Eye Care Tips: कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो हो जाइए सावधान, आंखों को हो सकता है बड़ा नुकसान
हमारे चेहरे (Face) पर सबसे खूबसूरत और सबसे नाजुक हिस्सा हमारी आंखें (Eyes) होती हैं, आंखों में हो रही थोड़ी सी तकलीफ या छोटी सी चोट भी गंभीर परेशानी (Serious Eye Problem) का कारण बन सकती हैं।;
हमारे चेहरे पर सबसे खूबसूरत और सबसे नाजुक हिस्सा हमारी आंखें होती हैं, आंखों (Serious Eye Problems) में हो रही थोड़ी सी तकलीफ या छोटी सी चोट भी गंभीर परेशानी का कारण बन सकती हैं। आजकल के मॉडर्न जमाने में लोग पूरे समय किसी ना किसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल कर रहे होते हैं। ऑफिस में होते हैं तो कंप्यूटर और लैपटॉप से नजर नहीं हटती है और घर पर होते हैं तो मोबाइल में कुछ न कुछ देख रहे होते हैं। इससे आपकी आंखों पर बुरा असर होता है और आपकी आंखें कमजोर हो जाती है। आंखों से क्लियर देखने के लिए आपको चश्मे का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन आपके फैशन स्टेटमेंट में चश्मा फि नहीं होता है। चश्मे से बचने के लिए कॉन्टैक्ट लेंस लगाने का उपाय निकाला गया है।
कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से हो सकती है गंभीर समस्याएं
कॉन्टैक्ट लेंस (Contact Lenses) लगाने के बाद आपको चश्मा लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन क्या आपको पता है कि यह लेंसेस महज आपके फैशन स्टेटमेंट (Fashion Statement) के लिए अच्छे होते हैं, आपकी आंखों के लिए यह उतने ही हानिकारक होते हैं। कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से आपको आंखों से संबंधी गंभीर बीमारियां आपको घेर सकती हैं, कॉन्टेक्ट लेस उतारने या लगाने में थोड़ी सी भी लापरपाही आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है। कई लोग सुबह काम पर जाने से पहले कॉन्टैक्ट लेंस लगाते हैं और सीधा रात को उतारते हैं, क्या आपको पता है लेंस को ज्यादा समय तक लगाने से भी आपकी आंखों पर गंभीर प्रभाव होता है। आइये आज हम आपको कॉन्टैक्ट लेंस के कारण आंखों को होने वाले नुक्सान के बारे में बताते हैं।
1. आंखों में हो जाती है ऑक्सीजन की कमी (Lack Of Oxygen)
कॉन्टैक्ट लेंस सीधे आंख पर लगाए जाते हैं और पूरे कॉर्निया को कवर करते हैं, इसलिए आपकी आंखों तक पहुंचने वाली ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए ऑक्सीजन की अच्छी आपूर्ति बेहद जरूरी है।
2. सूखी आंखें (Dry Eyes)
कॉन्टैक्ट लेंस कॉर्निया पर आने वाले आसुओं की मात्रा को कम कर देता है क्योंकि वे अपने आप को नरम रखने के लिए हमारे आंसुओं को अपने अंदर समा लेता है। आंसुओं की यह कमी ड्राई आई सिंड्रोम का कारण बनती है जिससे आंखों में खुजली, जलन और लाल होने जैसी समस्याएं होने लगती है। अगर आंखें बहुत ज्यादा सूख जाती हैं, तो इससे कॉर्निया पर निशान पड़ सकते हैं जो बेहद दर्दनाक हो सकता है।
3. बर्थ कंट्रोल दवाई (Birth Control Pills) के साथ ना करें कॉन्टैक्ट लेंस (Contact Lenses) का इस्तेमाल
अगर आप गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन और उसी समय में कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करती हैं तो इससे आपकी आंखों में जलन होगी। बर्थ कंट्रोल पिल्स और कॉन्टैक्ट लेंस का एक साथ इस्तेमाल आंसुओं के संतुलन को बिगाड़ देगा और आंखों जलन और कुछ किरकिरा सा महसूस होने लगेगा। जब तक आप गोली ले रहे हैं तब तक लेंस का उपयोग करने से बचें।
4. कॉर्नियल रिफ्लेक्स में कमी (Decreased Corneal Reflex)
कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करने से आंख में कॉर्नियल रिफ्लेक्स कम हो सकता है। कॉर्नियल रिफ्लेक्स आंख की सुरक्षा करता है, कॉर्नियल रिफ्लेक्स यह सुनिश्चित करता है कि हम जरूरत पड़ने पर अपनी आंखें बंद कर लें। अगर कोई चीज सीधे हमारी आंखों पर आघात करें, जैसे कि कोई उड़ने वाली वस्तु हमारी आंखों की ओर आ रही है या कोई हमें पोक करने की कोशिश करता है तो हमारी आंखें खुद ही बंद हो जाए।
कॉन्टैक्ट लेंस का लगातार उपयोग आपके शरीर को प्राकृतिक कॉर्नियल रिफ्लेक्स को अनदेखा करना सिखाते हैं। यह कॉर्नियल रिफ्लेक्स के प्रति आंख की प्रतिक्रिया को सुस्त कर सकता है, जिससे अगर आप खतरे की स्थिति में अपनी आंखें पर्याप्त तेजी से बंद नहीं कर पाते हैं।
5. कॉर्नियल अब्रेशन (Corneal Abrasion)
कॉन्टैक्ट लेंस आपके कॉर्निया को खरोंचने की संभावना रखते हैं, जिससे कॉर्नियल अब्रेशन हो सकता है, कॉन्टैक्ट लेंस के साथ कभी न सोएं ऐसा करने से अब्रेशन का खतरा बढ़ जाएगा। लेंस गंदगी और रेत जैसे कणों को फसाएगा और आपके कॉर्निया पर रगड़ पड़ेगी। कॉन्टैक्ट लेंस को लापरवाही से डालने या निकालने पर आप अपने कॉर्निया को खरोंच भी सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप लेंस को सावधानी से फिट करते हैं और आप उन्हें पहनकर कभी नहीं सोते हैं।