Sunday Special : एक दिन में ऐसे घूमे कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा और वृंदावन, ये रहा पूरा प्लान
मथुरा (Madhura) को भगवान कृष्ण (Krishna) की जन्मभूमि है, इसके साथ ही लोग वृंदावन (Vrindawan) के दर्शन करने जाते हैं। यहां हर साल लाखों तीर्थयात्री और पर्यटक आते हैं, जैसे ही मथुरा में प्रवेश होता है, ऐसा लगता है कि भगवान कृष्ण का घर आ गए और मन को ऐसी अद्भूत शक्ति मिलती है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। यहां बनी हर चीज कृष्ण के करीब होने का अहसास कराती है। आज हम आपको मथुरा के बारे में कुछ खास बताने जा रहे हैं, जो आपको आसानी से मथुरा घूमने में मदद करेगा।;
Sunday SpecialSunday Special : मथुरा (Madhura) भगवान कृष्ण (Krishna) की जन्मभूमि है, इसके साथ ही लोग वृंदावन (Vrindawan) के दर्शन करने जाते हैं। यहां हर साल लाखों तीर्थयात्री और पर्यटक आते हैं, जैसे ही मथुरा में प्रवेश होता है, ऐसा लगता है कि भगवान कृष्ण का घर आ गए और मन को ऐसी अद्भूत शक्ति मिलती है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। यहां बनी हर चीज कृष्ण के करीब होने का अहसास कराती है। आज हम आपको मथुरा के बारे में कुछ खास बताने जा रहे हैं, जो आपको आसानी से मथुरा घूमने में मदद करेगा।
घूमने के स्थान
वैसे तो मथुरा और वृंदावन की हर गली में दर्शनीय स्थल मिलेंगे, लेकिन अगर आप केवल एक दिन के लिए दर्शन पर गए हैं तो आप यहां कई मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। इसके लिए आप कुछ जगहों का चयन कर सकते हैं।
वृंदावन में यहां घूमे
-सेवा कुंज
-निधिबन
-शाहजी मंदिर
-गोवर्धन हिल
-बांके बिहारी मंदिर
मथुरा में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहें
-कृष्ण जन्म भूमि मंदिर
-कुसुम सरोवर
-प्रेम मंदिर
-द्वारकाधीश
ये है घूमने का अच्छा समय
वैसे तो आप मथुरा और वृंदावन कभी भी घूमने जा सकते हैं, लेकिन फिर भी इसके घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और फरवरी के बीच का माना जाता है। इन महीनों में मौसम ठंडा होता है और यहां घूमने में अलग ही आनंद आता है। वहीं गर्मी के मौसम में यहां 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। तपती गर्मी मेंं आप मंदिरों के नंगे पैर दर्शन नहीं कर सकते हैं। आपको स्वास्थ्य से जु़ड़ी कई तरह की परेशानियां हो सकती है।
आराम से मिल जाती है रहने के लिए होटल
अगर आप मथूरा जाने से पहले ये सोच रहे हैं कि अगर वहां दो से तीन दिन के लिए जाएं तो क्या अच्छे गेस्ट हाउस, होटल और धर्मशालाएं मिल सकती है तो आपको इस बात से घबराने की जरुरत नहीं है। आपको यहां से सब आपके बजट के हिसाब से आसानी से मिल जाएगा। अगर आप अच्छे होटल लेना चाहते हैं तो वो भी आपको आसानी से मिल सकता है।
मथुरा से कितनी दूर है वृंदावन
मथुरा से वृंदावन करीब 14.1 किलोमीटर है। यहां पहुंचने के लिए आपको केवल आधा घंटा लगता है। आपके पास अपना वाहन है तो आप आसानी से पहुंच सकते हैं।
दिल्ली से कैसे पहुंचे मथुरा
-बस
-आपका अपना वाहन
-ट्रेन
-कुछ ऐसे वाहन भी जाते हैं जो आपको खुद तीर्थस्थलों की सैर कराती है। ये आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
दिल्ली से कितनी दूर है मथुरा
दिल्ली से मथुरा जाने के कई रास्ते है, जिनके हिसाब से सबका पहुंचने टाइम और समय अलग-अलग है।
1- अगर आप ताज एक्सप्रेस हाईवे/यमुना एक्सप्रेसवे से जाते हैं तो आपको मथुरा पहुंचने में 3 घंटे 22 मिनट लगेगा। यहां से यह 183 किलोमीटर पड़ता है।
2- मथुरा जाने के लिए आप कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे और NH19/NH 44 का भी प्रयोग कर सकते हैं, इससे आपको 4 घंटे 8 मिनट का समय लगेगा। इससे दिल्ली से मथुरा तक का सफर 195.3 किलोमीटर है।
3 अगर आप मथुरा मार्ग और NH19/NH 44 से होकर कृष्णनगरी पहुंचते हैं तो आपको यहां से 4 घंटे 17 मिनट का समय लगेगा। यहां से दिल्ली और मथुरा के बीच की दूरी 166.7 किलोमीटर है।
सीएम योगी ने किया तीर्थस्थल घोषित
बता दें कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थल का दस वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित कर दिया है।