क्या आप रोज चलते हैं दस हजार कदम!
अगर आप एक्सरसाइज नहीं कर पाते हैं तो रोजाना दस हजार कदम चलकर भी फिट रह सकते हैं। कई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि डेली दस हजार कदम चलना, किस तरह से हेल्थ-फिटनेस के लिए लाभकारी है।;
आपने कई बार हेल्थ एक्सपर्ट्स को कहते सुना होगा कि रोज कम से कम 45 से 50 मिनट टहलिए, मॉर्निंग वॉक, ईवनिंग वॉक कीजिए या फिर 10,000 कदम रोज चलना चाहिए। यह सुनकर आपके मन में यह सवाल जरूर उठा होगा कि आखिर डॉक्टर या फिटनेस एक्सपर्ट्स कम से कम 10,000 कदम चलने को क्यों कहते हैं?
रिसर्च से हुआ खुलासा
दुनिया के कुछ रिसर्चर्स ने पाया है कि कम से कम दस हजार कदम रोज चलने वाला व्यक्ति ही फिजिकली एक्टिव होने की श्रेणी में आता है। जबकि 5000 से कम कदम चलने वाला सिडेंट्री लाइफस्टाइल यानी आलस्यपूर्ण जीवनशैली वाला। 5000 से 7,500 कदम चलने वाला लो एक्टिव और 12,500 से ज्यादा कदम चलने वाला हाईली एक्टिव माना जा सकता है। 10,000 कदम चलने का मतलब है कि आप रोज 5 मील चलते हैं।
ब्रिटेन के नेशनल ओबेसिटी फोरम ने इन तथ्यों की पुष्टि करते हुए एडवाइजरी जारी की और फिटनेस ट्रैकर बैंड भी बनवाए। ग्लोबल रिसर्च फर्म आईडीसी की मानें तो 2019 तक ऐसे 100 मिलियन ट्रैकर डिवाइस बिक चुके थे। इसी विज्ञान सम्मत सोच के आधार पर हेल्थ डिवाइस बनाए गए हैं, जो स्टेप काउंटिंग में मदद करने के साथ-साथ आपकी कैलोरी बर्न होने की जानकारी भी देते हैं। कई तरह से है लाभकारी
बेस्ट सेलर बुक 'मानपो केई : द आर्ट एंड साइंस ऑफ स्टेप काउंटिंग' की लेखिका कैटरीन टुडोर लॉक (जो प्रोफेसर और स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड साइंसेज में रिसर्च की एसोसिएट डीन भी हैं) ने 10000 कदमों के महत्व के बारे में बताया है। इस विषय पर उन्होंने टेनेसी यूनिवर्सिटी में एक्सरसाइज फिजियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. डी. आर. बैसेट के साथ एक मेडिकल पेपर भी लिखा है और विभिन्न अध्ययनों के साथ 10,000 कदम रोज चलने के स्वास्थ्य फायदे बताए हैं। इन फायदों में वॉकिंग के कारण हेल्दी हार्ट, हेल्दी डाइजेस्टिव सिस्टम, बॉडी फिटनेस, ओवरऑल हेल्थ शामिल हैं। अब तक हुई दर्जनों रिसर्च में हेल्दी हार्ट और स्ट्रोक से सुरक्षा के लिए एक्टिव लाइफस्टाइल जरूरी बताई जा चुकी है। आलसी और शारीरिक रूप से असक्रिय लोगों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है।
बरतें सावधानी
कोई भी एक्सरसाइज या एक्टिविटी शुरू करने से पहले आपको अपने फिजिकल ट्रेनर या डॉक्टर से सलाह लेनी जरूरी है कि आप कितनी देर तक एक्सरसाइज कर सकते हैं और कितनी इंटेंसिटी के साथ कर सकते हैं, क्योंकि हर व्यक्ति की शारीरिक जरूरत और क्षमता अलग होती है।