क्या है Egg Freezing, जानिये इसका प्रोसेस और साइड इफेक्ट्स
Egg Freezing: महिलाएं क्यों एग्स फ्रीज करवा रही हैं। जानिए इसका पूरा प्रोसेस और इसके साइड इफेक्ट्स।;
Know What Is Egg Freezing: आजकल एग्स फ्रीजिंग (Eggs Freezing) नाम की प्रोसेस सोशल मीडिया पर बहुत ही ज्यादा सुर्खियों में बनी हुई है। ऐसे में आज हम जानेंगे ये प्रोसेस क्या है और इससे आपके शरीर को कौन से नुकसान हो सकते हैं। दरअसल, हम सभी अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने करियर और बेहतर फ्यूचर के लिए काम कर रहे हैं। महिलाएं हो या पुरुष हर किसी के लिए उनका काम पहली प्रायोरिटी बन गया है। इंसान के लिए पर्सनल ग्रोथ बहुत जरूरी होती है, लेकिन इस वजह से जिंदगी में कई अहम चीजें पीछे छूट जाती हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि अब कपल्स के लिए फैमिली को आगे बढ़ाना प्राथमिकता नहीं रही है। इसकी बड़ी वजह ये है कि वह पहले अपनी प्रोफेशनल लाइफ को स्टेबल करना चाहते हैं। ऐसे में फैमिली बढ़ाने की प्लानिंग में देरी होना लाजमी है। हालांकि, इस देरी का पुरुषों पर उतना असर नहीं होता है, जितना महिलाओं की बॉडी पर होता है। महिलाओं को उम्र बढ़ने की वजह से गर्भ धारण (Conceive) करने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
जानिये क्या होती है एग फ्रीजिंग प्रक्रिया
हालांकि, अब समय के साथ टेक्नोलॉजी में भी विकास हो रहा है। ऐसे में आपकी इस बहुत ही गंभीर समस्या का इलाज भी वैज्ञानिकों ने खोज लिया है। अगर आप फैमिली प्लानिंग में देरी कर रहे हैं, तो महिलाएं अपने एग्स को फ्रिज कर सकती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे अंडों की क्वालिटी भी गिरने लगती है। जिससे प्रेगनेंसी में दिक्कतें आती हैं, यही कारण है कि इस तरह के रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाने लगा है। इस प्रोसीजर में दवाइयों की मदद से महिलाओं में अंडों की संख्या को बढ़ाया जाता है और फिर ओवरीज से निकालकर उन्हें फ्रीज कर दिया जाता है। भ्रूण बनाने के लिए इन्हें रूम टेम्प्रेचर पर लाकर स्पर्म के साथ मिला दिया जाता है। फिर एम्ब्रियो ट्रांसफर साइकल के दौरान भ्रूण को गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
जानिये क्या है एग फ्रीजिंग की प्रोसेस
एग की संख्या बढ़ाना: इस प्रोसेस में सबसे पहले आपको सिंथेटिक हार्मोन दिए जाते हैं। इन हार्मोन की मदद से महिलाओं के ओवरीज उत्तेजित (Ovaries Stimulated) होकर एक अंडे की जगह कई अंडे विकसित करते हैं। इस प्रक्रिया में आपको वक्त से पहले ओव्यूलेशन से बचने के लिए भी दवाइयों की जरूरत पड़ती है। डॉक्टर्स का कहना है कि एस्ट्रोजेन का स्तर आमतौर पर रोम विकसित (Follicles) होने के साथ बढ़ता है और प्रोजेस्टेरोन का स्तर ओव्यूलेशन (Ovulation) के बाद तक कम रहता है।
अंडों को निकालना: अंडों के विकसित होने के बाद इनको ओवरीज से निकालने के लिए महिलाओं को बेहोश किया जाता है और ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड (Transvaginal Ultrasound) की प्रक्रिया अपनाई जाती है। ओवरीज से जब अंडे निकल जाएंगे, तो आप पेट में हल्की मरोड़ महसूस कर सकती हैं। इसकी वजह ये है कि अंडे विकसित होने की प्रक्रिया के कारण ओवरीज का आकार भी बढ़ जाता है।
अब शुरू होगी फ्रीजिंग प्रक्रिया: इस प्रोसेस के अंतिम चरण में भविष्य में इस्तेमाल करने के लिए आपके अनिषेचित अंडों (Unfertilized Eggs) को निकालने के तुरंत बाद, उन्हें संरक्षित करने के लिए सब-जीरो तापमान में रख दिया जाता है।
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एग फ्रीजिंग के साइड इफेक्ट्स
बता दें कि एग फ्रीजिंग वैसे तो बहुत सेफ प्रोसेस होती है, लेकिन यह बेहद मुश्किल भी होती है। यहां राहत की बात ये है कि इस प्रोसेस के कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद पेट में थोड़ा दर्द, इन्फेक्शन और ब्लोटिंग महसूस हो सकती है। अगर आपको प्रोसीजर के बाद बुखार, पेट में भयानक दर्द, भयानक ब्लोटिंग, वजाइनल ब्लीडिंग हो रही हो या फिर टॉयलेट जाने में दिक्कत आ रही हो, तो फौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें। यहां लापरवाही की गुंजाईश नहीं होनी चाहिए।