मिशन मोड में 200 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा पूरी की, जानें किस राज्य को कितना मिला

रेल मार्गों को खुला रखा गया है और उच्च सतर्कता बरती जा रही है ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस समय पर पहुंच सकें। यह सभी काम इस तरह किया जा रहा है कि अन्य माल ढ़ुलाई परिचालन में कमी नहीं आए। नई ऑक्सीजन लेकर जाना बहुत ही गतिशील कार्य है और आंकड़े हर समय बदलते रहते हैं। देर रात ऑक्सीजन से भरी और अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां यात्रा प्रारंभ करेंगी।;

Update: 2021-05-20 13:02 GMT

भारतीय रेल सभी बाधाओं को पार करते हुए और नए समाधान निकाल कर देश के विभिन्न राज्यों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाना जारी रखे हुए है। भारतीय रेलवे के द्वारा अभी तक देश के विभिन्न राज्यों में 775 से ज्यादा टैंकरों में 12630 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाई गई है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि करीब 200 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियों ने अब तक अपनी यात्राएं पूरी कर ली हैं और विभिन्न राज्यों को सहायता पहुंचाई है। बताया जा रहा है कि आज सुबह तक 45 टैंकरों में 784 एमटी तरल मेडिकल ऑक्सीजन से भरी 10 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां चल रही हैं। ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा अब रोजाना 800 एमटी से अधिक एलएमओ देश में पहुंचाई जा रही है।

भारतीय रेलवे की यह कोशिश कर रहा है कि ऑक्सीजन की अपील करने वाले राज्यों को कम से कम संभव समय में अधिक से अधिक संभव ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 13 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, पंजाब, केरल, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई है। अब तक महाराष्ट्र में 521 एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3189, मध्य प्रदेश में 521 एमटी, हरियाणा में 1549 एमटी, तेलंगाना में 772 एमटी, राजस्थान में 98 एमटी, कर्नाटक में 641 एमटी, उत्तराखंड में 320 एमटी, तमिलनाडु में 584 एमटी, आंध्र प्रदेश में 292 एमटी, पंजाब में 111 एमटी, केरल में 118 एमटी तथा दिल्ली में 3915 एमटी से अधिक ऑक्सीजन पहुंचाई गई है।

पूरे देश से जटिल परिचालन मार्ग नियोजन परिदृश्य में भारतीय रेल ने पश्चिम में हापा तथा मुंदड़ा, पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटा नगर, अंगुल से ऑक्सीजन लेकर उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश को ऑक्सीजन की डिलीवरी की है। ऑक्सीजन सहायता तेज गति से पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रही है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्रथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं ताकि तेज संभव समय में ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। विभिन्न सेक्शनों में कर्मियों के बदलाव के लिए तकनीकी ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।

रेल मार्गों को खुला रखा गया है और उच्च सतर्कता बरती जा रही है ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस समय पर पहुंच सकें। यह सभी काम इस तरह किया जा रहा है कि अन्य माल ढ़ुलाई परिचालन में कमी नहीं आए। नई ऑक्सीजन लेकर जाना बहुत ही गतिशील कार्य है और आंकड़े हर समय बदलते रहते हैं। देर रात ऑक्सीजन से भरी और अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां यात्रा प्रारंभ करेंगी। रेलवे ने ऑक्सीजन सप्लाई स्थानों के साथ विभिन्न मार्गों की मैपिंग की है और राज्यों की बढ़ती हुई आवश्यकता के अनुसार अपने को तैयार ऱखा है। भारतीय रेल को एलएमओ लाने के लिए टैंकर राज्य प्रदान करते हैं। 

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