Amethi CRPF Group Center के जवान कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड लगवाने की मांग पर अड़े, डर के पीछे की ये है वजह...
कोविशील्ड वैक्सीन शीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया पुणे द्वारा तैयार की गई है, जबकि कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने तैयार किया है। केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि देशभर में इन दोनों दवाओं का इस्तेमाल हो रहा है। इसके बावजूद सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के जवान और अफसर कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड लगवाने की मांग पर क्यों अड़ गए, पेश है ये रिपोर्ट...;
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आज फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का टीका लगाया गया। अमेठी (Amethi) के सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर ( CRPF Group Center) से खबर सामने आई कि वहां पर जवानों ने कोवैक्सीन का टीका लगवाने से इनकार कर दिया। जवान कोवैक्सीन के स्थान पर कोविशील्ड वैक्सीन लगाने की मांग कर रहे थे। स्वास्थ्य विभाग की टीमें उन्हें समझाने में लगी रही। करीब दो से ढाई घंटे की मशक्कत के बाद जवान कोवैक्सीन लगवाने के लिए तैयार हुए, जिसके बाद वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो सका।
अमेठी में आज से वैक्सीनेशन का पांचवां चरण शुरू हुआ है। 11 से 12 फरवरी तक चलने वाले इस चरण में पहले दिन 1,773 तो वहीं दूसरे दिन 1,373 फ्रंट लाइनलाइन वर्कर्स को कोरोना टीका लगाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से त्रिसुंडी स्थित सीआरपीएफ ग्रुप केंद्र के जवानों को भी वैक्सीनेशन के लिए चिह्निंत किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज जब टीमें वैक्सीनेशन के लिए पहुंची तो न केवल जवानों, बल्कि अधिकारियों ने भी कोवैक्सीन का टीका लगवाने से मना कर दिया। उनकी मांग है कि कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका लगाया जाए। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार अधिकारियों और जवानों को समझाने का प्रयास करती रहीं। बाद में जवान टीका लगवाने के लिए तैयार हो गए। हालांकि कुछ जवानों के मन में अभी भी संदेह है।
दोनों वैक्सीन का हो रहा इस्तेमाल
बता दें कि न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश में इन दोनों वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है। कोविशील्ड वैक्सीन शीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया पुणे द्वारा तैयार की गई है, जबकि कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने तैयार किया है। भारत ने दूसरे देशों की मदद के लिए दोनों ही वैक्सीन भेजी हैं।
इसलिए कर रहे विरोध
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोविशील्ड वैक्सीन ने सभी तय मापदंडों पर जांच पूरी की है। इसे बनाने वाली कंपनी सीरम संस्थान ने फेज थ्री ट्रायल पूरा कर दिया था, जिसके चलते यह वैक्सीन सीधा लगाई जा रही है। वहीं कोवैक्सीन की एफिकेसी की रिपोर्ट आनी बाकी है। ऐसे में इसे केवल इमरजेंसी मेडिसिन के रूप में इस्तेमाल करने की मंजूरी दी गई है। हालांकि इस वैक्सीन के ट्रायल के दौरान अभी तक इसके कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिले हैं। इसके बावजूद सीआरपीएफ जवान कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने की मांग पर अड़े हैं।