Janmashtami 2021: इस वजह से जन्माष्टमी पर हर साल फोड़ी जाती है Dahi Handi, जानें क्या है महत्व

कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के दिन हर साल दही हांडी (Dahi Handi) का आयोजन किया जाता है। क्या आप जानते है कि दही हांडी का आयोजन क्यों किया जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।;

Update: 2021-08-30 10:27 GMT

Janmashtami 2021 : कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के दिन हर साल दही हांडी (Dahi Handi) का आयोजन किया जाता है। इसमें मिट्टी के बर्तन को दही या मक्खन से भरकर किसी रस्सी के सहारे ऊंचाई पर लटका दिया जाता है। फिर कॉम्पिटिशन कराया जाता है कि जो इस मटकी को फोड़ेगा वो ही विजेता होगा। क्या आप जानते है कि दही हांडी का आयोजन क्यों किया जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में। 

क्या है दही हांडी का महत्व

दही हांडी का महत्व भगवान कृष्ण के जीवन की कथा पर आधारित है। कृष्णा को मक्खन चोर या माखन चोर के नाम से भी जाना जाता है। अपने बचपन में, कृष्णा बहुत ही शरारती थे और मक्खन खाने के काफी शौकीन थे। उन्हें जहां भी मक्खन दिखता। वह अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपने पड़ोसियों का माखन भी चुरा लेते थे। पड़ोसी कान्हा से परेशान हो गए थे और माखन को बचाने के लिए मिट्टी के बर्तनों को ऊंचा लटकाते ताकि कृष्ण वहां न पहुंच सकें, लेकिन कान्हा तो बेहद चतुर और समझदार थे, वह अपने दोस्तों के साथ मिलकर किसी न किसी तरह मटके को उतार लेते थे और माखन खाने के बाद गायब हो जाते थे।

कृष्ण के बचपन की जाती है नकल 

दरअसल, सालों से दही हांडी का आयोजन कृष्ण जन्माष्टमी पर एक रिवाज बन गया है। इस रिवाज में कृष्णा के बचपन के दिनों की नकल की जाती है। लड़कों के ग्रूप को मंडल कहा जाता है और वे हांडी तोड़ने के लिए अलग-अलग इलाकों में जाते हैं। यह त्योहार मनाने का एक मजेदार तरीका बन गया है। जब मटकी को तोड़ा जाता है तो जो लोग नीचे रहते है, मजबूत काफी मजबूत होते है, जो अपने कंधों पर भार सहन कर सकते हैं। वहीं जो मटकी को तोड़ता है, वह एक ऊर्जावान बच्चा होता है, जो हांडी को पकड़कर उसे तोड़ सकता है। पिरामिड बनाने वाले लोगों को 'गोविंदा' कहा जाता है।

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