हर मर्ज की दवा नहीं होती पेरासिटामोल! इस दवाई का अंधाधुंध सेवन आपको करेगा लाचार
Paracetamol: डॉक्टर की सलाह के बिना कभी भी नहीं करना चाहिए पेरासिटामोल का इस्तेमाल। यहां देखिये कैसे हर मर्ज की दवा बन जाती है कई परेशानियों का सबब।;
Do Not Use Paracetamol More Often: पेरासिटामोल एक ऐसी दवाई है, जिसे भारतीय घरों में आमतौर पर हर बीमारी के इलाज की तरह महसूस किया जाता है। अगर घर में किसी को सर्दी-जुखाम, बुखार या दर्द जैसी कोई भी परेशानी हो तो पेरासिटामोल खिला दी जाती है। बता दें कि कोरोना काल में पेरासिटामोल की बिक्री बहुत ज्यादा बढ़ गई थी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कोविड के दौर में लोग हल्के सिरदर्द या फिर हरारत होने पर भी काल्पोल (Calpol), क्रोसिन (Crocin), डोलो (Dolo) जैसी पैरासिटामोल की दवा ले रहे थे। क्या आप में से किसी को भी पेरासिटामोल की सही मात्रा के बारे में पता है ? भारत में ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जिन्हें लगता है कि छोटी-मोटी चीजों के लिए पैरासिटामोल का सेवन बिना डॉक्टर के सलाह के भी किया जा सकता है क्योंकि इस दवाई से कोई खास साइड इफ्फेक्ट नहीं होते हैं। हालांकि ये बात बिलकुल गलत है, पेरासिटामोल में स्टेरॉयड होता है, इसलिए इसकी अनुचित खुराक आपके शरीर को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। जानकारी के लिए बता दें कि काल्पोल (Calpol), क्रोसिन (Crocin), डोलो (Dolo), सूमो एल (Sumo L), कांबीमोल (Kabimol), पेसीमोल (Pacimol) जैसे कई नामों से पेरासिटामोल दुकानों में मिलती है।
जानें उम्र के मुताबिक पेरासिटामोल की सही खुराक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सामान्य एडल्ट को अगर बुखार है तो अमेरिकी गाइडलाइन के मुताबिक 325 एमजी से 650 एमजी तक पैरासिटामोल की खुराक 4 से 6 घंटे के समय में ली जा सकती है। अगर ब्रेक 8 घंटे का है तो उस इंसान को 1000 एमजी तक की दवा दी जा सकती है। हालांकि डॉक्टर दवाई की मात्रा इंसान की पहले की बीमारियों, वजन, हाइट आदि के आधार पर तय करते हैं। अमेरिकी गाइडलाइन के मुताबिक बुखार में 500 एमजी पैरासिटामोल को 6 घंटे के ब्रेक के बाद लेना चाहिए। छोटे बच्चों को पैरासिटामोल देते समय बहुत ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।
अगर बच्चे को बुखार है और उसकी आयु एक महीने से कम है तो उसे 10 से 15 एमजी पैरासिटामोल प्रति किलो वजन के हिसाब से 4 से 6 घंटे बाद देनी चाहिए। लेकिन बच्चों की सिचुएशन में सबसे बेहतर यही होगा कि आप उन्हें डॉक्टर कि सलाह के बिना कोई भी दवाई न दें। वहीं अगर कोई 18 साल से ऊपर का शख्स है, तो उसे 325 से 650 एमजी पैरासिटामोल की दवा 4 से 6 घंटे के ब्रेक पर लेनी चाहिए। वहीं एक हजार एमजी की दवा 6 से 8 घंटे के ब्रेक पर लेनी चाहिए। वहीं दर्द की समस्या के लिए 500 एमजी की दवा 4 से 6 घंटे के अंतराल पर लेनी चाहिए।
किस सिचुएशन में पेरासिटामोल बंद कर देनी चाहिए
दरअसल हम भारतियों की सबसे बड़ी समस्या यही होती है कि हम बीमार होने पर डॉक्टर को दिखाने की जगह खुद ही डॉक्टर बनकर अपना इलाज करने निकल पड़ते हैं। जैसा की हमने बताया हर मर्ज की बीएस एक ही दावा "पेरासिटामोल" होती है। खैर अब हम आपको बताएंगे, किन हालातों में आपको घर पर पेरासिटामोल लेना बंद करके डॉक्टर के पास जानें की बहुत जरूरत होती है। अगर किसी इंसान को बुखार है और वह लगातार तीन दिन से पैरासिटामोल की दवा ले रहे हैं। लेकिन बुखार पर कोई असर नहीं हुआ है तो तुरंत अंधाधुन दवाई खाना बंद कर दें। क्योंकि आपको डॉक्टर से संपर्क करने की बहुत ही ज्यादा जरुरत है। किसी भी तरह के दर्द में 10 दिन से ज्यादा पैरासिटामोल नहीं लेनी चाहिए। इसके अलावा लिवर प्रॉब्लम, किडनी प्रॉब्लम, अल्कोहल प्रॉब्लम और अंडरवेट की स्थिति में बिना डॉक्टर की सलाह के पैरासिटामोल लेने की गलती बिल्कुल ना करें।
पैरासिटामोल के भयानक साइड इफेक्ट्स
पैरासिटामोल के अंधाधुन सेवन से कभी-कभी बहुत भयानक साइड इफेक्ट भी हो सकता है। एलर्जी, स्किन पर रेशेज, ब्लड डिसऑर्डर जैसी परेशानियां होना आम बात है। इसके अलावा पैरासिटामोल के गलत इस्तेमाल से लिवर और किडनी डैमेज होने का जोखिम रहता है। पैरासिटमोल के ओवरडोज से डायरिया, ज्यादा पसीना, भूख की कमी, बेचैनी, उल्टी, पेट में दर्द, सूजन, दर्द, पेट में मरोड़ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पेरासिटामोल को लेकर हुई एक स्टडी में सबसे ज्यादा चिंताजनक बात ये सामने आई है कि इसके सेवन के 2 हफ्ते के अंदर ही इंसान का ब्लड प्रेशर बढ़ने लगत है। जिस वजह से हार्ट अटैक और अनेकों हृदय संबंधी बीमारियां आपको घेर सकती हैं।