Health Tips: बनना चाहते हैं मस्कुलर और अट्रैक्टिव तो रोजाना करें ये जबरदस्त एक्सरसाइजेज, Bones भी होंगी मजबूत
स्वस्थ रहने के लिए रेग्युलर एक्सरसाइज (Health Tips) के साथ बैलेंस-न्यूट्रीशियस डाइट है बहुत जरुरी, जानें एक्सपर्ट्स की राय;
Health Tips: एज बढ़ने के साथ बोंस वीक होने लगती हैं, ऐसा आपके साथ ना हो इसके लिए टीनएज से ही रेग्युलर एक्सरसाइज करने की हैबिट अपना लेनी चाहिए। आपको यहां बता रहे हैं, कुछ ऐसी ही युजफुल एक्सरसाइज (exercise tips for beginners) के बारे मे जो बोंस को स्ट्रॉन्ग बनाने में हेल्पफुल होती हैं। नई दिल्ली एम्स के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. प्रभात रंजन ने कहा कि हमारा शरीर तभी तक फिट रहता है, जब तक हमारी बोंस मजबूत होती हैं। इनकी मजबूती बनाए रखने के लिए ग्रोइंग एज में बैलेंस-न्यूट्रीशियस डाइट का सेवन करने के साथ ही नियमित रूप से एक्सरसाइज करना भी जरूरी है। ऐसा ना करने पर मिड एज के बाद बोंस डिजेनरेशन की समस्या का सामना करना पड़ता है। जानिए, ऐसी ही कुछ यूजफुल एक्सरसाइजेज (daily exercise tips) के बारे में।
1. वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज (Weight lifting exercise)
इससे हैंड बोंस स्ट्रॉन्ग बनती हैं। इसमें बायसेप्स और ट्राइसेप्स की एक्सरसाइज की जाती हैं। बायसेप्स में कंधे की चौड़ाई जितने पैर खोलकर और घुटने हल्का-सा मोड़ कर खड़े हों। हाथ में लाइट-वेट डंबल या पानी की बोतल पकड़ें। कोहनियों को कमर से सटा कर रखें। हाथ को कंधे तक ले जाएं। कुछ सेकेंड रुक कर धीरे-धीरे वापस आएं। ट्राइसेप्स में एक हाथ में वजन पकड़कर सिर के ऊपर ले जाएं। कोहनी मोड़ कर हाथ-सिर के पीछे ले जाएं। दूसरे हाथ से सपोर्ट दें। पेट की मसल्स को टाइट रखें, पीछे की ओर न झुकें। धीरे-धीरे वापस आएं। अब वजन दूसरे हाथ में पकड़ कर एक्सरसाइज करें। ऐसा 8-10 बार करें।
2. वॉल स्लाइड एक्सरसाइज (Wall Slide Exercise)
इसके लिए पहले दीवार के साथ पीठ का टेक लगाकर खड़े हो जाएं। पैर कंधे की चौड़ाई के बराबर खोलकर और दीवार से एक पैर की दूरी पर रखें। शरीर का ऊपरी पीठ वाला हिस्सा और हथेलियां दीवार से सटा लें। घुटने मोड़ते हुए धीरे-धीरे दीवार का सहारा लेते हुए आधा बैठें। कुछ सेकेंड रुक कर दीवार के सहारे धीरे-धीरे खड़ी हो जाएं। पैरों, जांघों ओर कूल्हों की मजबूती के लिए यह बहुत कारगर है।
3. स्क्वैट (Squat)
पैरों और कूल्हे के लिए स्क्वैटिंग दो तरह से की जाती है-हाफ और फुल स्क्वैटिंग। इसे करने के लिए पैर थोड़ा-सा खोल कर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को सामने फैलाएं। धीरे-धीरे घुटने मोड़ कर नीचे बैठने की कोशिश करें। हाफ स्क्वैटिंग के लिए घुटने थोड़ा मोड़ कर आधा बैठते हैं, जबकि फुल स्क्वैटिंग में नीचे पैरों के बल बैठते हैं। कुछ सेकेंड के लिए रुकें, फिर वापस पहली पोजिशन में आ जाएं यानी खड़ी हो जाएं।
4. लेग लिफ्ट (Leg lift)
इसे करने के लिए पेट के बल उल्टा लेट जाएं। पैर सीधे और हाथ शरीर के साइड में रखें। अपना दायां पैर आसानी से जितना उठा पाएं, ऊपर उठाएं। कुछ सेकेंड रुकें, फिर पैर नीचे लाएं। फिर बाएं पैर से ऐसा ही करें। इसे 10 बार दोहराएं। पीठ के निचले हिस्से और नितंबों की बोंस के लिए बहुत यूजफुल है।
5. कॉर्नर स्ट्रेच (Corner Stretch)
कंधों की बोंस की मजबूती के लिए कॉर्नर स्ट्रेच कर सकती हैं। इसके लिए दीवार की तरफ मुंह करके खड़ी हो जाएं। कंधे के लेवल पर अपने दोनों हाथ कोहनी तक दीवार पर टिकाएं। एक पैर दूसरे पैर के आगे लाएं और घुटना मोड़ें। अपना ऊपर का शरीर दीवार की ओर आगे लाते हुए आगे के पैर पर झुकें। 30 सेंकेंड के लिए रुकें, धीरे-धीरे सीधे खड़ी हो जाएं। फिर दूसरे पैर को आगे लाकर ऐसा ही करें।
7. टो एंड हील रेज (Toe and Heel Raise)
पैर के निचले हिस्से की बोंस स्ट्रेंथ के लिए यह एक्सरसाइज करें। सबसे पहले सपोर्ट के लिए कुर्सी को पकड़ कर सीधी खड़ी हो जाएं। एड़ियों को जमीन से उठाएं, घुटने सीधे रखें। 10-15 सेकेंड के लिए रुकें, फिर एडियां वापस जमीन पर ले आएं। अब पैरों की अंगुलियों को उठाएं। 10-15 सेकेंड रुक कर वापस ठीक से खड़ी हो जाएं।
8. हिप एब्डक्टर लिफ्ट (Hip abductor lift)
कूल्हे की मजबूती के लिए यह बहुत कारगर है। इसके लिए पहले सीधे खड़ी हो जाएं। सपोर्ट के लिए बाएं हाथ से कुर्सी पकड़ें और दायां हाथ कमर पर रखें। अपना दाएं पैर को बाहर की तरफ निकालते हुए कम से कम 15 सेमी. तक ऊपर उठाएं और नीचे लाएं। इसके बाद बाएं पैर से यह एक्सरसाइज करें।
इन बातों का रखें खास ध्यान (Take special care of these things)
- अपनी शारीरिक क्षमता के हिसाब से ही एक्सरसाइज करें।
- कोई भी प्रॉब्लम होने पर डॉक्टर से कंसल्ट करके ही एक्सरसाइज करें।
- एक्सरसाइज करने से पहले 5-10 मिनट के लिए वार्मअप जरूर करें।
- रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें। चाहें तो 10 या 15 मिनट दिन में दो-तीन बार भी एक्सरसाइज कर सकती हैं।
प्रस्तुति-रजनी अरोड़ा