Durga Parameshwari Temple: यहां नवरात्रि पर आग से खेलते हैं लोग, वजह जान रह जाएंगे दंग

Durga Parameshwari Temple: नवरात्रि के पर्व में कुछ दिनों का समय शेष है। नवरात्रि के पर्व पर माता की झांकियों के साथ-साथ गीत और भजन आदि किए जाते हैं। माता के स्वरूप को देखने के लिए लोग घूमने का प्लान भी बनाते हैं। अगर आप भी नवरात्रि में बना रहे हैं घूमने का प्लान तो करें इस मंदिर के दर्शन...;

Update: 2023-09-18 11:44 GMT

Durga Parameshwari Temple: भारत अपने इतिहास के रहस्यों की वजह से दुनिया भर में लोकप्रिय है। यहां पर तमाम ऐसे मंदिर हैं जिसके रहस्यों के बारे में समझ पाना मुश्किल है। आज हम आपको ऐसी जगह और मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आपने कभी सुना होगा। 

आग को समझते हैं खिलौना

दुर्गा परमेश्वरी माता का मंदिर भारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटक में मौजूद है। यह मंदिर देवी दुर्गा माता को समर्पित है। दुर्गा परमेश्वरी मंदिर को कोकतील मंदिर के नाम से भी पुकार जाता है। मैंगलोर से लगभग 30 किमी की दूरी पर यह भव्य मंदिर मौजूद है। नवरात्रि के पर्व पर यहां पर लोगों की भीड़ देखने को मिलती है। अगर बात करें यहां कि खासियत की तो यहां पर लोग आग से इस तरह खेलते हैं मानो आग एक खिलौना है।

मंदिर का रहस्य

मंदिर में आग से खेलने की शुरुआत मेष संक्रांति से एक दिन पहले हो जाती है। आपको बता दें कि इस मंदिर में प्रत्येक साल अप्रैल माह में करीब आठ दिनों तक यह दृश्य देखने को मिलता है। आग से खेलने की परंपरा को अग्नि केली कहते हैं। यह परंपरा दो गांव आतुर और कलत्तुर के लोगों के बीच होती है।

खेलने का तरीका और समय

इस परंपरा के लोग नारियल की छाल से बनी मशाल एक दूसरे पर फेंकते हैं। इस खेल को खेलने का समय 15 मिनट के करीब होता है। अग्निकेली परंपरा को निभान के पीछे लोगों का मनाना है कि ऐसा करने से उनका दुख कम होते हैं।

मंदिर के पट खुलने का समय

दुर्गा परमेश्वरी मंदिर के द्वार सुबह 4 बजे से दोपहर 12.30 तक खुले रहते हैं। मंदिर के पट दोपहर के 12:30 से 3:00 बजे तक बंद रहते हैं। शाम को पट 3 से रात 10 बजे तक खुले रहते हैं।  

मंदिर से करीब मैंगलोर रेलवे स्टेशन 

अगर आप इस मंदिर के दर्शन करने के लिए प्लान कर रहे हैं और आप दिल्ली से आ रहे हैं तो आपको बता दें कि इस मंदिर के निकट का रेलवे स्टेशन मैंगलोर रेलवे स्टेशन है। इस स्टेशन से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर मौजूद है।

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