Diwali के बाद लक्ष्मी-गणेश की पुरानी मूर्तियों की इस तरह करें विदाई, यहां देखें सही तरीका

Diwali पूजन के बाद इस तरह से करें पुरानी माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों की विदाई।;

Update: 2022-10-21 06:38 GMT

What to do with the old idol of Lakshmi-Ganesh: कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दिवाली (Diwali) का त्योहार मनाया जाता है, इस साल दिवाली 24 अक्टूबर सोमवार को मनाई जाएगी। रौशनी के इस त्योहार पर माता लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) और भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा की जाती है। दिवाली पर लोग अपनी सुविधा के मुताबिक भगवान की प्रतिमा या फिर उनकी तस्वीरों की पूजा करते हैं। लेकिन क्या आज जानते हैं कि लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) के बाद इन प्रतिमाओं का किया जाता है? अगर नहीं तो आज की यह खबर आपके लिए है, हम आपको बताएंगे की आप पूजन के दौरान और उसके बाद माता लक्ष्मी और भगवान गणेश (Lakshmi-Ganesh) की प्रतिमाओं का (Diwali Puja Ke Bad Purani Murtiyon Ka Kya Kare) क्या करेंगे:-

इस तरह करें नई प्रतिमाओं की स्थापना (Install new idols like this)


दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की नयी प्रतिमाओं की स्थापना करने के लिए घर के उत्तर पूर्व, पूर्व मध्य, उत्तर मध्य स्थान पर आटे से चौक पूरें। वहां चौकी रखें उस पर लाल कपड़ा या फिर पीला रंग का कपड़ा बिछा दें, बाद में हल्दी से पीले चावल कर सतिया बनाएं और कलश में जल भरकर रख दें। फिर गेहूं, जौ और खील आदि रखकर सबसे पहले गणेश की नयी प्रतिमा को रखें, माता लक्ष्मी की प्रतिमा को पूरी श्रद्धा के साथ रखें।

पूजन के दौरान रखें इन बातों का ख्याल (Keep these things in mind during worship)


पूजा के दौरान जब भी श्री गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती हैं तो सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है, और पूजन की शुरुआत में आपको आह्वान मंत्र का जाप करना चाहिए। आह्वान मंत्र पूजा के दौरान बहुत जरूरी माना जाता है। चाहे माता लक्ष्मी की तस्वीर किसी कागज में हो या फिर कोई मूर्ति हो दोनों ही स्थिति में आह्वान मंत्र बोलना बहुत जरुरी है। जब भी दिवाली पूजा में लक्ष्मी-गणेश की पूजा करें, उसके बाद प्रतिमाओं के पास शुद्ध घी और तेल दोनों का दीपक रात भर जलते रहने दें।

पुरानी मूर्तियों का क्या करें? (What to do with old idols?)


नयी मूर्तियों की पूजा करते वक्त पुराणी मूर्तियों पर भी तिलक करें, और मन में श्रद्धा के साथ उनका भी यथास्थान कर पूजन करें। हिंदू धर्म के अनुसार, लक्ष्मी गणेश की पुरानी मूर्तियों को नदी या तालाब में विसर्जित करना चाहिए। परम्परा के मुताबिक उनके नए स्वरूप को दिवाली पर घर में स्थापित किया जाता है और पुरानी प्रतिमाओं को विसर्जित किया जाता है। ताकि आने वाले एक साल घर में माता लक्ष्मी और श्री गणेश सुख समृद्धि बनाए रखें। इसलिए भाई दूज (Bhai Dooj) के दिन आप पुरानी मूर्तियों को श्रद्धा पूर्वक प्रणाम कर उनके स्थान पर नए श्री गणेश जी एवं माता श्री लक्ष्मी जी को बैठाएं और पुरानी मूर्तियों को सावधानी से विसर्जित कर दें।

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