Hindi Diwas 2022: कैसे हुई हिंदी शब्द की उत्पत्ति? जानिए हिंदी दिवस से जुड़े कुछ अहम Facts
जानिए हिंदी दिवस से जुड़ी (Hindi Diwas 2022) बहुत सी अहम बातें, कैसे हुई हिंदी शब्द की उत्पत्ति?;
Hindi Diwas 2022: भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मनाया जाएगा, देशभर में इस दिन को बड़े उत्साह के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन देश में घटते हिंदी के महत्व को बढ़ावा देने के लिए कई विद्यालयों में भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। हिंदी दिवस पर बच्चे निबंध सुनाते हैं, कई स्कूलों में कविता प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है। कुछ लोग हिंदी की महत्वता को लेकर डिबेट भी करते हैं, हिंदी भाषा विश्व में काफी लोकप्रिय है। भारत की करीब आधी आबादी बोलचाल में हिंदी भाषा का ही इस्तेमाल करती है। लेकिन क्या आप लोग जानते हैं हिंदी दिवस मानाने की शुरुआत कब से हुई थी?
हिंदी दिवस मानाने के पीछे का क्या है इतिहास?
आज की इस खबर में हम आपको हिंदी दिवस से जुड़े कुछ अहम और रोचक तथ्य बताएंगे, जिन्हें आपका जानना बहुत अहम है। दरअसल, भारत में हिंदी को साल 1949 में 14 सितंबर के ही दिन राजभाषा का दर्जा मिला था। संविधान सभा में लंबी बहस के बाद सभा के सभी सदस्य हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार करने के लिए माने थे। उस वक्त आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने जवाहर लाल नेहरू ने सभा में कहा था कि "14 सितंबर के महत्व को देखते हुए इसी दिन हर साल हिंदी दिवस मनाया जाएगा।" हालांकि, हिंदी को अभी राष्ट्रभाषा घोषित नहीं किया गया है और इस बात पर अब बहुत से विवाद भी जारी हैं।
क्यों मनाया जाता है विश्व हिंदी दिवस? (World Hindi Day)
शायद आप लोग यह बात पता होगी कि जिस तरह "14 सितंबर को हिंदी दिवस" मनाया जाता है, ठीक उसी तरह "10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस" भी मनाया जाता है। विश्व हिंदी दिवस मनाने के पीछे भी बहुत ही दिलचस्प खानी है, साल 2006 से विश्व हिंदी दिवस को मनाने की शुरुआत हुई थी। 2006 में हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिलाने के मकसद से देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की थी।
कैसे हुई हिंदी शब्द की उत्पत्ति?
क्या आप सभी जानते हैं हिंदी शब्द का संबंध सिंधु नदी से है? दरअसल हिंदी का शाब्दिक अर्थ है हिंद में रहने वाले लोग। हिंदी शब्द सिंधु नदी (Indus River) से बना है, आज के ईरान यानी प्राचीन काल के पर्शिया से आए लोग ''स'' को ''ह'' बोलते थे। उन्होंने सिंधु नदी को हिंदू कहना शुरू किया था। यही कारण है कि हिंदू से बना हिंद और हिंद से बनी हिंदी। इसी तरह हिंद के लोग हिंदी कहलाने लगे और हिंद की भाषा भी इस तरह से हिंदी बन गई।