महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है फाइनेंसियल मैटर्स की जानकारी, जानें किस तरह कर सकती हैं परिवार की मदद

आजकल जमानें में महिलाएं भी पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है, ऐसे में आपको घर के फाइनेंसियल मैटर्स (Financial Matters) के बारे में भी न केवल पता होना चाहिए, इसमें आपको पूरी तरह इन्वॉल्व भी होना चाहिए।;

Update: 2022-07-15 10:01 GMT

आजकल जमानें में महिलाएं भी पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है, ऐसे में आप घर-परिवार की तमाम जिम्मेदारियां बखूबी संभालती हैं, यह अच्छी बात है। लेकिन आपको घर के फाइनेंसियल मैटर्स (Financial Matters) के बारे में भी न केवल पता होना चाहिए, इसमें आपको पूरी तरह इन्वॉल्व भी होना चाहिए। ऐसा करना इसलिए बहुत जरूरी है कि अगर कभी किसी भी इमरजेंसी (Emergency) की स्थिति में आपको फाइनेंसियली कोई परेशानी न हो और आप सब कुछ स्मार्टली हैंडल कर सकें।

महिला और पुरुष दोनों मिलाएं कदम से कदम

हमारे सामाजिक ढांचे में आमतौर पर भारतीय परिवार, पुरुष प्रधान होते हैं और घर के आर्थिक मामलों का हिसाब-किताब वे ही रखते हैं। ऐसा भी देखा जाता है कि जब पति अपनी पत्नी को फाइनेंस मैटर से जुड़ी कोई जानकारी देना भी चाहते हैं तो वे 'हमें वैसे ही घर के इतने काम होते हैं, अब ये सब तो आप ही संभालें।' कहकर इसमें रुचि नहीं लेती हैं। लेकिन ऐसी सोच और अप्रोच गलत है। कब परिवार पर कोई बड़ी मुसीबत कहर बनकर टूट पड़ेगी ये कोई भी नहीं जानता। इसलिए घर के फाइनेंस मैटर्स के बारे में पूरी जानकारी पति के साथ आपको भी होनी चाहिए। यूं तो बचत के मामले में महिलाएं आगे रहती हैं, लेकिन बचत के साथ-साथ कुछ अन्य बातों पर भी ध्यान देना आवश्यक है ताकि जरूरत पड़ने पर आप घर के आर्थिक मुद्दों को भी स्मार्टली हैंडल कर पाएं।

प्रॉपर रिकॉर्ड रखें

परिवार के बचत खाते, डिपॉजिट्स, लॉकर, क्रेडिट कार्ड प्रोविडेंट फंड, लोन और इंवेस्टमेंट्स आदि से जुड़ी संपूर्ण जानकारी रखें ताकि आवश्यकता पड़ने पर आप निर्णय ले सकें, सभी इंवेस्टमेंट की एक डायरी में नोट करें या लैपटॉप में प्रॉपर रिकॉर्ड रखें। उसमें प्रत्येक इंवेस्टमेंट के प्रीमियम की राशि, अवधि और मैच्योरिटी की डेट लिखें। समय-समय पर उसे चेक करती रहें ताकि आप आने वाले खर्चों से अपडेट रहें और सभी किश्तों को समय पर भर सकें।

नॉमिनी अपडेट करें

बैंक एकाउंट, एफडी या पॉलिसी जहां भी आपका कोई भी इंवेस्टमेंट हो, सभी जगह पर आप नॉमिनी का नाम जरूर करें करें ताकि जरूरत पड़ने पर क्लेम लेने में कभी भी किसी भी प्रकार की परेशानी न आए। कई बार विवाह से पूर्व युवा अपने माता-पिता को नॉमिनी बनाते हैं और फिर शादी के बाद उसे अपडेट कराना भूल जाते हैं, ऐसा आप न करें। जीवन के उत्तरार्द्ध में या अचानक किसी हादसे में जीवनसाथी की मृत्यु हो जाने पर अपडेट के अभाव में क्लेम लेने में काफी परेशानी आती है।

बजट बनाएं

घर के सभी मंथली खर्चों को सुचारु रूप से चलाने के लिए अपनी आय के अनुसार बजट अवश्य बनाएं ताकि पूरे माह आप बिना तनाव के अपने खर्चे पूरे कर सकें। इसके अतिरिक्त आप प्रतिमाह एक निश्चित राशि इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) के लिए अवश्य रखें ताकि किसी तरह के अचानक आने वाले खर्च को भी आप मैनेज कर सकें।

छोटी-छोटी बचत करें

घर के मंथली इनकम में से बहुत अधिक राशि एक साथ निकाल पाना संभव नहीं होता है। इसके स्थान पर छोटी-छोटी बचत को प्राथमिकता दें। पोस्ट ऑफिस या बैंक में अपने बजट के अनुसार आरडी एकाउंट खोल सकती हैं और प्रतिमाह इसमें निर्धारित राशि जमा करती रहें। इससे एक निश्चित अवधि के बाद आपको अच्छी खासी रकम प्राप्त हो सकेगी, जिसे आप कहीं भी इंवेस्ट कर सकती हैं|

मेडिकल बीमा करवाएं

आजकल अनेक बीमा कंपनियां मेडिकल बीमा (Medical Insurance) करती हैं। आप भी अपनी सुविधानुसार अपना और परिवार के सदस्यों का बीमा करवाएं। इससे आपकी बीमारी पर होने वाला खर्च काफी कम या न के बराबर हो जाता है। चूंकि इसका प्रीमियम साल में एक बार ही देना होता है इसलिए आसानी से इसे मेंटेन किया जा सकता है। अधिकतर मेडिकल बीमा कंपनियां प्रतिवर्ष निश्चित राशि के हेल्थ चेकअप फ्री करवाती हैं, इस सुविधा का लाभ अवश्य उठाएं।

अपनी वसीयत बनाएं

आपके दुनिया से जाने के बाद आपकी प्रॉपर्टी और बैंक बैलेंस को लेकर परिवार के सदस्यों में कोई विवाद या मनमुटाव न हो, इसके लिए पति की मदद और किसी वकील की उपस्थिति में वसीयत अवश्य बनवा लें। लेकिन जहां तक संभव हो, उसे पहले ही सबके सामने उजागर न करें।

प्रतिभा अग्निहोत्री

Tags:    

Similar News