चंबल में जेल की छत ढही, मलबे के नीचे दबकर 21 से ज्यादा कैदी घायल

जेल की मरम्मत कराने के लिए साल 2008 में पहली बार संबंधित विभाग को चिट्ठी लिखी गई थी, लेकिन इसके बावजूद किसी ने समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। नतीजा यह हुआ कि इस बार की बारिश में न केवल जेल की छत बल्कि दीवारें भी भरभरा कर ढह गईं।;

Update: 2021-07-31 14:25 GMT

मध्यप्रदेश के भिंड में जेल की छत ढहने से 21 से ज्यादा कैदी मलबे के नीचे दबकर घायल हो गए। हादसे के बाद जेल परिसर में अफरातफरी मच गई। सूचना मिलने पर बचाव टीमें मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेल परिसर को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है। यहां बंद 250 से ज्यादा कैदियों को ग्वालियर स्थित सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया है। बताया जा रहा है कि इस जेल की दीवारें और छत ढहने की आशंका काफी पहले से जताई जा रही थी। यह जेल करीब 65 साल पुरानी है। 

जेल की मरम्मत कराने के लिए साल 2008 में पहली बार संबंधित विभाग को चिट्ठी लिखी गई थी, लेकिन इसके बावजूद किसी ने समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। नतीजा यह हुआ कि इस बार की बारिश में न केवल जेल की छत बल्कि दीवारें भी भरभरा कर ढह गईं। हादसे में 21 कैदियों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है। जेल अधीक्षक मनोज साहू का कहना है कि जेल की दीवार और छत ढहने का वास्तविक कारण जानने के लिए जांच कराई जाएगी। 

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