World Heart Day 2021 : अपने दिल को रखना चाहते हैं हेल्दी तो ये 5 सिंपल तरीके आपके बहुत काम के है

World Heart Day 2021 : हमारा हार्ट तभी तमाम बीमारियों से बचा रहेगा और अपना कार्य अच्छी तरह कर सकेगा, जब हम उसकी पूरी तरह केयर करेंगे। इस साल हार्ट-डे की थीम ‘यूज हार्ट टू कनेक्ट’ रखने के साथ ही ‘यूज हार्ट टू बीट सीवीडी’ को भी जारी रखा गया है। इस बारे में एक्सपर्ट डॉक्टर्स के सजेशंस आपके लिए बहुत यूजफुल होंगे।;

Update: 2021-09-25 05:03 GMT

World Heart Day 2021 : हर साल  29 September को 'वर्ल्ड हार्ट डे' मनाया जाता है। इसे मनाये जाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक करना होता है। कोविड के दौरान दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ा है, जिसकी वजह से लोगों को अपने दिल का ख्याल रखने की ज्यादा जरूरत है। इस समय कोविड-19 महामारी का खौफ इतना ज्यादा है कि कई लोग अपनी गंभीर बीमारियों को भी अनदेखी कर रहे हैं और डॉक्टर के पास रूटीन चेकअप कराने जाने से बच रहे हैं। कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के पेशेंट्स भी कोरोना काल में काफी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि आपको किस तरह अपने दिल का ख्याल रखना चाहिए। 

1- रिस्क फैक्टर्स (Risk Factors)

दिल्ली के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एस. सी. मनचंदा बताते हैं कि हार्ट शरीर का इंपॉर्टेंट पार्ट है, जो ब्लड को शरीर के सभी अंगों तक सर्कुलेट करता है। लेकिन खान-पान की गलत आदतों और गतिहीन जीवनशैली की वजह से कई बार अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पाता और कई बीमारियां उभरने लगती हैं। कई रिस्क फैक्टर्स की वजह से हार्ट में प्रॉब्लम शुरू होती है। इनमें ओबेसिटी, अनियंत्रित डायबिटीज, हाइपरटेंशन, बैड कोलेस्ट्रॉल का ज्यादा होना, फैटी लिवर, सेडेंटरी लाइफस्टाइल, हेल्दी डाइट ना लेना, नींद पूरी ना लेना, स्ट्रेस, सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू या एल्कोहल का सेवन जैसे फैक्टर्स शामिल हैं। खुद को और अपनों के हार्ट को हेल्दी रखने के लिए इन बातों पर ध्यान देना जरूरी है।

2-कोरोना पेशेंट्स में बढ़ा रिस्क

डॉ. संजय कालरा कालरा बताते हैं कि वैज्ञानिकों ने इस बात की भी पुष्टि की है कि जो पहले से हृदय रोगी हैं, उनमें कोरोना संक्रमण की वजह से हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। यही नहीं कोरोना रिकवरी के बाद कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों और डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर के पेशेंट्स को भी हृदय रोग होने की काफी संभावना रहती है। उनका हार्ट एंलार्जमेंट हो सकता है, ब्लड क्लॉट बन सकते हैं, हार्ट आर्टरीज में ब्लॉकेज हो सकता है, साइलेंट हार्ट अटैक हो सकता है, हार्ट फैल्योर हो सकता है। हार्ट में मायोकार्डिटिस हो जाता है, जिसमें हार्ट आर्टरीज और पूरे शरीर के रक्त धमनियों में सूजन आ सकती है। सूजन आने से दिल की कार्य क्षमता प्रभावित होती है। रक्त पंपिंग करने और पूरे शरीर तक रक्त संचार करने में जोर लगाना पड़ता है। इससे हार्ट बीट्स कम-ज्यादा होना, सांस लेने में तकलीफ होना और हार्ट अटैक होने की संभावना रहती है। यही नहीं अगर किसी व्यक्ति को हार्ट में कोई समस्या हो तो उसकी वजह से लंग्स, किडनी ही नहीं पूरे शरीर पर बुरा असर पड़ता है। यानी हार्ट प्रॉब्लम से दूसरी कई बीमारियां होने का खतरा रहता है जैसे- कार्डियोरीनल सिंड्रोम, जिसमें हार्ट और किडनी दोनों पर असर पड़ता है।

तब हार्ट रहेगा हेल्दी

हार्ट को हेल्दी रखने के लिए उसके रिस्क फैक्टर्स को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। साथ ही इसमें हिंदी के '5व' वाला मॉडल प्रभावी हो सकता ह

1-व्यंजन - पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन

2-व्यायाम - रोजाना 30-40 मिनट कार्डियोवैस्कुलर या स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, योगा, डांस करना, ट्रेडमिल या स्टेबल जॉगिंग

3-विचार - सोच पॉजिटिव रखना

4-वैद्य - डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन को फॉलो करना

5- व्याकुलता से दूरी - मेडिटेशन या पसंदीदा काम से तनाव कम करना

-इन 5 व को अगर हम स्वयं पर लागू करें, तो दिल की बीमारियों पर काबू पा सकते हैं।

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