कभी मॉल रोड पर लगे थे Indians and Dogs Not Allowed के बैनर, यहां पढ़िए Mussoorie से जुड़े रोचक तथ्य

मसूरी में भारतीय लोगों को जाने की अनुमति क्यों नहीं थी। साथ ही जानिए इस जगह से जुड़े और भी कई बेहतरीन फैक्ट्स।;

Update: 2023-04-02 11:34 GMT

Some Interesting Facts About Mussoorie: उत्तराखंड में स्थित मसूरी को पहाड़ों की रानी कहा जाता है, यह भारत के सबसे बेहतरीन हिलस्टेशंस में से एक है। यहां आपको कई ऐसी जगह मिल जाएंगी, जहां एक बार जाने के बाद बार-बार जाने का मन होगा। इस जगह को खूबसूरत और मशहूर बनाने के लिए प्रकृति ने बहुत बेहतरीन काम किया है। यहां के लाजवाब नजारे आंखों के रास्ते दिल में उतर जाते हैं। ये जगह दिन-रात लोगों कि भीड़ से खचाखच भरा रहता है। यहां घूमने के लिए केम्पटी फॉल, गन हिल, कम्पनी गार्डन, झाड़ीपानी फॉल्स देवलसारी जैसी जगहें मौजूद हैं, लेकिन क्या आप इस जगह से जुड़ी कुछ और दिलचस्प बातों के बारे में जानते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहां किसी समय अंग्रेज सरकार ने भारतीयों को आने की इजाजत भी नहीं दी थी। आज के इस आर्टिकल में हम आपको मसूरी के कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताते हैं।

​कैसे रखा गया मसूरी का नाम

यह बात सच है कि मसू​री को अंग्रेजों ने बसाया है, लेकिन इसका नाम आज भी बिल्कुल स्वदेशी है। मसूरी का नाम एक झाड़ी मंसूर से लिया गया है। ये झाड़ी मसूरी में बहुत ज्यादा मात्रा में मिलती है, दिलचस्प बात ये है कि आज भी लोग इस जगह को मंसूर नाम से बुलाते हैं। अब अहम सवाल ये उठता है कि आखिर इस जगह की खोज किसने की थी, तो इसे एक युवा ब्रिटिश सैन्य अधिकारी युंग और देहरादून निवासी मास्टर शोर द्वारा ढूंढा गया था। जिसके बाद ब्रिटिश सरकार ने ही मसूरी को बसाया था।

​गन हिल का नाम कैसे रखा गया

ब्रिटिश शासन के दौरान गन हिल में ऊंची चोटी में एक बंदूक हुआ करती थी। रोजाना दोपहर 12 बजे इस बंदूक से फायरिंग की जाती थी, जिसके बाद ही लोग अपनी घड़ी के समय का मिलान किया करते थे। बाद में बंदूक को गन हिल से हटा दिया गया, लेकिन इस जगह का नाम गन हिल ही रखा गया।

​लाल टिब्बा सबसे ऊंचा

अब अगर मसूरी के सबसे ऊंचे पॉइंट की बात करें, तो वह लाल टिब्बा है। यह 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, इस जगह से आप मसूरी की बेहतरीन वादियों को आराम से देख सकते हैं। यहां से हिमालय रेंज को भी बहुत आसानी से देखा जा सकता है। ऐसे में अगली बार आप जब भी मसूरी जाएं तो एक बार लाल टिब्बा घूमने जरूर जाएं।

मसूरी में नहीं जा सकते थे भारतीय

आज के समय में हर कोई मसूरी घूमने जा सकता है। हम बड़े ही आराम से मसूरी जाकर खूबसूरत नजारों का लुत्फ उठा सकते हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब मसूरी में भारतियों को कदम रखने की भी अनुमति नहीं दी थी। शायद ये बात जानकार आपको हैरानी होगी, लेकिन ब्रिटिश काल में भारतीयों को मसूरी में जाने नहीं दिया जाता था। मसूरी की माल रोड पर ब्रिटिश सरकार द्वारा दीवार पर लिखवाया गया था Indians and Dogs Not Allowed, लेकिन बाद में मोतीलाल नेहरू ने इस नियम को तोड़ दिया था।

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