Zika Virus: जानिए मुबंई में पाए गए जीका वायरस के बारे में विस्तृत जानकारी, लक्षण और रोकथाम
Zika Virus: जीका वायरस संक्रमण के लिए अभी तक काई इलाज नहीं है। आमतौर पर इस वायरस के संपर्क में आने वाले लोगों को आराम करने की सलाह दी जाती है। बता दें कि यह वायरस के लक्षण जितने सामान्य हैं, उससे ज्यादा खतरनाक भी। जानिए इस वायरस के बारे में संपूर्ण जानकारी...;
Zika virus: दुनियाभर में कई ऐसे वायरस ने जन्म लिया, जिसके बाद मानव जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। बीते कुछ वर्षों में कोविड के प्रकोप को दुनिया के हर व्यक्ति ने देखा है। यह वायरस फिर से एक नए स्वरूप में जन्म ले चुका है, जिसका नाम BA.2.86 है। इसी क्रम में एक और वायरस ने दुनिया में दस्तक दे दी है, जिसका नाम जीका वायरस है। जानिए, क्या है जीका वायरस और किस प्रकार मानव जाति को प्रभावित कर रहा है।
जानिए क्या है जीका वायरस (Know what is jika virus)
जीका वायरस एक मच्छर जनित वायरस है, जिसे पहली बार 1947 में युगांडा के जीका वन में पहचाना गया था। हालांकि यह कई वर्षों तक अपेक्षाकृत अस्पष्ट रहा, लेकिन 2015 में अमेरिका, ने विशेष रूप से ब्राजील में एक महत्वपूर्ण प्रकोप के कारण इसने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया। यह प्रकोप माइक्रोसेफली (विकासात्मक देरी) के साथ पैदा होने वाले शिशुओं में वृद्धि से जुड़ा था। अगर सामान्य शब्दों में समझें तो माइक्रोसेफली एक प्रकार का विकार है, जिसमें बच्चे के जन्म के दौरान सही रूप से विकास नहीं हो पाता है। जब बच्चे सामान्य रूप से छोटे सिर और अविकसित मस्तिष्क के साथ पैदा होते हैं। बता दें कि जीका वायरस का पहला केस मुंबई से सामने आया। जीका वायरस के संपर्क में आने के बाद शख्स को बुखार, नाक बंद और खांसी सहित कई और लक्षण महसूस होने लगे।
यह कैसे फैलता होता है (How is it transmitted)
जीका वायरस मुख्य रूप से संक्रमित एडीज मच्छरों, विशेष रूप से एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस के काटने से मनुष्यों में फैलता है। मच्छर के काटने के अलावा, जीका यौन संपर्क, रक्त आधान और गर्भावस्था या प्रसव के दौरान संक्रमित मां से उसके बच्चे में भी फैल सकता है।
लक्षण क्या हैं (What are the symptoms)
जीका वायरस से संक्रमित बहुत से लोगों को किसी भी प्रकार के लक्षणों (एसिम्प्टोमैटिक) का अनुभव नहीं होता कि वे किसी वायरस के सम्पर्क में है। जब ोकोई शख्स इस वायरस के संपर्क में आता है तो उसे हल्के से लक्षण लगते है जैसे बुखार, दाने, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और लाल आंखें आदि। ये लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के 2 से 7 दिन बाद दिखाई देते हैं और कई दिनों से लेकर एक सप्ताह तक रह सकते हैं।
जटिलताएं क्या हैं (What are the complications)
बता दें कि जीका वायरस का संक्रमण आमतौर पर हल्का होता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों पर इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान अगर महिला इस वायरस से संक्रमित है तो जन्म लेने वाले शिशु को माइक्रोसेफली और तंत्रिका संबंधी विकार हो सकते हैं। इस वायरस को गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से भी जोड़ा गया है, जो एक दुर्लभ ऑटोइम्यून विकार है, जो मांसपेशियों में कमजोरी और पक्षाघात का कारण बन सकता है।
उपाय (Preventive)
जीका वायरस के संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा तरीका मच्छरों के काटने से बचना है। इसमें मच्छर को दूर भगाने वाली क्रीम का उपयोग करना, लंबी बाजू के कपड़े पहनना और वातानुकूलित या स्क्रीन वाले क्षेत्रों में रहना शामिल है।
गर्भवती महिलाओं, या वे जो प्रेगनेंट होने की प्लानिंग कर रही हैं, उन्हें अक्सर सक्रिय जीका संचरण वाले क्षेत्रों पर जाने पर रोक लगानी चाहिए।
सुरक्षित यौन संबंध (कंडोम का उपयोग) करने से वायरस के यौन संचरण को रोका जा सकता है।
रक्त आधान (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) के माध्यम से संचरण के जोखिम को कम करने के लिए रक्त जांच और परीक्षण लागू किया गया है।
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Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन तरीकों और सुझावों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।