Asthma in monsoon: मानसून में बढ़ रहा अस्थमा का खतरा, ऐसे करें देखभाल
Asthma cure in monsoon: मानसून शुरू होते ही कई सारी बीमारियां फैलने लगती हैं और किसी को कोई बीमारी हो, तो वो भी बढ़ने लगती है। आज हम आपको बताएंगे कि मानसून में अस्थमा का खतरा कैसे बढ़ता है और इसका ध्यान कैसे रखना चाहिए।;
Asthma Symptoms: बरसात का मौसम शुरू होते मौसम काफी ठंडा हो जाता है। कुछ लोगों को बरसात का मौसम काफी पसंद भी आता है, इस मौसम में लोग गरमा- गर्म खाने को काफी एनजॉय भी करते हैं, लेकिन बरसात के मौसम में कई सारी बीमारियां भी फैलने लगती हैं, जैसे- बुखार (Fiver), खांसी (cough), जुकाम (cold) आदि इन आम बीमारियों के अलावा बरसात के मौसम में अस्थमा जैसी खतरनाक बीमारियां भी अपने पैर पसारने लगती है। आज हम आपको बताएंगे कि आप बरसात के मौसम में इस गंभीर बीमारी से अपना ध्यान कैसे रखें।
अस्थमा (Asthma)
सबसे पहले आपको बता देते हैं कि अस्थमा होता क्या है- अस्थमा एक ऐसी बीमारी है, जिसमें रोगी को सांस लेने में काफी समस्या होती है, इस बीमारी में रोगी के श्वास नली से लेकर फेफड़े प्रभावित रहते हैं, जिस वजह से सांस लेने, सांस छोड़ने, सांस फुलने आदि समस्याएं हो जाती है।
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अस्थमा के लक्षण
- ब्रोंकोस्पाजम (Bronchospasm)
इसके शुरुआती लक्षणों में ब्रोंकोस्पाजम शामिल है, इस स्थिति में एयरवेज का घेराव करने वाली चिकनी मांसपेशियों का निर्माण होता है, जो सांस लेने छोड़ने में काफी दिक्कत करती हैं।
- बलगम (Cough)
अस्थमा के रोगियों को बलगम से काफी समस्या होने लगती है, क्योंकि बलगम होने पर सांस लेने में काफी समस्या होती है।
- सूजन (Inflammation)
अस्थमा के रोगियों के फेफड़ों में ब्रोन्कियल ट्यूबों की अंदर की परतों में सूजन की समस्या होने लग जाती है, जिससे रोगियों को सांस लेने में काफी समस्या होने लगती है।
मानसून में अस्थमा करता है परेशान
एलर्जी और वायरल संक्रमण (Allergy and Viral Infection Cause Asthma)
बरसात के मौसम में अनेको प्रकार के बैक्टिरिया और वायरस बढ़ जाते हैं, जो अस्थमा के रोगी को बहुत प्रभावित करते हैं। वातावरण नम होने की वजह से धूल-मिट्टी भी घरों में जम जाती है, जिससे रोगी को सांस लेने में काफी समस्या होती है।
ठंडा मौसम (Cold Weather )
बरसात के मौसम में लगतार बारिश होने की वजह से मौसम काफी ठंडा बना रहता है, जो श्वास नली में हिस्टामाइन के स्राव का कारण बन जाता है, जो अस्थमा के रोगियों के लिए समस्या पैदा करती है।
नमी (Humidity)
मानसून के मौसम में लगातार बारिश होने के वजह से कई दिनों तक सूर्य की किरणें लोगों को और वातावरण को नहीं मिलती है, जिस वजह से मौसम ठंडा और वातावरण नमी से भरा रहता है। धूप न मिलने की वजह से विटामिन डी की कमी हो जाती है और नमी के वजह से फंगस और एल्गी बढ़ने लगते हैं, जो अस्थमा को ट्रीगर करते हैं।
मानसून में अस्थमा से ऐसे करें बचाव
- गर्म खाद्य पादर्थों का सेवन करें (eat hot foods)
मानसून में अस्थमा के रोगियों को गर्म भोजन और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए। आप अपनी डाइट में गर्म तासिर के भोजन और सब्जियों को शामिल करें, जो आपके शरीर को गर्म करने में मदद करेगा।
- भाप लें (take steam)
मानसून के मौसम में अस्थमा से बचने के लिए भाप लें या सादे पानी को उबाल कर भी भाप ले सकते हैं।
- सफाई (Cleaning)
अस्थमा के रोगियों को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अपने आस-पास धूल-मिट्टी को जरूर साफ करना चाहिए। ध्यान दें, जब आप सफाई करें, तो अपने मुंह पर मास्क जरूर लगाएं।
- धुम्रपान से बचें (avoid smoking)
आपको बता दें कि अस्थमा के रोगियों को धुम्रपान और धुम्रपान करने वाले लोगों से दूर ही रहना चाहिए, क्योंकि इसके संपर्क में आने से आपकी अस्थमा की समस्या काफी बढ़ सकती है।
Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाओं की Haribhoomi.com पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।