कि इलाज में स्टेरॉयड का इस्तेमाल कम कर दें। स्टेरॉयड सिर्फ हाइपोक्सिक मरीजों के लिए ही फायदेमंद है। इसे शुरुआती स्टेज पर देना खतरनाक हो सकता है।'
वहीं अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'संक्रमण के पहले हफ्ते वायरस शरीर में विभाजित हो रहा होता है। ऐसे में स्टेरॉयड के इस्तेमाल से रोगियों के इम्यून सिस्टम पर दबाव बढ़ जाता है और वायरस ज्यादा तीव्रता से शरीर में फैल जाता है। स्टेरॉयड कोई एंटीवायरल ड्रग नहीं हैं।' उन्होंने बताया कि रिकवरी के दौरान ऐसे लोगों की मौतें ज्यादा देखी गई हैं जो हाइपोक्सिक नहीं थे।
विंसेंट राजकुमार ने लिखा, 'कोरोना संक्रमितों में हाइपोक्सिया मरीज के फेफड़ों में इंफेक्शन होने का संकेत देता है। शुरुआती स्टेज पर हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम इससे होने वाली क्षति को नियंत्रित कर सकता है। केवल हाइपोक्सिया में ही किसी मरीज को कम मात्रा में स्टेरॉयड के डोज दिए जा सकते हैं।' उन्होंने बताया कि रिकवरी पीरियड में ज्यादा से ज्यादा 5 दिन तक डेक्सामैथासोन 6mg मरीज को दिया जा सकता है।
इसके साथ ही मेयो क्लीनिक के एमडी ने स्टेरॉयड के हाई डोज और इसे लंबे समय तक दिए जाने के खतरों के बारे में भी बताया। उन्होंने लिखा, 'स्टेरॉयड के हाई डोज या इसे लंबे समय तक जारी रखने से शरीर में कई दूसरे इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। ये म्यूकर, दवा प्रतिरोधी फंगल इंफेक्शन और दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया का खतरा भी बढ़ाते हैं।'
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्टेरॉयड के बहुत ज्यादा इस्तेमाल से मांसपेशियां कमजोर पड़ सकती हैं और ब्लड शुगर अनियंत्रित हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए ये बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। रोगियों को कई अन्य प्रकार की दिक्कतें भी झेलनी पड़ सकती हैं।
विंसेंट राजकुमार ने अपने ट्वीट में लिखा, 'भारत की ऐसी स्थिति अत्याधिक संक्रामक वायरस की चपेट में आने से हो सकती है या फिर ये हेल्थ केयर सिस्टम की नाकामी भी हो सकती है। ये स्थिति हमारे तत्काल नियंत्रण में नहीं है, लेकिन हम इसे कंट्रोल कर सकते हैं।' उन्होंने लिखा कि स्टेरॉयड का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर ही करें। इसके सही समय और अवधि का भी पूरा ख्याल रखें।
विंसेंट राजकुमार ने ट्वीट में आगे लिखा, 'मैंने अपना करियर डेक्सामेथासोन पर ही बनाया है। इसकी कम डोज किसी इंसान की जिंदगी बचा सकती है, लेकिन ये एक दो धारी तलवार जैसी ही है। अगर आप बिना जांच या देखभाल के इसका प्रयोग करेंगे तो इसके बहुत बुरे परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।'