जीएसटी काउंसिल मीटिंग: घी, दूध, मक्खन और सेनेटरी नैपकिन समेत इन 35 सामानों पर मिली बड़ी राहत
जीएसटी काउंसिल की बैठक शुरू हो गई है, इस बैठक में लगभग 35 आइटम पर जीएसटी घटाने पर फैसला हो सकता है। गडकरी के मुताबिक, सरकार की योजना 6 सूत्री कार्यक्रम पर आगे बढ़ने की है।;
जीएसटी काउंसिल की बैठक शुरू हो चुकी है, इस बैठक में लगभग 25-35 आइटम पर जीएसटी घटाने पर फैसला हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इनमें ज्यादातर रोजमर्रा से जुड़ी चीजें जैसे दूध से बने उत्पाद, सेनेटरी नैपकिन, भगवान की मूर्तियां, हैंडलूम शामिल होंगी। डेयरी किसानों को राहत देने के लिए बुधवार को मंत्री समूह की बैठक में सार्वजनिक एवं सरकारी योजनाओं में दूध के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर सहमति बनने के साथ ही दूध से बनी सामग्री को जीएसटी के दायरे से बाहर करने पर गहन चर्चा हुई। महाराष्ट्र में डेयरी किसानों की हड़ताल के बाद बने मंत्री समूह का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को सौंपा गया है। इसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, सुषमा स्वराज, प्रकाश जावड़ेकर और मेनका गांधी भी शामिल हैं।
जीएसटी से बाहर हो सकते हैं घी, मक्खन
गडकरी के मुताबिक, सरकार की योजना 6 सूत्री कार्यक्रम पर आगे बढ़ने की है। बैठक में खासतौर पर आंगड़बाड़ी और मिड डे मील जैसी योजनाओं में दूध की खपत पर भी चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक घी, मक्खन सहित दूध से बनी अन्य पैक सामग्रियों को जीएसटी से बाहर रखने पर भी चर्चा हुई। इस संबंध में जीएसटी परिषद् को समूह की ओर से प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके अलावा यूरोप, न्यूजीलैंड से आने वाले वे-पाउडर, लक्टोज पाउडर पर ड्यूटी बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई।
प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर खुलेगा दूध का बूथ
साथ ही रेलवे कैंटीन, प्लेटफॉर्म पर दूध का बूथ खोलने को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने पर भी विमर्श हुआ। माना जा रहा है कि समूह में इन मुद्दों पर सहमति बन गई है और जल्द इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी। उन्होंने बताया कि समूह ने पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश सहित एशिया के अन्य देशों में दूध पाउडर का निर्यात करने पर भी चर्चा की।
सेनेटरी नैपकिन पर घट सकता है जीएसटी
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि शनिवार की बैठक में सेनेटरी नैपकिन सहित कुछ अन्य वस्तुओं पर भी जीएसटी की दरें घट सकती हैं। इस समय सेनेटरी नैपकिन पर 12 फीसदी की दर से जीएसटी वसूला जाता है। इसकी दर घटकर पांच फीसदी हो सकती है।
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हालांकि कुछ महिला संगठनों ने इस पर शून्य जीएसटी करने की मांग की है। अधिकारियों का कहना है कि इस पर शून्य जीएसटी करने से सेनेटरी नैपकिन बनाने वालों की लागत बढ़ जाएगी, क्योंकि अगर उस पर पांच फीसदी का जीएसटी लगेगा, तो इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलता रहेगा।
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