Sign Of Depression: बच्चों के स्वभाव में दिखे ये बदलाव, तो समझ जाएं वे हैं डिप्रेशन का शिकार

Sign Of Depression: डिप्रेशन एक बहुत गंभीर समस्या होती है, जो बच्चों के स्वास्थ्य एवं विकास पर बुरा प्रभाव डालती है। ऐसे में पेरेंट्स और टीचर्स को सतर्क रहना होगा। आइए जानते हैं कि बच्चों में डिप्रेशन का कैसे पता लगाएं।;

Update: 2023-10-11 12:27 GMT

Sign Of Depression: जैसा की हमें पता ही है कि डिप्रेशन एक गंभीर समस्या है। अब तो डिप्रेशन के केस बच्चों में भी तेजी से बढ़ रहे हैं। बहुत सी रिसर्च के अनुसार, पता चला है कि पिछले कुछ वर्षों में बच्चों और किशोरों में डिप्रेशन के केस दोगुना से भी ज्यादा हो चुके हैं।10 से 14 साल के बच्चों में डिप्रेशन के केस पिछले 5-6 सालों में दोगुना तक बढ़ गए हैं। यह गंभीर स्थिति बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) के लिए हानिकारक है। आइए विस्तार से जानते हैं बच्चों में डिप्रेशन बढ़ने के कारण और इससे निपटने के लिए उपाय...

क्यों बढ़ रही है बच्चों में डिप्रेशन की समस्या (Why Is The Problem Of Depression Increasing In Children)

आजकल के बदलते लाइफस्टाइल और एनवायरनमेंट की वजह से बच्चों पर भी मानसिक दबाव बढ़ता जा रहा है। साथ ही ज्यादा मोबाइल इंटरनेट और सोशल मीडिया के इस्तेमाल से भी बच्चे इससे प्रभावित हो रहे हैं। परिवार में तनाव के माहौल और खुद को अलग महसूस करने से, स्कूल में पढ़ाई की चिंता और परीक्षाओं का डर, सोशल मीडिया के इस्तेमाल से स्ट्रेस, बुलिंग और उत्पीड़न आदि से बच्चों में डिप्रेशन की समस्या बढ़ती जा रही है।

डिप्रेशन के लक्षणों की करें पहचान (Depression In Children Can Be Recognized By Some Special Symptoms)

रोज के कामों में मन न लगना जैसे खेलना, पढ़ना।

हर छोटी-छोटी बात पर रोना या गुस्सा करना।

हमेशा दुखी, निराश और उदासी के भाव में रहना।

कंसन्ट्रेट की कमी होना, स्कूल के काम में मन ना लगना।

नींद में कमी आना या हद से ज्यादा सोना और भूख कम लगना।

हमेशा थकान और एनर्जी न रहना, कही आने-जाने का मन नहीं करना।

दोस्तों से या किसी से भी मिलने का मन ना होना, सामाजिक प्रभावों से दूर रहना।

अगर ये लक्षण दो हफ्ते से ज्यादा रहे, तो बच्चे को डिप्रेशन की समस्या हो सकती है।

डिप्रेशन से बाहर निकालने के लिए उपाय (Children Can Be Brought Out Of Depression With The Help Of Some Measures)

बच्चे से बात करें, उनकी बात ध्यान से सुनें और समझने की कोशिश करें।

बच्चे को प्यार और पोजिटिव माहौल दें। उसकी अचीवमेंट की तारीफ करें।

बच्चे के डेली रूटीन बनाने में मदद करें जैसे समय से खेलना, पढ़ना व खाना।

बच्चे को परिवार और दोस्तों से मिलने जुलने व बातचीत करने के लिए कहें।

बच्चे को एक्सरसाइज, योगा अथवा मेडिटेशन करने में मदद करें।

ऐसी आपको समस्या गंभीर लगे, तो डॉक्टर से काउन्सलिंग और उपचार लें।

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Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन तरीकों और सुझावों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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