Holi Care Tips: अस्थमा अटैक से दाद की समस्या तक होली पर हो सकती हैं ये गंभीर समस्याएं, जानें बचाव

Holi Health Care Tips: होली पर अपनी सेहत का खास ख्याल रखना बहुत जरूरी है। यहां देखिए हेल्थ केयर टिप्स...;

Update: 2023-02-27 07:46 GMT

Holi 2023 Skin Care Tips: अगले महीने खुशियों और रंगों का पावन पर्व होली बस आने ही वाला है। ऐसे में लोग जोरों-शोरों से इस त्योहार की तैयारियों में जुटे हुए हैं। हालांकि, होली में इस्तेमाल होने वाले केमिकल रंगों को लेकर लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। डॉक्टरों की कोशिश है कि वह लोगों को नेचुरल रंगों से होली खेलने के लिए जागरूक कर पाएं। जिससे स्किन खराब करने वाले कैमिकल युक्त रंगों का इस्तेमाल कम से कम हो। हालांकि उनकी इस सलाह को नजरअंदाज करते हुए बड़ी संख्या में लोग अभी भी केमिकल वाले रंगों से ही होली खेलना पसंद कर रहे हैं। होली खेलने वालों को यह समझना जरूरी है कि केमिकल वाले रंग उनकी स्किन, आंख और बॉडी के अन्य पार्ट्स को बर्बाद कर सकते हैं। ऐसे लोगों को अपने मनोरंजन और मस्ती को साइड में रखकर सावधानी बरतने की जरूरत है।

अस्थमा के मरीजों को केमिकल वाले रंगों से रहना चाहिए दूर

होली का त्योहार अस्थमा के मरीजों के लिए कई तरह की समस्याएं लेकर आता है। इस त्योहार में केमिकल वाले रंग और गुलाल आदि का इस्तेमाल किया जाता है जो अस्थमा के मरीजों की तबियत बिगाड़ने का काम करते हैं। होली के रंगों में कई तरह के कैमिकल ऐसे होते हैं, जो सांस नली में पहुंचकर इंफेक्शन को बढ़ा सकते हैं। जिस कारण इंसान को अस्थमैटिक अटैक आ सकता है। अगर किसी इंसान की छाती में जकड़न, सांस फूलना, घरघराहट, खांसी और ऑक्सीजन का लेवल कम होने जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो उन्हें इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जो लोग अस्थमैटिक हैं उन्हें यह लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए। इन मरीजों को अपने पास इन्हेलर रखना चाहिए।

फंगल इन्फेक्शन की समस्या हो सकती है

बता दें कि बहुत सारे लोगों की स्किन सेंसिटिव होती है, जिस वजह से रंगों के संपर्क में आने से उनकी बॉडी पर फंगल इंफेक्शन हो जाता है। कैमिकल वाले रंगों से यह परेशानी और भी ज्यादा बढ़ सकती है। इससे लोगों की स्किन में खुजली, रेड रेशेज, जलन आदि जैसे कई लक्षण दिखने लगते हैं। जिस कारण आपकी त्योहार का मजा और आपकी स्किन दोनों ही खराब हो सकते हैं।

दाद की समस्या का कारण बनते हैं रंग

बता दें कि केमिकल वाले रंगों का आतंक स्किन इंफेक्शन तक ही नहीं थमता है। दरअसल, इनका इस्तेमाल करने से व्यक्ति को दाद की शिकायत भी हो सकती है। दाद एक बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है, अगर किसी इंसान को दाद की समस्या होती है तो उसे होली खेलने से जितना हो सके बचना चाहिए। डॉक्टरों की माने तो होली खेलने में दाद छिल सकते हैं। इससे जिस जगह पर दाद होता है, वह छिलने के बाद ज्यादा तेजी से फैलने लगता है। जिस वजह से यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है।

सोरायसिस स्किन प्रॉब्लम भी हो सकती है

सोरायसिस स्किन एक गंभीर बीमारी होती है, इस बीमारी में व्यक्ति की स्किन पर कई धब्बे हो जाते हैं। ये रेड रेशेज होने के बाद स्किन से पपड़ी जैसी छूटने लगती है, होली में इस्तेमाल होने वाले कैमिकल रंगों से सोरायसिस की समस्या और अधिक गंभीर हो सकती हैं। डॉक्टरों के मुताबिक सोरायसिस मरीजों को कैमिकल वाले रंगों से होली खेलने से बचना चाहिए। नहीं तो आप कई तरह की गंभीर शारीरिक समस्याओं का सामना कर सकते हैं।   

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