ब्रेकअप के दर्द से ऐसे उबरें

प्यार का रिश्ता टूटने पर दिल पर चोट लगना स्वाभाविक है। इस कारण जीवन निराशा से भी घिर सकता है। लेकिन ब्रेकअप के दर्द बहुत दिनों तक बने रहना सही नहीं है, इसे भूलना जरूरी है, तभी आप जीवन सहजता से जी पाएंगी। ब्रेकअप के दर्द से उबरने के लिए आपको कुछ बातों पर ध्यान देना होगा।;

Update: 2021-02-02 20:30 GMT

लव रिलेशनशिप के बाद कई कपल्स के बीच ब्रेकअप हो जाता है। ब्रेकअप का दर्द छोटा नहीं, बहुत बड़ा होता है। आसानी से जाता नहीं। यह किसी की भी जिंदगी को हताशा-निराशा से भर सकता है। ब्रेकअप के दर्द को वही महसूस कर सकता है, जो इससे गुजरता है। यह भी सच है, आज भी ब्रेकअप से लड़कों से कहीं ज्यादा लड़कियां टूटती हैं। इसकी वजह यह है, एक तो लड़कियां भावुक होती हैं, दूसरे उन्हें यह नहीं पता होता कि इस ब्रेकअप के दर्द से बाहर कैसे निकलें? लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो ब्रेकअप के दर्द से उबरा जा सकता है। जिंदगी की नई शुरुआत की जा सकती है।

दिनचर्या बदल लें

अगर आप ब्रेकअप जैसे दर्द से जूझ रही हों तो सबसे पहले दिनचर्या में बदलाव लाएं, यह बहुत जरूरी है। हालांकि सालों से जो दिनचर्या हम जी रहे होते हैं, एकाएक उसे बदलने से परेशानी होती है। लेकिन दिनचर्या के बदलाव से आप नई तरह की व्यस्तता में खोती हैं, आपका ध्यान बंटता है, ऐसा करके आप अपने दर्द को अगर नहीं भी भूलती हैं तो उसका अहसास जरूर कम होता है। कहने की बात यह है, अगर आपका हाल में ब्रेकअप हुआ हो तो कुछ दिनों के लिए अपनी चली आ रही दिनचर्या को बदल लें। मसलन, अगर हर सुबह जिम जाती हों तो इसे छोड़कर पार्क में रनिंग करने की शुरुआत कर दें। अगर म्यूजिक सुनते हुए टहलती हों तो कुछ दिनों के लिए म्यूजिक सुनना बंद कर, अखबार पढ़ना शुरू कर दें। ऑफिस जाते हुए, बस में जान-पहचान वालों से बातचीत करें। इस सबके बाद भी यह तो याद रहेगा कि आप कोशिशन कुछ कर रही हैं, लेकिन इसके बाद भी ब्रेकअप का अहसास और दर्द कम जरूर होगा।

खुद को समय दें

हम चाहें तो वाकई अपना ख्याल खुद रख सकते हैं। अपने आपकी देखभाल कर सकते हैं। दरअसल, मनोवैज्ञानिक रूप से कोई भी व्यक्ति कई स्तरों पर जीता है। यही वजह है, हम खुद को कई बार स्वयं कटघरे में खड़ा कर देते हैं और खुद को ही हम कई बार प्यार भी करते हैं। इसलिए ब्रेकअप होने पर सबसे पहले खुद पर ध्यान दें। खुद को बेहतर बनाने पर फोकस करें।

अच्छे सहयोगियों से बातें करें

जीवन में हमारे कई किस्म के लोगों से रिश्ते होते हैं। कुछ हमें प्यार करते हैं, कुछ को हम प्यार करते हैं। कुछ हमसे जलते हैं, कुछ को हम पसंद नहीं आते। ऐसे ही हमारे रिश्ते कुछ ऐसे सहकर्मियों, पड़ोसियों या रिश्तेदारों से होते हैं, जो हमें खुलेमन से सहयोग करते हैं। ब्रेकअप होने पर ऐसे सहयोगी हमें बहुत सहारा देते हैं। ये लोग हमें अच्छा महसूस कराते हैं। वैसे भी ब्रेकअप का समय मानसिक रूप से उलझनों-तनाव भरा होता है। ऐसे समय में किसी भी तरह से सहयोग करने वाले लोगों का साथ हमें हमारे दुख से जल्दी उबारता है।

काउंसलिंग भी करवा सकती हैं

कई बार हम चाहे जितने समझदार हों लेकिन अपने आप चीजों को नहीं समझ पाते। ब्रेकअप के बाद अगर लगातार मन खराब रहता हो, किसी चीज में मन न लगता हो, हर गुजरते दिन के साथ ही भावनात्मक रूप से कमजोर होते जाने का अहसास हो, तो बिना किसी हिचक के ऐसी स्थिति में मनोवैज्ञानिक सहायता लेनी चाहिए। ऐसी स्थितियों को मनोवैज्ञानिक बहुत अच्छे तरीके से हल निकालते हैं। उनकी सलाह लेने से हिचकना नहीं चाहिए। आखिरकार आपको चोट लगी है, और चोट का इलाज कराना कोई गलत बात नहीं है।

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