बच्चों की समर वेकेशन को बनाएं खास, क्रिएटिविटी के साथ सिखाएं अच्छी आदतें
बच्चों की समर वेकेशन शुरू होने वाली हैं। आप इसे कुछ इस तरह प्लान करें कि वे इसे एंज्वॉय तो करें ही, साथ ही कुछ नया सीखते हुए क्रिएटिव बनें और उनकी गुड हैबिट्स भी डेवेलप हों।;
Summer Vacation Tips: गर्मी की छुट्टियां (Summer Vacations) शुरू होने वाली हैं। कहीं ऐसा ना हो बच्चे इन दिनों बस इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स (Electronic Gadgets) में उलझे रहें, इस बात का आपको ध्यान रखना होगा, क्योंकि आजकल देखा यही जाता है कि बच्चों को स्कूल से कोई छुट्टी मिली नहीं कि वे मोबाइल, लैपटॉप लेकर बैठ जाते हैं या फिर टीवी पर कार्टून फिल्में देखते हुए समय बिताते हैं। ऐसे में आपको बड़ी सूझबूझ से अपने बच्चों के लिए कुछ अलग प्लान करना होगा। इस तरह प्लान करना होगा कि वे अपनी समर वेकेशन एंज्वॉय भी करें और कुछ नया भी सीख लें। यह समय बच्चों की लर्निंग के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है। आइए जानते हैं, बच्चों के लिए ऐसा क्या प्लान किया जाए जो उनकी समर वेकेशन (Summer Vacation Tips) का सही इस्तेमाल हो।
डालें अच्छी आदतें
न्यूक्लियर फैमिली के इस दौर में बच्चे संस्कारों से दूर होते जा रहे हैं। आप लोगों के मुंह से अकसर सुनती होंगी, 'फलां ने अपने बच्चों को कोई संस्कार ही नहीं दिया।' तो गर्मियों की छुट्टियां अपने नन्हे-मुन्नों में संस्कार के बीज रोपने का बिल्कुल सही समय है। पहले तो उनकी सुबह जल्दी उठने की आदत डालें। थोड़ी देर ध्यान या प्राणायाम करें। इससे मन एकाग्र और तन स्वस्थ होगा। साथ ही उन्हें बड़ों का आदर और दूसरों की मदद करना भी सिखाएं।
किस्से-कहानियों से लर्निंग
किस्से-कहानियां बच्चों के मानसिक विकास और आचरण में बदलाव का बड़ा जरिया होते हैं। हम उन्हें भारतीय परंपराओं के किस्से सुनाकर अपनी संस्कृति से अवगत करा सकते हैं। कोई पौराणिक नाटक दिखा सकते हैं। बच्चे कुछ वक्त गांव में रहकर बुजुर्गों के साथ समय गुजार सकते हैं। बड़े-बूढ़े बच्चों में संस्कार डालने की सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं।
कराएं किचेन और अन्य काम
आम दिनों में बच्चे किचेन में जाना बिल्कुल पसंद नहीं करते। लेकिन छुट्टियों में उन्हें थोड़ा बहुत किचेन के काम सिखाएं, उन्हें कुछ मजेदार चीजें बनाना आप सिखा सकती हैं। जैसे आप उन्हें शिकंजी, आइस कैंडी बनाने का काम दें, जिसमें उन्हें मजा भी आएगा और वे कुछ नया सीख भी जाएंगे। सैंडविच बनाना सिखाना बेहद आसान है। वे बनाएंगे और चाव से खाएंगे भी। आप बच्चे को घर में सलाद की ड्रेसिंग करना सिखा सकती हैं। यह भी फन एक्टिविटी है। किचेन के काम के अलावा आप घर के दूसरे काम करना भी सिखा सकती हैं। इससे बच्चे आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनेंगे, यह उनके व्यक्तित्व के विकास के लिए जरूरी भी है।
आउटडोर गेम्स
गर्मी की छुट्टियों में आप बच्चों को आउटडोर गेम्स खेलने के लिए मोटिवेट करें। इसके लिए आप उन्हें शाम को पार्क या कॉलोनी में साइकिल चलाने के लिए ले जाएं। इसके साथ ही खो-खो खेलना, रस्सी कूदना में भी बच्चों को खूब मजा आता है। इस तरह और भी कई आउटडोर गेम्स हैं, जो बच्चे आपस में मिलकर खेल सकते हैं। इससे उनकी फिजिकल एक्टिविटी बढ़ेगी और यह उनकी हेल्थ के लिए भी बेहतर रहेगा।
पढ़ने के लिए दें बुक्स
आजकल बहुत सारी चीजें मोबाइल में ही पढ़ने को मिल जाती हैं। पैरेंट्स बच्चों को बुक्स दिलाने की बजाय मोबाइल में ही पढ़ लेने की सलाह देते हैं। जबकि बुक्स पढ़ने की आदत बचपन से ही डालना बहुत जरूरी है। आप बच्चे के लिए कॉमिक बुक, फेयरी टेल्स या अन्य बुक्स खरीद कर दे सकती हैं, इन बुक्स को पढ़ने के लिए इंस्पायर कर सकती हैं।
करें क्रिएटिव एक्टिविटीज
क्ले यानी चिकनी मिट्टी, लकड़ी, पेपर या वेस्ट मैटेरियल से बहुत सारी क्रिएटिव एक्टिविटीज की जा सकती हैं। इससे बच्चे का अच्छा समय बीतता है और उन्हें कुछ नया सीखने को भी मिलता है। इसके अलावा बच्चे अपनी रुचि के हिसाब से सिंगिंग, पेंटिंग सा डांसिंग भी सीख सकते हैं।
बाय-बाय जंक फूड
स्कूल के लंच में बच्चे जंक फूड बहुत पसंद करते हैं। उनकी सेहत के लिए यह अच्छा नहीं होता। गर्मी की छुट्टियों में आप उन्हें हरी साग-सब्जी, सलाद खाने की आदत डलवा सकती हैं। उन्हें अंकुरित सीड्स के फायदे बता खाने में विभिन्न तरीके से उसका उपयोग सिखा सकती हैं। बच्चे जब फैमिली के साथ खाना खाते हैं तो वो स्वस्थ आदतें भी सीखते हैं।
गार्डनिंग
आजकल हर घर में गमलों में लगे पौधे होते हैं। लेकिन उनकी देखरेख का जिम्मा अधिकतर बड़ों पर होता है। गर्मी की इन छुट्टियों में आप बच्चों को बागवानी सिखा कर उनमें नई हॉबी विकसित कर सकती हैं। इससे खेल-खेल में बच्चों को पेड़-पौधों की अहमियत के बारे में पता चलेगा वे प्रकृति से भी जुड़ेंगे।
ये सारी एक्टिविटीज आपके बच्चे को फिट और खुश रखने के लिए काफी हैं। इस तरह वे अपनी समर वेकेशन तो एंज्वॉय कर सकेंगे ही, उनकी पर्सनालिटी ग्रूमिंग भी होगी।
लेखक- सरस्वती रमेश (Saraswati Ramesh)