Olympics के बाद बढ़ा Golden Boy का वजन, नीरज बोले- परांठे खाने की अब चुकानी पड़ रही कीमत
नीरज चोपड़ा ने बताया कि जिंदगी में सेल्फ कंट्रोल क्यों बहुत जरूरी है। साथ ही, जानिए गोल्डन बॉय का डाइट प्लान।;
Neeraj Chopra Diet Plan In Hindi: आत्म-नियंत्रण (Self Control) हर इंसान के लिए बहुत जरुरी होता है, फिर चाहे वह कोई एक्टर हो, पॉलिटिशियन हो, टीचर हो या खिलाड़ी हो हर इंसान को खुद पर कंट्रोल करना आना चाहिए। जैवलिन थ्रो (Javelin Throw) में इतिहास रचने वाले भारत के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा (Golden Boy Neeraj Chopra) अपने उज्जवल भविष्य की ओर लगातार कदम बढ़ा रहे हैं और हर मोर्चे पर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक 2020 (Tokyo Olympic 2022) में गोल्ड जीता, इसके बाद डायमंड लीग (Diamond League), विश्व चैंपियनशिप (World Championship) में भी पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। लेकिन ओलिंपिक में पदक जीतने के बाद गोल्डन बॉय नीरज का वजन बढ़ने लगा और वह अपनी फिटनेस को मेंटेन करने को लेकर संघर्ष करने लगे थे। नीरज ने अपने हालिया इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अब अपनी डाइट को कंट्रोल कर लिया है और वह सेल्फ कंट्रोल में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह एक परांठा भी खा लेते हैं तो इसका खामियाजा उन्हें अगले दिन ट्रेनिंग के (Neeraj Chopra Diet Plan) दौरान भुगतना पड़ता है।
नीरज चोपड़ा ने बताई अपनी डाइट (Neeraj Chopra told his Diet Plan)
नीरज चोपड़ा ने अपनी डाइट को लेकर बड़े खुलासे करते हुए बताया कि वह चाय तक नहीं पीते हैं, उन्होंने कहा, "हम कभी-कभी भारतीय रेस्तरां में खाते हैं। लेकिन यह ज्यादातर उबला हुआ खाना, सलाद और फल होते हैं। फिर आपको मांसाहारी खाना भी खाना पड़ता है- चिकन, मछली और अंडे आदि। इसके साथ ही आपके पास दही और बेरी जैसे बहुत सारे ऑप्शन होते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि वह हर कीमत पर मीठे से परहेज करते हैं। "जब हम तुर्की में थे, वहां मिठाइयां बहुत अच्छी थीं, लेकिन मैं उन्हें नहीं खा सकता था। अगर मुझे क्रेविंग होती थी तो मैं एक या दो सप्ताह में सिर्फ एक टुकड़ा खा पाता था। हर दिन वहां काउंटर पर मिठाइयां रखी जाती थीं, उन्होंने इतनी सारी चीजें रखीं कि एथलीटों के लिए खुदको रोकना बड़ी चुनौती है।"
आत्म-नियंत्रण क्या है? (What is self-control)
नीरज चोपड़ा का कहना है कि वह सेल्फ कंट्रोल वापस पाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं, जो जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। सेल्फ कंट्रोल भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करने में मदद करता है, जब मोबाइल फोन और कंप्यूटर स्क्रीन से दूर रहने, खरीदारी करने और खाने जैसी दैनिक आदतों की बात आती है, तो बहुत से लोग खुदको कंट्रोल करने में बहुत जद्दोजहद करते हैं, जिसके विनाशकारी परिणाम होते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सेल्फ कंट्रोल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को विनियमित करने में मदद कर सकता है।आत्म-नियंत्रण बर्बाद करने वाली भावनाओं और गुस्से को नियंत्रण में रखने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
आत्म-नियंत्रण बढ़ाने के लिए कुछ सुझाव (Tips For Self Control)
मोटिवेशन की जरूरत (Need for Motivation): मानसिक स्वास्थ्य (Mental health) विशेषज्ञों का कहना है कि सेल्फ कंट्रोल को हासिल करने के लिए आपको मोटिवेशन की जरूरत है। साथ ही यह पता लगाना भी जरूरी है कि आपको क्या प्रेरित करता है और आपको अपने निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करता है।
अच्छी नींद लें (Get good sleep): नींद की कमी हमारे दिमाग के कार्य को प्रभावित करती है, विशेष रूप से प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स, जो तर्क को संभालती है, और एमिग्डाला, जो भावनाओं को नियंत्रित करती है। इसलिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए हर दिन 8-9 घंटे अच्छी नींद लेना बहुत जरुरी है।
एक्सरसाइज (Exercise) : अपने आत्म-नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए व्यायाम करना आपकी बहुत सहायता कर सकता है। आप कितने भी व्यस्त क्यों न हों, 30-45 मिनट की वाकिंग, जॉगिंग, साइकिल चलाना या तैरना आप अपने डेली रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
लक्ष्य बनाएं (Set Goals): सभी की जिंदगी में एक ऐसा लक्ष्य होना चाइये जिसे पाने के लिए वह जी जान से मेहनत करें। उस लक्ष्य को पाने के लिए हम नयी चीजें और बातें सीखेंगे और खुदको हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे।